/financial-express-hindi/media/media_files/2025/03/02/AaV6HBantGGXfj8FNgMo.jpg)
SEBI की पूर्व प्रमुख माधबी पुरी बुच और 5 अन्य लोगों के खिलाफ FIR दर्ज करने के आदेश पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. (File Photo : Financial Express)
Bombay HC stays special court order for FIR against ex-Sebi chief Buch and 5 others: बॉम्बे हाई कोर्ट ने SEBI की पूर्व प्रमुख माधबी पुरी बुच और पांच अन्य अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज करने के स्पेशल कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है. मंगलवार को दिए आदेश में हाईकोर्ट ने स्पेशल कोर्ट के आदेश पर फिलहाल 4 हफ्तों के लिए रोक लगाई है. हाई कोर्ट ने पहली नजर में माना है कि स्पेशल का आदेश गहराई से जांच किए बिना और किसी विशेष भूमिका को स्पष्ट किए बिना जारी किया गया था.
हाई कोर्ट ने विशेष अदालत के आदेश पर लगाई रोक
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक जस्टिस शिवकुमार डिगे की एकल पीठ ने कहा कि विशेष अदालत का 1 मार्च को दिया गया आदेश मेकेनिकल तरीके से जारी किया गया था. उन्होंने कहा, "यह आदेश बिना विस्तृत जांच के पारित किया गया है. इसलिए इसे अगली सुनवाई तक स्थगित किया जाता है. शिकायतकर्ता को चार सप्ताह में जवाबी हलफनामा दायर करने का समय दिया जाता है." स्पेशल कोर्ट के आदेश को
इन अधिकारियों की अर्जी पर आया फैसला
हाईकोर्ट ने स्पेशल कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने का फैसला जिस याचिका पर सुनवाई करते हुए जारी किया, उसे सेबी की पूर्व चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच समेत उन अधिकारियों की तरफ से दायर किया गया है, जिनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया गया था. याचिका दायर करने वाले इन अधिकारियों में बुच के अलावा सेबी के 3 मौजूदा फुल टाइम डायरेक्टर्स – अश्वनी भाटिया, अनंत नारायण जी, कमलेश चंद्र वार्ष्णेय के साथ ही साथ बीएसई के 2 अधिकारियों – मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ राममूर्ति और पूर्व चेयरमैन व पब्लिक इंटरेस्ट डायरेक्टर प्रमोद अग्रवाल शामिल हैं. स्पेशल कोर्ट के आदेश के बाद सेबी और बीएसई ने भी अपना पक्ष रखते हुए इसे कानूनी तौर पर चुनौती देने की बात कही थी.
याचिकाओं में FIR के आदेश को दी गई चुनौती
याचिकाओं में विशेष अदालत के आदेश को अवैध और मनमाना बताते हुए चुनौती दी गई है. यह पूरा मामला 1994 में बीएसई में एक कंपनी की लिस्टिंग के दौरान कथित धोखाधड़ी के आरोपों से जुड़ा हुआ है. याचिकाकर्ताओं ने कहा कि यह आदेश कानूनी प्रक्रिया का उल्लंघन है और इसे रद्द किया जाना चाहिए.
किस मामले में आया स्पेशल कोर्ट का आदेश
विशेष अदालत ने यह आदेश एक मीडिया रिपोर्टर सपन श्रीवास्तव द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत पर सुनवाई करते हुए दिया था. श्रीवास्तव ने आरोप लगाया है कि इस मामले में बड़े पैमाने पर वित्तीय धोखाधड़ी, रेगुलेटरी वायोलेशन और भ्रष्टाचार हुआ था. शिकायतकर्ता ने इस संबंध में एंटी-करप्शन ब्यूरो (ACB) से जांच की मांग की थी.