scorecardresearch

Career in gaming: भारतीय गेमिंग इंडस्ट्री में बढ़े करियर के मौके, 45% से ज्यादा सीरियस गेमर कमा रहे 6 से 12 लाख रुपये

Indian gaming industry: एक ताजा स्टडी के मुताबिक गेमिंग अब सिर्फ देश के महानगरों तक सीमित नहीं है, सीरियस गेमर्स में 75% जेनरेशन जेड के युवा और 67% मिलेनियल्स शामिल हैं. इनमें महिलाओं की संख्या भी अच्छी-खासी है.

Indian gaming industry: एक ताजा स्टडी के मुताबिक गेमिंग अब सिर्फ देश के महानगरों तक सीमित नहीं है, सीरियस गेमर्स में 75% जेनरेशन जेड के युवा और 67% मिलेनियल्स शामिल हैं. इनमें महिलाओं की संख्या भी अच्छी-खासी है.

author-image
Viplav Rahi
New Update
Careers in gaming industry, Indian gaming industry, Career opportunities in gaming industry, भारतीय गेमिंग इंडस्ट्री में करियर के मौके, सीरियस गेमर्स की सालाना कमाई, serious gamers earning above Rs 6 lakh annually, HP India Gaming Landscape Study 2023, एचपी इंडिया गेमिंग लैंडस्केप स्टडी 2023

Indian gaming industry: एचपी इंडिया गेमिंग लैंडस्केप स्टडी 2023 से पता चला है कि भारत में गेमिंग इंडस्ट्री का तेजी से विस्तार हो रहा है और सीरियस गेमर इसे अच्छी-खासी कमाई भी करने लगे हैं. (Image : Pixabay)

Career opportunities increase in Indian gaming industry: भारत में गेमिंग इंडस्ट्री कितनी तेजी से आगे बढ़ रही है, इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि देश के 45 फीसदी से ज्यादा सीरियस गेमर्स इसके जरिए साल में 6 लाख रुपये से ज्यादा कमा रहे हैं. यह बात एचपी इंडिया गेमिंग लैंडस्केप स्टडी (HP India Gaming Landscape Study 2023) में सामने आई है. एचपी इंडिया की तरफ से कराई गई इस स्टडी में 15 शहरों के 3,000 गेमर्स को शामिल किया गया. खास बात ये है कि इस स्टडी में पहली बार 500 पेरेंट्स को भी शामिल किया गया, जिससे पता चला कि पिछले कुछ बरसों के दौरान में भारत में गेमिंग के बारे में अभिभावकों की सोच में भी पॉजिटिव चेंज यानी सकारात्मक बदलाव आया है. 

भारत दुनिया का तीसरा पीसी गेमिंग देश बनकर उभरा : दासगुप्ता 

स्टडी से पता चलता है कि भारत में ईस्पोर्ट्स इंडस्ट्री में हो रही तरक्की ने देश के गेमर्स को बहुत फायदा पहुंचाया है. उनके पास इस इंडस्ट्री में करियर के मौके बढ़े हैं और उन्हें ज्यादा कमाई करने के मौके भी मिल रहे है. स्टडी से पता चलता है कि भारत में गेमिंग से होने वाली आय 2022 की तुलना में 2023 में तेजी से बढ़ी है. स्टडी में शामिल 45 फीसदी से ज्यादा सीरियस गेमर्स ने बताया कि गेमिंग से उनकी सालाना कमाई 6 से 12 लाख रुपये तक है.इसका मतलब ये है कि अब गेमिंग सिर्फ एंज्वॉय करने का जरिया ही नहीं रह गया है, बल्कि गेमिंग की मदद से नौजवान पीढ़ी पैसे और पहचान भी कमा रही है. एचपी इंडिया मार्केट की सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और मैनेजिंग डायरेक्टर इप्सिता दासगुप्ता के मुताबिक 'भारत वैश्विक स्तर पर तीसरा पीसी गेमिंग देश बनकर उभरा है. इस स्टडी से हमें गेमिंग की दुनिया को गहराई से समझने का मौका मिला है और गेमर्स के उत्साह और उनकी महत्वाकांक्षा की तस्वीर भी सामने आई है.'

