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Interest rate hike due : जुलाई-सितंबर 2024 तिमाही के लिए तमाम लघु बचत योजनाओं की नई ब्याज दरों का एलान 30 जून तक होना है. (Image : Pixabay)
PPF, SCSS, SSY Interest rate hike due for July-September 2024: केंद्र सरकार को जुलाई-सितंबर 2024 तिमाही के लिए पीपीएफ, सीनियर सिटिजन्स सेविंग्स स्कीम और सुकन्या समृद्धि योजना समेत तमाम लघु बचत योजनाओं के लिए नई ब्याज दरों का एलान इसी 30 जून तक करना है. ऐसे में तमाम रिटेल निवेशकों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि क्या सरकार इस बार अन्य योजनाओं के साथ-साथ पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) पर मिलने वाली ब्याज दरें भी बढ़ाएगी? ऐसा इसलिए क्योंकि सरकार ने पीपीएफ पर इंटरेस्ट में पिछले 4 साल से कोई बढ़ोतरी नहीं की है.
ब्याज दरों की समीक्षा का मौका
सरकार को अगली तिमाही के लिए जिन स्मॉल सेविंग्स स्कीम्स के लिए नई ब्याज दरों का एलान 30 जून 2024 तक करना है, उनमें पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) के अलावा सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम्स (SCSS), नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC), सुकन्या समृद्धि योजना (SSY), पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम (POMIS) और अन्य छोटी बचत योजनाएं शामिल हैं. इनमें PPF के निवेशक सबसे लंबे समय से ब्याज दर में बढ़ोतरी का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.
आखिरी बार 2020 में बढ़ा था PPF पर ब्याज
पीपीएफ की ब्याज दर (PPF Interest Rate) में आखिरी बार इजाफा 2020 की अप्रैल-जून तिमाही के लिए किया गया था. तब से अब तक, यानी पिछले 4 साल से इस पर सालाना 7.1% ब्याज ही मिल रहा है. जबकि इसी अवधि के दौरान केंद्र सरकार ने ज्यादातर अन्य छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में 40 बेसिस प्वाइंट (BPS) से लेकर 150 बीपीएस तक का इजाफा किया है. इस वक्त प्रमुख लघु बचत योजनाओं में पीपीएफ की ब्याज दर बाकी कई स्कीम के मुकाबले काफी कम है. इसकी तुलना में SSY पर 8.2 फीसदी, SCSS पर 8.2 फीसदी और NCS पर 7.7 फीसदी ब्याज मिल रहा है. यहां तक कि पोस्ट ऑफिस के 5 साल से टाइम डिपॉजिट पर भी 7.5 फीसदी ब्याज मिल रहा है. यही वजह है कि लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि क्या सरकार इस बार पीपीएफ में निवेश करने वालों के साथ भी इंसाफ करेगी?
PPF की ब्याज दर तय करने का फॉर्मूला
छोटी बचत योजनाओं (Small Savings Schemes) की ब्याज दरें तय करने के लिए एक फॉर्मूला बना हुआ है. इस फॉर्मूले के तहत PPF, SCSS, SSY समेत तमाम स्मॉल सेविंग्स स्कीम की ब्याज दरों को 10 साल वाली सरकारी सिक्योरिटीज (10-year G-Secs) के सेकेंडरी मार्केट यील्ड से लिंक किया गया है. हर तिमाही में किसी स्कीम की ब्याज दर क्या होनी चाहिए, इसका कैलकुलेशन इस आधार पर होता है कि पिछली तिमाही के दौरान उतने ही मेच्योरिटी पीरियड वाली G-Secs की औसत मार्केट यील्ड क्या रही है. हर स्कीम के लिए इस यील्ड पर एक मार्क-अप यानी उसके ऊपर का मार्जिन तय है. केंद्र सरकार हर तिमाही के बाद इसी आधार पर ब्याज दरों की समीक्षा करती है. यह काम छोटी बजट योजनाओं की ब्याज दरों को बाजार से जोड़ने के लिए आरबीआई की श्यामला गोपीनाथ कमेटी द्वारा 2011 की गई सिफारिशों के आधार पर होता रहा है. पीपीएफ की ब्याज दर भी इसी तरीके से तय होनी चाहिए.
कितनी होनी चाहिए PPF की ब्याज दर?
वित्त मंत्रालय द्वारा 2016 में नोटिफाइड फॉर्मूले के मुताबिक पीपीएफ की ब्याज दर बेंचमार्क G-Sec की बॉन्ड यील्ड से 25 बीपीएस ज्यादा होनी चाहिए. मार्च से मई 2024 के दौरान बेंचमार्क 10-साल की बॉन्ड यील्ड औसतन 7.02% रही है. ऐसे में फॉर्मूले के हिसाब से पीपीएफ की ब्याज दर इससे 25 बेसिस प्वाइंट ऊपर होनी चाहिए. यानी अगर सरकार इस फॉर्मूले को मान ले, तो जुलाई 2024 से पीपीएफ की ब्याज दर 7.27% के आसपास तय की जानी चाहिए.
क्या सरकार बढ़ाएगी PPF पर ब्याज?
सरकार के लिए पीपीएफ या अन्य छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरें तय करने के लिए श्यामला गोपीनाथ समिति के सुझाए फॉर्मूले का पालन करना जरूरी नहीं है. एतिहासिक रूप से सरकार पहले कई बार इस फॉर्मूले से अलग फैसले करती रही है. पिछले 4 साल में पीपीएफ की ब्याज दरों के मामले में भी ऐसा ही हुआ है. इसलिए जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए पीपीएफ की ब्याज दरों में इस फॉर्मूले के आधार पर बढ़ोतरी होना जरूरी नहीं है. जानकारों का मानना है कि पीपीएफ में निवेश को इनकम टैक्स के नियमों में ट्रिपल ई (E-E-E) बेनिफिट मिलता है. इसलिए सरकार इसकी ब्याज दरें बढ़ाने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाती है. हालांकि सुकन्या समृद्धि योजना में भी यही लाभ मिलने के बावजूद ब्याज दरें बढ़ाई गई हैं.