scorecardresearch

दिवाली पर सस्ती होंगी छोटी कारें और बाइक्स! जीएसटी रेट 28% से घटकर 18% होने की उम्मीद

Diwali Gift for Buyers : केंद्र सरकार दिवाली तक छोटे वाहनों पर जीएसटी घटाकर मिडिल क्लास को राहत देने और ऑटोमोबाइल सेक्टर को बढ़ावा देने की तैयारी में है.

Diwali Gift for Buyers : केंद्र सरकार दिवाली तक छोटे वाहनों पर जीएसटी घटाकर मिडिल क्लास को राहत देने और ऑटोमोबाइल सेक्टर को बढ़ावा देने की तैयारी में है.

author-image
FE Hindi Desk
New Update
GST Reform, GST New Rates, जीएसटी, जीएसटी 2.0, GST 2.0, GST rates from 22 september, wht gets cheaper, what gets costlier

Diwali Gift: दिवाली से पहले नई बाइक या छोटी कार खरीदना सस्ता हो सकता है. (AI Image)

Diwali Gift for Auto Sector: दिवाली पर नई बाइक या कार खरीदने का प्लान कर रहे लोगों के लिए काम की खबर है. केंद्र सरकार दिवाली तक छोटे वाहनों पर जीएसटी घटाकर मिडिल क्लास को राहत देने और ऑटोमोबाइल सेक्टर को बढ़ावा देने की तैयारी में है. सरकार ने छोटे वाहनों पर लगने वाले GST में बड़ी कटौती का प्रस्ताव रखा है. इसमें एंट्री-लेवल बाइक-स्कूटर, छोटी कारें और हाइब्रिड गाड़ियां शामिल हैं. अगर यह लागू होता है तो मध्यम वर्ग के घरों पर गाड़ियों का बोझ काफी कम होगा और ऑटोमोबाइल सेक्टर में मांग बढ़ सकती है. 

यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाल ही में दिए गए GST रिफार्म के ऐलान से जुड़ा माना जा रहा है, जिसे सरकार दिवाली तक लागू करने की तैयारी में है. अभी गाड़ियों पर इंजन साइज, लंबाई और ग्राउंड क्लीयरेंस के हिसाब से अलग-अलग स्लैब और सेस लगता है, जिससे टैक्स स्ट्रक्चर जटिल हो जाता है. नई व्यवस्था में सरकार इस उलझन को खत्म कर टैक्स को सरल और सस्ता बनाना चाहती है.

Advertisment

Also read : Number 1 Value Fund : ICICI प्रू के इस फंड ने 21 साल में 46 गुना किया पैसा, AUM में कैटेगरी की नंबर 1 स्कीम

क्या है प्रस्ताव?

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सरकार एंट्री-लेवल टू-व्हीलर (350cc तक) पर जीएसटी 28% से घटाकर 18% करने की तैयारी में है. इसी तरह छोटी कारों (1200cc पेट्रोल/1500cc डीज़ल इंजन और 4 मीटर लंबाई तक) पर लगने वाला लगभग 29–31% टैक्स घटाकर सीधे 18% फ्लैट करने का प्रस्ताव है. हाइब्रिड कारों (4 मीटर तक, 1200cc पेट्रोल/1500cc डीज़ल) पर भी टैक्स दर 28% से घटाकर 18% की जा सकती है. वहीं बड़ी गाड़ियां, लक्ज़री कारें और SUV मौजूदा ऊंचे टैक्स ब्रैकेट में ही बनी रहेंगी.

टू-व्हीलर (350cc से कम): जीएसटी 28% से घटाकर 18%.

छोटी कारें (1200cc पेट्रोल/1500cc डीजल तक, 4 मीटर तक): कुल टैक्स ~29–31% से घटाकर 18% फ्लैट.

हाइब्रिड कारें (4 मीटर तक, 1200cc पेट्रोल/1500cc डीजल): 28% से घटाकर 18%.

