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Alert for Chrome Users: गूगल क्रोम में छिपा है कौन सा रिस्क, जिसके लिए सरकार ने बजाई खतरे की घंटी?

High Risk Alert for Google Chrome Users: भारत सरकार की सायबर सिक्योरिटी एजेंसी Cert-In ने गूगल क्रोम इस्तेमाल करने वालों के लिए क्यों जारी किया 'हाई रिस्क अलर्ट', अब क्या करना चाहिए आपको?

High Risk Alert for Google Chrome Users: भारत सरकार की सायबर सिक्योरिटी एजेंसी Cert-In ने गूगल क्रोम इस्तेमाल करने वालों के लिए क्यों जारी किया 'हाई रिस्क अलर्ट', अब क्या करना चाहिए आपको?

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FE Hindi Desk
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Google Chrome में कई ऐसी कमजोरियों का पता चला है, जिनके कारण सायबर अटैक करने वाले आपके सिस्टम पर हमला करके अपने मनचाहे कोड एक्जीक्यूट कर सकते हैं. (Image : Pixabay)

High Risk Alert for Google Chrome users by Indian government: दुनिया के सबसे पॉपुलर ब्राउज़र गूगल क्रोम को इस्तेमाल करने वाले करोड़ों लोगों के लिए एक 'हाई रिस्क अलर्ट' जारी हुआ है. खास बात ये है कि इस अलर्ट को भारत सरकार की महत्वपूर्ण एजेंसी - कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (Cert-In) ने अपनी लेटेस्ट सिक्योरिटी एडवाइजरी के तहत जारी किया है. देश की सायबर सिक्योरिटी (Cyber Security) के लिए काम करने वाली यह टीम साइबर अटैक जैसे खतरों से आगाह करने और उनसे निपटने की जिम्मेदारी निभाने वाली भारत सरकार की शीर्ष एजेंसी है. ऐसे में उसके जारी किए हाई रिस्क  अलर्ट को गंभीरता से लेना जरूरी है. सबसे पहले यह जानते हैं कि सर्ट-इन ने गूगल क्रोम में छिपे किस खतरे की बात की है, ताकि आप उससे बचने के लिए जरूरी कदम उठा सकें.

हाई रिस्क अलर्ट में क्या है? 

भारत सरकार की सायबर सिक्योरिटी एजेंसी ने अपनी लेटेस्ट सिक्योरिटी एडवाइजरी में कहा है कि गूगल क्रोम (Google Chrome) में कई कमजोरियों (multiple vulnerabilities) का पता चला है, जिसके कारण दूर बैठे-बैठे सायबर अटैक करने वाले रिमोट अटैकर किसी भी टारगेट सिस्टम पर हमला करके अपने मनचाहे कोड एक्जीक्यूट कर सकते हैं. आसान शब्दों में कहें तो आपके सिस्टम को 'हैक' कर सकते हैं. CERT-In के मुताबिक गूगल क्रोम की ये कमजोरियां विंडोज़ (Windows), मैक (Mac) और लिनक्स (Linux) - तीनों ही ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलने वाले कंप्यूटर्स को प्रभावित कर सकती हैं. एडवाइजरी के मुताबिक गूगल क्रोम के v122.0.6261.57 या उससे पुराने वर्जन में इन कमजोरियों का ज्यादा असर देखा गया है. एडवाइजरी के मुताबिक गूगल ने बताया है कि उसने इन कमजोरियों का पता लगाने के लिए रिसर्चर्स को 28,000 डॉलर का भुगतान किया है. 

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गूगल ने जारी किया सिक्योरिटी फिक्स

सर्ट-इन ने अपनी एडवाइजरी में बताया है कि ब्राउजर की सिक्योरिटी से जुड़ी इन खामियों को दूर करने के लिए गूगल ने क्रोम के लेटेस्ट वर्जन में 12 सिक्योरिटी फिक्स जारी किए हैं. इनमें से दो फिक्स को बेहद गंभीर गड़बड़ियां (high-severity flaws), 5 को मध्यम स्तर की गंभीरता वाली खामियां (medium-severity vulnerabilities) और एक को कम गंभीरता वाली गड़बड़ी (low severity) बताया है.

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अब क्या करना चाहिए आपको?

भारत सरकार की सायबर सिक्योरिटी एजेंसी सर्ट-इन ने गूगल क्रोम (Google Chrome) इस्तेमाल करने वाले सभी लोगों को हिदायत दी है कि वे अपने ब्राउज़र को फौरन अपडेट करके लेटेस्ट वर्जन को इंस्टाल कर लें. यह हिदायत विंडोज़ (Windows) ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलने वाले कंप्यूटर इस्तेमाल करने वालों के साथ ही साथ एपल के बने मैक (Mac) कंप्यूटर चलाने वालों और लिनक्स (Linux) ऑपरेटिंग सिस्टम के यूजर्स के लिए भी दी गई है.

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Google Chrome का लेटेस्ट वर्जन कैसे इंस्टाल करें? 

1. Google Chrome को अपडेट करने के लिए सबसे पहले अपने कंप्यूटर का ब्राउज़र खोलें और स्क्रीन के सबसे ऊपर दाईं ओर, अपने प्रोफ़ाइल चित्र के बगल में दिखाई देने वाले तीन डॉट्स (vertical dots) पर क्लिक करें.

2. ऐसा करने के बाद आपको एक ड्रॉप-डाउन मेनू दिखाई देगा. वहां Help पर टैप करने के बाद About Google Chrome पर क्लिक करें. 

3. जैसे ही आप About Chrome पर क्लिक करेंगे, आपके Google Chrome को अपडेट करने की प्रॉसेस शुरू हो जाएगी और आपकी स्क्रीन पर 'Updating Chrome' का मैसेज और अपडेशन का परसेंटेज दिखाई देने लगेगा. 

4. अपडेट करने की प्रॉसेस पूरी हो जाने के बाद आपको ‘Relaunch’ के बटन पर क्लिक करना होगा. इसके साथ ही आपके Google Chrome ब्राउजर के लेटेस्ट वर्जन का इंस्टालेशन पूरा हो जाएगा और अपडेटेड ब्राउजर भी खुल जाएगा.

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