स्पॉन्सरशिप और ई-स्पोर्ट्स टूर्नामेंट कमाई का बड़ा जरिया बने

Advertisment

स्टडी के मुताबिक स्पॉन्सरशिप और ई-स्पोर्ट्स टूर्नामेंट सीरियस गेमर्स के लिए कमाई का बड़ा जरिया बनकर उभरे हैं, जिससे गेमिंग कम्युनिटी का बढ़ता महत्व भी सामने आ रहा है. भारत में गेमिंग इंडस्ट्री गेमर्स को कई करियर विकल्पों में हाथ आजमाने का मौका भी दे रही है.स्टडी में शामिल लोगों ने बताया कि गेमर होने के साथ ही साथ वे आगे चलकर इन्फ्लूएंसर के रूप में काम करना चाहते हैं या ईस्पोर्ट्स मैनेजमेंट में भी अपना करियर बनाने की सोच रहे हैं. एचपी इंडिया मार्केट के सीनियर डायरेक्टर (पर्सनल सिस्टम्स) विक्रम बेदी का कहना है कि ईस्पोर्ट्स इंडस्ट्री बढ़ रही है और इससे गेमर्स को कई तरह के करियर ऑप्शन भी मिल रहे हैं. उन्होंने भरोसा जाहिर किया कि भारतीय नौजवानों में न सिर्फ देश को ग्लोबल ईस्पोर्ट्स एरेना बनाने की क्षमता है, बल्कि वे इस इंडस्ट्री में एंटरप्रेन्योरशिप के नए मौके भी पैदा कर सकते हैं. उनका कहना है कि एचपी की गेमिंग गैराज जैसी पहल का मकसद ऐसे ही युवाओं को आगे बढ़ने में मदद करना है. 

Also read : मोबाइल फोन, टीवी-फ्रिज से लेकर गारमेंट्स पर ऑफर्स की बहार, शॉपिंग पर 90% तक छूट

गेमिंग के बारे में पैरेंट्स का नजरिया भी बदला

एचपी इंडिया गेमिंग लैंडस्केप स्टडी 2023 में पेरेंट्स को शामिल किए जाने से यह भी पता चला है कि भारत में गेमिंग के बारे में माता-पिता के नजरिये में भी सकारात्मक बदलाव आ रहा है.स्टडी में शामिल 42 फीसदी अभिभावक गेमिंग को शौक के रूप में स्वीकार करते हैं, जबकि 40 प्रतिशत अभिभावकों ने माना कि पिछले कुछ बरसों में गेमिंग के बारे में  उनकी सोच में सकारात्मक बदलाव आया है. हालांकि उन्हें यह चिंता अब भी रहती है कि गेमिंग करियर में स्थायित्व कितना है. साथ ही इसकी वजह से युवाओं के सामाजिक रूप से अलग-थलग रहने की आशंका भी उन्हें परेशान करती है. 

Also read : Fraud Alert: रिस्‍की है फोन पर कार्ड डिटेल देना, शॉपिंग में लग सकती है लाखों की चपत, फ्रॉड से बचने के लिए करें ये उपाय

देशभर में बढ़ रही है गेमिंग

स्टडी से यह भी पता चला है कि गेमिंग अब भारत के मेट्रो शहरों या महानगरों तक सीमित नहीं है. नॉन-मेट्रो शहरों में भी सीरियस गेमर्स की संख्या बढ़ रही है. इसी तरह गेमिंग किसी खास आबादी तक भी सीमित नहीं है. स्टडी के मुताबिक सीरियस गेमर्स में 75 फीसदी जेनरेशन जेड और 67 फीसदी मिलेनियल्स हैं. स्टडी में शामिल 58 फीसदी महिलाओं की पहचान सीरियस गेमर्स के रूप में हुई है. यह भी देखा गया कि हर तीसरा गेमर इससे कुछ कमाई करने या पहचान पाने के लिए जुड़ता है.

Online Gaming HP India Gaming