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Advance Tax Due Date: एडवांस टैक्स की तीसरी तीसरी किस्त का भुगतान करने की डेडलाइन 15 दिसंबर है. (Image : Pixabay)
Advance tax third instalment deadline: देश के इनकम टैक्स भरने वालों के लिए एक बेहद महत्वपूर्ण डेडलाइन बिलकुल सिर पर आ चुकी है. हम बात कर रहे हैं 15 दिसंबर की, जो एडवांस टैक्स (Advance Tax) की तीसरी किस्त (third instalment) भरने की अंतिम तारीख है. अगर आप भी उन लोगों की कैटेगरी में आते हैं, जिनके लिए एडवांस टैक्स भरना जरूरी है, तो इस डेडलाइन के गुजरने से पहले यह काम पूरा कर लें. वरना आगे चलकर आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है. लेकिन सबसे पहले तो यह जानना जरूरी है कि आप एडवांस टैक्स के दायरे में आते हैं या नहीं. बहुत से सैलरीड यानी वेतनभोगी लोग भी टीडीएस कटने के बावजूद एडवांस टैक्स के दायरे में आ जाते हैं. लिहाजा आपके लिए यह चेक करना जरूरी है कि कहीं ये प्रावधान आप पर भी लागू तो नहीं होते.
किनके लिए जरूरी है एडवांस टैक्स का भुगतान?
वे सभी लोग जिनकी पूरे साल की इनकम टैक्स लायबिलिटी, टीडीएस को घटाने के बाद भी 10,000 रुपये से ज्यादा होती है, उनके लिए एडवांस टैक्स का भुगतान जरूरी है. ये पढ़ने के बाद कहीं आप ये तो नहीं सोच रहे कि आप तो सैलरी पाने वाले व्यक्ति हैं, जिनका टीडीएस हर महीने कटता है, फिर भला आपको एडवांस टैक्स पेमेंट के बारे में फिक्र करने की क्या जरूरत है? लेकिन ऐसा नहीं है. वे लोग जिन्हें वेतन के अलावा अन्य तरीकों से भी आमदनी होती है, एडवांस टैक्स के दायरे में आ सकते हैं. मिसाल के तौर पर अगर आपको किसी मकान से किराए के तौर पर पैसे मिलते हैं या शेयर, म्यूचुअल फंड या किसी और संपत्ति को बेचने पर कैपिटल गेन होता है या आप कोई लॉटरी जीत जाते हैं, तो आप एडवांस टैक्स भुगतान के दायरे में आ सकते हैं.
किन लोगों को नहीं देना होगा एडवांस टैक्स?
ऐसे सीनियर सिटिजन, यानी 60 साल या उससे अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिक, जिनकी बिजनेस या प्रोफेशन से आमदनी नहीं है, वे एडवांस टैक्स का भुगतान करने के लिए जिम्मेदार नहीं हैं. ऐसे सैलरीड लोगों को भी एडवांस टैक्स भरने की जरूरत नहीं है, जिनके पास वेतन के अलावा आय का दूसरा कोई जरिया नहीं है और उनके वेतन से हर महीने टीडीएस कटता है.
कब-कब भरना होता है एडवांस टैक्स?
एडवांस टैक्स का मतलब है वह इनकम टैक्स, जो उसी वित्त वर्ष के दौरान भरना होता है, जिस वित्त वर्ष में आय अर्जित की जाती है. इस टैक्स का भुगतान हर साल 4 किस्तों में इस हिसाब से करना होता है:
पहली किस्त, 15 जून को या उससे पहले : कुल टैक्स देनदारी का 15% हिस्सा.
दूसरी किस्त, 15 सितंबर को या उससे पहले: कुल टैक्स देनदारी का 45% हिस्सा (पहले भुगतान किए जा चुके एडवांस टैक्स को घटाकर).
तीसरी किस्त, 15 दिसंबर को या उससे पहले : कुल टैक्स देनदारी का 75% हिस्सा (पहले भुगतान किए जा चुके एडवांस टैक्स को घटाकर).
चौथी किस्त, 15 मार्च को या उससे पहले : कुल टैक्स देनदारी का 100% हिस्सा (पहले भुगतान किए जा चुके एडवांस टैक्स को घटाकर).
तय डेडलाइन के भीतर एडवांस टैक्स नहीं भरने पर आयकर विभाग नियमों के अनुसार जुर्माना लगा सकता है.
एडवांस टैक्स का कैलकुलेशन
एडवांस टैक्स का कैलकुलेशन उस वित्त वर्ष के लिए पहले से अनुमानित आय के आधार पर किया जाता है. इसमें कर योग्य आय का कैलकुलेशन कुल अनुमानित आय में से डिडक्शन और एग्जम्पशन को घटाने के बाद किया जाता है. (Estimated total income - Deductions - Exemptions = Taxable income). एडवांस टैक्स की दर करदाता के इनकम टैक्स स्लैब या कॉर्पोरेट टैक्स रेट के हिसाब से तय होती है.
एडवांस टैक्स का भुगतान कैसे करें
एडवांस टैक्स का भुगतान ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से किया जा सकता है. ऑनलाइन भुगतान के लिए, टैक्स पेयर इनकम टैक्स विभाग के ई-भुगतान पोर्टल या अधिकृत बैंकों में उपलब्ध सुविधाओं का इस्तेमाल कर सकते हैं. एडवांस टैक्स का ऑफ़लाइन भुगतान बैंक शाखाओं में चालान जमा करके किया जा सकता है. हालांकि उन सभी कंपनियों और करदाताओं के लिए ई-भुगतान करना जरूरी है, जिनके खातों का ऑडिट, इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 44Ab के तहत (Section 44AB of the Income Tax Act, 1961) किया जाना अनिवार्य है.