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ChatGPT अब नहीं भूलेगा आपकी बात, OpenAI ने ये नया फीचर जोड़ा

ChatGPT Memory Feature: नए ममोरी फीचर की मदद से अब ChatGPT यूजर के साथ पहले हुई बातचीत को याद रख सकेगा और भविष्य की बातचीत उसी के आधार पर ज़्यादा सटीक और व्यक्तिगत बना पाएगा.

ChatGPT Memory Feature: नए ममोरी फीचर की मदद से अब ChatGPT यूजर के साथ पहले हुई बातचीत को याद रख सकेगा और भविष्य की बातचीत उसी के आधार पर ज़्यादा सटीक और व्यक्तिगत बना पाएगा.

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FE Hindi Desk
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OpenAI AI chatbot ChatGPT

Memory फीचर को लेकर कंपनी का कहना है कि यह अपडेट चैटबॉट के टेक्स्ट, वॉइस और इमेज जनरेशन क्षमताओं को और भी बेहतर बनाएगा. (Image: FE File)

ओपनएआई (OpenAI) ने अपने लोकप्रिय एआई चैटबॉट ChatGPT में एक नया फीचर लॉन्च किया है. जिससे अब ChatGPT यूजर के साथ पहले हुई बातचीत को याद रख सकेगा और भविष्य की बातचीत उसी के आधार पर ज्यादा सटीक बना पाएगा. कंपनी (OpenAI) का दावा है कि यह अपडेट चैटबॉट के टेक्स्ट, वॉइस और इमेज जनरेशन क्षमताओं को और भी बेहतर बनाएगा.

यह नया फीचर रिफरेंस सेव्ड मेमोरीज (Reference Saved Memories) नाम से ChatGPT की सेटिंग्स में नजर आएगा. इसका मुख्य उद्देश्य है कि ChatGPT यूजर की प्राथमिकताओं, पसंद-नापसंद या किसी भी बार-बार बताई जाने वाली जानकारी को याद रखे, जिससे बातचीत अधिक सहज और समय बचाने वाली बन सके.

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फिलहाल इन यूजर्स के लिए उपलब्ध

OpenAI ने साफ तौर कहा है कि Reference Saved Memories यानी Memory फीचर सबसे पहले सिर्फ उन यूजर्स को मिलेगा जो ChatGPT Pro या Plus का पेमेंट करके सर्विस का इस्तेमाल कर रहे हैं या करेंगे. वहीं ब्रिटेन, यूरोपियन यूनियन, आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड जैसे देशों में यह फीचर कुछ देरी से आएगा, क्योंकि वहां की डेटा गोपनीयता नीतियों के तहत पहले अतिरिक्त समीक्षा की आवश्यकता है. कंपनी ने यह भी कहा कि वह इन सेक्टर्स में भी जल्द से जल्द यह सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है.

फ्री यूजर्स को अभी इंतजार करना होगा

जो यूजर ChatGPT का मुफ्त वर्जन इस्तेमाल करते हैं, उनके लिए यह फीचर फिलहाल उपलब्ध नहीं कराया गया है. OpenAI ने कहा है कि उनका फिलहाल पूरा ध्यान भुगतान करने वाले ग्राहकों तक इस सुविधा को पहुंचाने पर है.

यूजर को मिलेगी निजता और नियंत्रण की सुविधा

जहां एक ओर यह फीचर बातचीत को व्यक्तिगत बनाने के लिए बेहद उपयोगी है, वहीं कुछ यूजर्स अपनी जानकारी को सेव किए जाने को लेकर चिंतित हो सकते हैं. OpenAI ने इस पर भी ध्यान दिया है. यूज़र सेटिंग्स में जाकर इस Memory फीचर को पूरी तरह बंद कर सकते हैं या यह तय कर सकते हैं कि कौन-सी जानकारी सेव हो और कौन-सी नहीं.

इसके अलावा, यूज़र ChatGPT से पूछ सकते हैं कि वह उनके बारे में क्या-क्या याद रखता है और “Temporary Chat” का विकल्प भी चुन सकते हैं ताकि वह विशेष बातचीत सेव न हो.

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अब मैनुअल नहीं, ऑटोमैटिक प्रोसेस

पिछले साल OpenAI ने एक फीचर शुरू किया था जिसमें यूज़र ChatGPT को मैनुअली बता सकते थे कि क्या याद रखना है और क्या नहीं. लेकिन अब यह प्रक्रिया और भी आसान और ऑटोमैटिक हो गई है. जिन यूज़र्स ने पहले से Memory फीचर ऑन किया हुआ था, उनके लिए यह नया अपडेट अपने आप चालू हो जाएगा.

कुल मिलाकर, यह Memory फीचर ChatGPT को एक और कदम इंसानी समझ और व्यक्तिगत सहायक की दिशा में आगे ले जा रहा है. यह ना सिर्फ बातचीत को अधिक प्राकृतिक बनाएगा, बल्कि यूज़र अनुभव को भी पूरी तरह से नया रूप देगा.

क्या है चैटजीपीटी?

चैटजीपीटी एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence - AI) पर आधारित कंप्यूटर प्रोग्राम है, जिसे OpenAI नाम की कंपनी ने बनाया है. यह एक ऐसा सिस्टम है जो इंसानों की तरह बातें समझ सकता है और जवाब दे सकता है. जब आप चैटजीपीटी से कोई सवाल पूछते हैं या बात करते हैं, तो यह आपके शब्दों को ध्यान से पढ़ता है, समझता है कि आप क्या कहना चाहते हैं, और फिर अपने पास मौजूद ज्ञान के आधार पर जवाब तैयार करता है. इसका मकसद है – आपके सवाल का ऐसा जवाब देना, जो समझदारी भरा, सही और इंसानी अंदाज़ में हो.

Artificial Intelligence Chatgpt