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2024 में यूपीआई पेमेंट पर लागू किए गए नए नियमों के बारे में आइए एक-एक कर जानते हैं.
साल बदलने के साथ ही देश के कई में बदलाव हुए हैं. फाइनेंस सेक्टर में हुए बदलाव के साथ-साथ यूपीआई के नियम भी बदल गए हैं. ऑनलाइन बैंकिंग और पेमेंट ट्रांजेक्शन में नए नियम लागू किए गए हैं. मोबाइल-आधारित मनी ट्रांसफर सिस्टम यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) देश की सबसे तेजी से बढ़ती पेमेंट मेथड के रूप में उभरा है. इसके आने से देशभर में डिजिटल लेनदेन में भारी बढ़त हुई है. यूपीआई पेमेंट की पहुंच को व्यापक बनाने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने नए साल में 1 जनवरी, 2024 से कुछ उपाय और बदलाव लागू किए. ये बदलाव सीधे आम लोगों को प्रभावित करेंगे और इसलिए इसके बारे में सभी लोगों जानना जरूरी है. 2024 में यूपीआई पेमेंट पर लागू किए गए नए नियमों के बारे में आइए एक-एक कर जानते हैं.
1. इन-एक्टिव यूपीआई आईडी हुए डि-एक्टिवेट
ऐसे UPI ID जो पिछले सालभर या उससे अधिक समय से इस्तेमाल में नहीं हैं वे नए साल में डि-एक्टिवेट हो जाएंगे. NPCI ने गूगल पे (Google Pay), पेएटीएम (Paytm) और फोन-पे (PhonePe) जैसे डिजिटल पेमेंट ऐप को निर्देश दिए हैं कि इन-एक्टिव पड़े UPI ID को पहली जनवरी से डि-एक्टिवेट की जाए.
2. सेकेंडरी मार्केट के लिए UPI
NPCI की ओर से इस साल सेकेंडरी मार्केट यानी शेयर मार्केट के लिए यूपीआई ट्रांजेक्शन फैसिलिटी शुरू की जानी है. जिसका नाम यूपीआई फॉर सेकेंडरी मार्केट है. यह ग्राहकों के सीमित समूह के लिए उपलब्ध है. पायलट प्रोजेक्ट के दौरान, निवेशक अपने बैंक खातों में फंड को ब्लॉक कर सकते हैं, जिसे सिर्फ सेटलमेंट के दौरान ट्रेड की पुष्टि होने पर क्लियरिंग कॉरपोरेशन द्वारा डेबिट किया जा सकेगा. क्लियरिंग कॉर्पोरेशन इन ग्राहकों को सीधे T+1 आधार पर भुगतान की प्रक्रिया करेगा. अभी तक इस तरह की फैसिलिटी IPO की बिडिंग में UPI के जरिए पेमेंट होते रहे हैं. ऐसे में जब IPO के लिए अप्लाई किया जाता है तो उसका पैसा इन्वेस्टर्स के अकाउंट में ही ब्लॉक हो जाता है और जब शेयर्स इश्यू होता है तब अमाउंट डेबिट हो जाता है. इसी तर्ज पर शेयर बाजार में स्टॉक्स खरीदने पर जितना भी अमाउंट होगा वह आपके अकाउंट में ब्लॉक हो जाएगा. इसके बाद जब सेटलमेंट होगा तो इन्वेस्टर्स के अकाउंट से पैसा डेबिट हो जाएगा.
3. ट्रांजेक्शन लिमिट का दायरा बढ़ा
अब अलग-अलग कंपनी और ऑर्गेनाइजेशन अलग-अलग ट्रांजेक्शन लिमिट बनाकर चल रही थी जैसे अधिकतम 20 ट्रांजेक्शन या एक लाख रुपये तक पेमेंट थोड़ी-थोड़ी बनाकर चल रही थी लेकिन NPCI के निर्देश पर नए साल में अस्पतालों और शैक्षणिक संस्थानों को छोड़कर शेयर खरीदने, इंश्योरेंस खरीदने जैसे हर तरीके के पेमेंट के लिए हर दिन अधिकतम एक लाख रुपये तक का ट्रांजेक्शन कर सकते हैं. RBI ने मॉनेटरी पॉलिसी की बैठक के बाद 8 दिसंबर 2023 को फैसला किया था कि अस्पतालों और शैक्षणिक संस्थानों से जुड़े 5 लाख रुपये तक पेमेंट्स UPI फेसिलिटी के जरिए कर सकते हैं. नए साल में यह नियम लागू हो गया है.
4. यूपीआई-एटीएम से निकाल सकते हैं पैसे
नए साल में एसी बनाने वाली जापान की कंपनी हिताची (Hitachi) भारत में एटीएम तैयार करेगी जो यूपीआई के माध्यम से पैसा निकालने में मदद करेंगे. यह कैसे काम करेगा इसके बारे में उदाहरण से समझिए. मिसाल के तौर पर एटीएम पर गए QR कोड स्कैन किए. अब सारी डिटेल स्क्रीन पर नजर आएगी. अब आपसे पूछा जाएगा कितना पैसा निकालना है किस अकाउंट से डेबिट करना है ये सब जरूरी जानकारी देखर पैसे निकाल सकेंगे. ये सब सुविधाएं RBI और NPCI के साथ मिलकर यूपीआई लेकर आ रही है.
5. UPI के जरिए पहली बार पेमेंट करने पर 4 घंटे होगी डिले
अगर आप UPI के जरिए पहली बार किसी को पेमेंट कर रहे हैं तो ऐसे ट्रांजेक्शन पर 4 घंटे की डिले सेट की गई है. मिसाल के तौर पर समझिए पहली बार आप किसी दुकान पर गए और 2000 रुपये से अधिक का सामान खरीदा और उसका भुगतान 4 घंटे बाद डिले के साथ रिफ्लेक्ट होगा. यह टाइम गैप इसलिए लगाता गया है ताकि फ्रॉड, स्कैम या धोखाधड़ी पर लगाम लगाया जा सके. ऐसे में डिजिटल पेमेंट के कम इस्तेमाल किए जाने की संभावना है. डिले की वजह से लोग पैसे लेने से बचेंगे. साइबर सिक्योरिटी को बढ़ावा देने के लिए और ऑनलाइन पेमेंट फ्रॉड से बचने के लिए यूपीआई के जरिए पहली बार किसी को 2000 रुपये से अधिक की पेमेंट हुई हो तो उस पर ये लिमिट डाली गई है.
अगस्त 2023 तक, यूपीआई ने 10 बिलियन लेनदेन को पार करते हुए एक प्रभावशाली उपलब्धि हासिल की. एनपीसीआई के एक सीनियर अफसर ने उम्मीद जताते हुए कहा कि देश में हर महीने 100 अरब यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) लेनदेन को संसाधित करने की क्षमता है.