बड़ी/लक्ज़री कारें और SUV: मौजूदा उच्च ब्रैकेट में ही रहने का संकेत.

प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद क्या कुछ बदल जाएगा? 

 अभी छोटे टू-व्हीलर (350cc से कम) पर 28% जीएसटी लगता है, जिसे घटाकर 18% करने का प्रस्ताव है. छोटी कारों (1200cc पेट्रोल/1500cc डीज़ल, 4 मीटर तक) पर फिलहाल कुल 29–31% टैक्स पड़ता है, जिसे घटाकर सीधा 18% किया जा सकता है. हाइब्रिड कारों (4 मीटर तक) पर भी 28% की जगह 18% टैक्स लगेगा. जबकि बड़े टू-व्हीलर, बड़ी हाइब्रिड गाड़ियां, पैसेंजर कारें (1500cc से ऊपर-नीचे) और SUV पर मौजूदा ऊंची दरें—43% से 50% तक - जैसे की थीं, वैसी ही बनी रहेंगी.

Also read: SIP Calculator : छोटी एसआईपी बड़ा कमाल, रोज 100 रुपये की बचत से रिटायरमेंट पर हाथ में होंगे 5 करोड़

मिडिल क्लास को राहत और ऑटो सेक्टर को बढ़ावा मिलने की उम्मीद

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकारी अधिकारियों का मानना है कि दोपहिया वाहनों और छोटी कारों पर जीएसटी दरें घटाने से मिडिल क्लास के ग्राहकों को सीधी राहत मिलेगी और बाजार में खपत को बढ़ावा मिलेगा. मौजूदा टैक्स ढांचे की सबसे बड़ी विसंगति यह है कि छोटी कारों पर भी लगभग उतना ही कर लगता है जितना लक्ज़री एसयूवी पर. प्रस्तावित कटौती से यह असमानता दूर हो सकेगी. साथ ही, इसका उद्देश्य ऑटो सेक्टर को नई गति देना है, जो देश के सबसे बड़े रोज़गार देने वाले क्षेत्रों में शामिल है और जीडीपी में भी अहम योगदान करता है.

रिपोर्ट्स के अनुसार, यह प्रस्ताव जीएसटी दरों को सरल बनाने, वर्गीकरण को लेकर चल रहे विवाद कम करने और केंद्र सरकार की दो-दर वाले जीएसटी ढांचे की बड़ी योजना से जोड़ने के मकसद से तैयार किया गया है.

Also read:Big 5 Mutual Funds : देश के सबसे बड़े 5 म्यूचुअल फंड, रिटर्न देने में भी कमाल, 10 साल में 7 गुना तक बढ़ाया पैसा

दिवाली तक बड़ा जीएसटी सुधार संभव

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की अध्यक्षता वाले मंत्रिसमूह (जीओएम) द्वारा दरों को तर्कसंगत बनाने संबंधी इस प्रस्ताव पर जल्द विचार-विमर्श होने की संभावना है. अगर योजना को मंजूरी मिलती है, तो दो-स्तरीय जीएसटी ढांचे का रास्ता साफ हो जाएगा—जहां आवश्यक वस्तुओं पर 5%, सामान्य वस्तुओं और सेवाओं पर 18% और चुनिंदा लक्ज़री व अहितकर वस्तुओं पर अधिकतम 40% टैक्स लगेगा.

विशेषज्ञों का कहना है कि अगर यह बदलाव लागू होता है, तो 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद से यह सबसे बड़ा सुधार साबित हो सकता है. इससे टैक्स प्रणाली को उपभोग के पैटर्न के साथ जोड़ा जा सकेगा और अनुपालन आसान होगा. उद्योग जगत को उम्मीद है कि दिवाली तक इन सुधारों को अंतिम रूप मिल सकता है और यह लंबे समय से प्रतीक्षित “बिग बैंग जीएसटी रिफॉर्म” साबित होगा.

car Bike Passenger Vehicles Gst