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DA Hike: डीए में बढ़ोतरी का अमाउंट केंद्र सरकार आल इंडिया सीपीआई-आईडबल्यू डाटा के आधार पर तय करती है. (Pixabay)
Dearness Allowance Calculation: केंद्रीय कर्मचारियों को इसी महीने होली के पहले केंद्र सरकार बड़ा तोहफा दे सकती है. केंद्र सरकार महंगाई भत्ते (Dearness Allowance to Hike) में 4 फीसदी की बढ़ोतरी कर सकती है. सरकारी कर्मचारियों को महंगाई भत्ता दिया जाता है, जबकि पेंशनभोगियों को महंगाई राहत (डीआर) दी जाती है. असल में मिनिस्ट्री ऑफ लेबर की शाखा लेबर ब्यूरो द्वारा हाल ही में प्रकाशित इंडस्ट्रियल वर्कर्स के लिए कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI-IW) के अनुसार केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ता 50 फीसदी तक बढ़ने की संभावना है, जो अभी 46 फीसदी है. डीए हाइक होता है तो एचआरए समेत कर्मचारियों की सैलरी के अन्य कुछ कंपोनेंट में भी बढ़ोतरी होगी.
CPI-IW डाटा के आधार पर DA
डीए (DA) और डियरनेस रीलीफ (DR) में बढ़ोतरी का अमाउंट केंद्र सरकार आल इंडिया सीपीआई-आईडबल्यू (CPI-IW) डाटा के आधार पर तय करती है. डीए को आखिरी बार अक्टूबर 2023 में संशोधित किया गया था, जब डीए 4 फीसदी बढ़ाकर 46 फीसदी कर दिया गया था. तबसे कर्मचारियों को इसमें बढ़ोतरी का इंतजार है. CPI-IW डाटा से यह संकेत मिल रहे हैं कि इस बार डीए 4 फीसदी बढ़कर 50 फीसदी हो जाएगा. खबरों के मुताबिक, इस बार 4% डीए बढ़ोतरी के बाद महंगाई भत्ता और महंगाई राहत बढ़कर 50 फीसदी हो जाएगी। इंडस्ट्रियल वर्कर्स के लिए कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI-IW) का 12 महीने का औसत 392.83 रहा. इसके मुताबिक डीए मूल वेतन का 50.26 फीसदी आ रहा है.
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महंगाई भत्ते का कैलकुलेशन
महंगाई भत्ता निर्धारण (DA Calculation) के लिए एक फॉर्मूला दिया गया है. केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए ये फॉर्मूला है -
महंगाई भत्ता फीसदी= (पिछले 12 महीनों के लिए AICPI (बेस ईयर 2001=100) का औसत -115.76)/115.76) *100
अब अगर PSU (पब्लिक सेक्टर यूनिट्स) में काम करने वाले लोगों के महंगाई भत्ते की बात की जाए तो इसके कैलकुलेशन का तरीका यह है-
महंगाई भत्ता फीसदी= (बीते 3 महीनों के कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स का औसत (बेस ईयर 2001=100)-126.33))x100.
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DA बढ़ने के बाद कितना फायदा होगा?
बेसिक सैलरी में ग्रेड सैलरी को जोड़ने के बाद जो सैलरी बनती है, उसमें महंगाई भत्ते की दर का गुणा किया जाता है. जो नतीजा आता है, उसे ही महंगाई भत्ता यानी डिअरनेस अलाउंस (DA) कहा जाता है. यानी, (बेसिक पे + ग्रेड पे) × DA % = DA अमाउंट
15 हजार की बेसिक पर: इसे एक उदाहरण से समझते हैं, मान लीजिए बेसिक सैलरी 15 हजार रुपए है. 15 हजार रुपए का 50% निकालने पर 7500 रुपए हुआ. सबको जोड़कर 22,500 रुपए हुए. अभी 15000 रुपये बेसिक पर देखें तो 46 फीसदी DA के हिसाब से कुल सैलरी 21900 रुपये हुई. यानी 4 फीसदी डीए बढ़ने पर 1600 रुपये (22500-21900 = 1600) का फायदा होगा.
50 हजार की बेसिक पर: मान लीजिए बेसिक सैलरी 50 हजार रुपए है. 50 हजार रुपए का 50% निकालने पर 25000 रुपए हुआ. सबको जोड़कर 75,000 रुपए हुए. यानी अब सैलरी बढ़कर 75000 रुपये हो जाएगी. जबकि अभी 46 फीसदी के हिसाब से 73000 रुपये मिल रहे हैं. इस लिहाज से इसमें 2000 रुये को इजाफा होगा.
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महंगाई भत्ते पर लगता है टैक्स
महंगाई भत्ता पूरी तरह टैक्सेबल होता है. भारत में आयकर नियमों के तहत इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) में महंगाई भत्ते के बारे में अलग से जानकारी देना होती है. मतलब आपको जितनी रकम महंगाई भत्ते के नाम पर मिलती है वह टैक्सेबल है और उस पर टैक्स चुकाना होगा.