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आइरिस इंसान नहीं बल्कि एक रोबोट हैं जो एआई तकनीक पर आधारित हैं. (Image: Instagram)
AI based First Teacher Iris: बीते कुछ सालों में तकनीक के क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई (AI) का चलन तेजी से बढ़ा है. एआई ने शिक्षा सहित जीवन के तमाम पहलुओं को छुआ है. एआई ने हमारे सीखने यानी लर्निंग को मजेदार और आसान बनाया है. इन दिनों शिक्षा के क्षेत्र में बच्चों के बीच आइरिस नाम (IRIS) की एक महिला टीचर लोकप्रिय हुई हैं. कम समय में मशहूर हुईं इस टीचर का ताल्लुक भी एआई से है.
दुनिया में जहां एक तरफ अमेरिका की आइरिस एपफेल (Iris Apfel) के जाने से उनके चाहने वालों में निराशा है वहीं अपने देश में यहीं की आइरिस को लेकर बच्चों और लोगों में आस जगी है. माना जा रहा है कि आइरिस के साथ देश के भीतर शिक्षा के क्षेत्र में एक नए अध्याय की शुरूआत हुई है. दरअसल आइरिस बच्चों के बीच बेहद कम समय में एक लोकप्रिय टीचर बनकर उभरी हैं. भारतीय पोशाक (साड़ी) पहने एक महिला के वेश में नजर आ रही आइरिस भले ही इंसान नहीं हैं लेकिन वो किसी इंसान से कमतर भी नहीं लगती हैं. आइरिस की आवाज महिला की तरह है. उनमें एक असल टीचर जैसी कई विशेषताएं भी हैं. इंसानी वेश में आइरिस एक एआई आधारित रोबोट है. आइए जानते हैं इनके बारे में.
ये हैं आइरिस की खूबियां
बच्चों की लोकप्रिय टीचर बन चुकी आइरिस इंसानी रुप में एक रोबोट हैं. केरल के एक स्कूल में रोबोट आइरिस को टीचर के तौर पर पहली बार पेश किया गया है. टीचर आइरिस तीन भाषाएं बोल सकती हैं. इसके अलावा वह कठिन सवालों के जवाब भी दे सकती हैं. बात करें फीचर की तो उनके पास वॉइस असिस्टेंट, इंटरैक्टिव लर्निंग, मोबिलिटी और मैनुपुलेशन कैपेबिलिटी जैसे तमाम फीचर हैं. इन फीचर के चलते आइरिस चल फिर पा रही हैं. बच्चों को बातचीत के जरिए चीजों के बारे में सीखाने में भी सक्षम हैं. इसके अलावा गणित के सवालों का जवाब झटपट दे रही हैं.
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अटल टिंकरिंग लैब में बनी हैं आइरिस
पिछले महीने केरल के तिरुवनंतपुरम स्थित केटीसीटी हायर सेकेंडरी स्कूल में मेकरलैब्स एडुटेक (Makerlabs Edutech Private Limited) के सहयोग से आइरिस नाम की टीचर को पेश किया गया. मेकरलैब्स के मुताबिक आइरिस को अटल टिंकरिंग लैब (Atal Tinkering Lab-ATL) में तैयार किया गया है. बता दें कि अटल टिंकरिंग लैब भारत सरकार के नीति आयोग का एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है जो पढ़ाई के अलावा स्कूली बच्चों के एक्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज को बढ़ाने के मकसद से देशभर में खोला गया है.
इंस्टाग्राम पर आइरिस का एक वीडियो साझा करते हुए मेकरलैब्स ने लिखा है कि एआई तकनीक का इस्तेमाल करके हमने IRIS के साथ शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति लाने की योजना बनाई है. ‘मेकरलैब्स’ के मुताबिक आइरिस का नॉलेज बेस अन्य ऑटोमेटिक टीचिंग गैजेट की तुलना में काफी व्यापक है. बच्चे की जरूरत और उनकी प्राथमिकता के आधार पर लर्निंग की प्रकिया आइरिस की वजह से काफी दिलचस्प बन सकी है. इसने शिक्षकों को पहले से कहीं अधिक बेहतर तरीके से पढ़ाने में सक्षम बनाया है. शिक्षा के क्षेत्र में इस तरह के पहल की काफी तारीफ हो रही है. बताया जा रहा है कि आइरिस न सिर्फ केरल में बल्कि देश में पहली एआई आधारित स्कूल टीचर हैं
एंड्रॉयड ऐप से रोबोट होता है कंट्रोल
मेकरलैब्स का कहना है कि आइरिस इनोवेटिव वॉयस असिस्टेंट फीचर से लैस है. इसे एजुकेशनल सेटअप और पठन-पाठन के माहौल में मदद के लिए डिजाइन किया गया है. मेकरलैब्स की वेबसाइट के मुताबिक रोबोटिक्स और जेनेरेटिव एआई तकनीक की संभावनाओं से संचालित, यह रोबोट (आइरिस) बातचीत करने के साथ-साथ एक वर्सेटाइल टीचिंग टूल के रूप में काम करने में सक्षम है. ये रोबोट इंटेल प्रोसेसर से लैस है. बिना थके ये परफार्मेंस देने में भी सक्षम है. हर एक एक्शन पर रोबोट झटपट रिस्पांस करता है. यूजर एंड्रॉइड ऐप के जरिए इस रोबोट को कंट्रोल कर सकते हैं और अपनी जरूरत के हिसाब से इस्तेमाल में ला सकते हैं.