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Small SIP : सेविंग्स करते समय कभी भी यह नहीं सोचना चाहिए कि बड़ा अमाउंट निवेश करने से ही भविष्य में बड़े लक्ष्य हासिल होंगे. (AI Image)
Long Term Mutual Fund SIP : सेविंग्स करते समय कभी भी यह नहीं सोचना चाहिए कि बड़ा अमाउंट निवेश करने से ही भविष्य में बड़े लक्ष्य हासिल होंगे. बचत छोटी छोटी भी हो तो टेंशन नहीं है, बस वह समय पर होनी जरूरी है. इसी वजह से फाइनेंशियल एडवाइजर हमेशा कहते हैं कि जितनी जल्दी हो सके, निवेश और बचत की आदत डाल लेनी चाहिए. अगर अपने करियर की शुरुआत में ही आप निवेश और बचत का महत्व समझ लें तो छोटी छोटी बचत भी रिटायरमेंट के बाद आपकी लाइफ पूरी तरह से टेंशन फ्री कर सकती है.
कम उम्र से ही निवेश का फायदा यह है कि लंबा समय मिल जाता है. लंबी अवधि में निवेश से आपको कंपाउंडिंग का फायदा मिलता है. फाइनेंशियल की दुनिया में कंपाउंडिंग एक मैजिक है, जो आपकी दौलत में कई गुना इजाफा कर सकता है. यह मैजिक देखना है तो आप म्यूचुअल फंड एसआईपी (SIP) पर विचार कर सकते हैं. हम यहां आपको कैलकुलेशन से बताएंगे कि कैसे 25 की उम्र में 3,000 रुपये की एसआईपी शुरू कर, रिटायरमेंट पर 5 करोड़ कॉर्पस बना सकते हैं.
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मंथली 3,000 रुपये SIP से 5 करोड़
अगर आप 25 साल की उम्र में 3,000 रुपये की एसआईपी शुरु करते हैं और लंबी अवधि के लिए अनुमानित रिटर्न 15 फीसदी सालाना मानते हैं.
Sip Calculator
SIP शुरू करने की उम्र : 25 साल
निवेश की कुल अवधि : 35 साल
अनुमानित एनुअलाइज्ड रिटर्न : 15%
पहले साल मंथली SIP : 3,000 रुपये
हर साल SIP में टॉप अप : 5%
35 साल में कुल निवेश : 32,51,530 रुपये (32.52 लाख)
35 साल बाद यानी 60 की उम्र तक कुल कॉर्पस : 5.07 करोड़ रुपये
SIP यानी कंपाउंडिंग की असली फायदा
म्यूचुअल फंड में एसआईपी (SIP) में आपको हर महीने निवेश के लिए एक रकम और एक तारीख सेट करनी होती है. आपके द्वारा तय की तारीख पर आपके द्वारा ही तय की रकम आपके अकाउंट से कटकर म्यूचुअल फंड में निवेश हो जाती है. आपका निवेश जितना लंबा होगा, उतना ज्यादा कंपाउंडिंग का फायदा मिलेगा. इस योजना में साप्ताहिक, मासिक, तिमाही, अर्धवार्षिक और वार्षिक में निवेश किया जा सकता है. अपनी इनकम के हिसाब से एसआईपी तय किया जा सकता है, इससे एसआईपी निवेशक अच्छी बचत कर सकते हैं.
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SIP को दें टॉप-अप का बूस्ट
सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के लिए आपने जो अमाउंट तय किया है, उसमें अगले साल एक तय फीसदी रकम के साथ बढ़ोतरी करना टॉप-अप एसआईपी होता है. ऐसा हर साल करते जाते हैं, जिससे आपकी एसआईपी को टॉप अप की ताकत मिलती है.
उदाहरण के लिए अगर आपने 3,000 रुपये मंथली एसआईपी से निवेश शुरू किया और 1 साल तक हर महीने 3,000 रुपये स्कीम में जमा होता रहा. वहीं 13वें महीने इस पूरे साल के लिए (13 से 24 महीने के लिए) आपने इस अमाउंट में 5 फीसदी बढ़ोतरी का विकल्प चुन लिया. ऐसे में 13वें महीने से 3,000 रुपये की जगह 3,150 रुपये मंथली जमा होगा. फिर 25वें महीने यानी 2 साल पूरे होने पर आपने 3,500 रुपये का 5 फीसदी फिर निवेश के लिए बढ़ाना होगा.
(नोट : हमने यह आर्टिकल जानकारी के लिए दी है. यह पूरी तरह से कैलकुलेशन पर आधारित है. यह निवेश की किसी भी तरह से सलाह नहीं है. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की सलाह लें.)