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IPO : कंपनी अपने उत्पादों की प्रभावी डिलीवरी सुनिश्चित करने और हाई लेवल सर्विसेज प्रदान कर ग्राहकों का भरोसा जीतने के लिए अच्छी स्थिति में है. (Pixabay)
Borana Weaves IPO Subscription Status, GMP, Ratind and Review : बोराना वीव्स के आईपीओ को निवेशकों की ओर से जबरदस्त रिस्पांस मिल रहा है. 2 दिन में यह करीब 30 गुना सब्सक्राइब हो गया है. इस आईपीओ को 22 मई तक सब्सक्राइब किया जा सकता है. इसे लेकर ग्रे मार्केट में जबरदस्त हलचल बनी हुई है. कंपनी ने आईपीओ के लिए प्राइस बैंड 205-216 रुपये प्रति शेयर तय किया है. एक एप्लिकेशन के साथ न्यूनतम लॉट साइज 69 शेयरों का है. स्टॉक की लिस्टिंग (Stock Market) 27 मई को होगी.
29.31 गुना मिला सब्सक्रिप्शन
यह आईपीओ 2 दिन में 29.31 गुना भर गया है. आईपीओ का करीब 75% हिस्सा योग्य संस्थागत खरीदारों (QIB) के लिए रिजर्व है और यह 1.76 गुना भरा है. इसका करीब 10% हिस्सा रिटेल निवेशकों (Retail Investors) के लिए रिजर्व है और यह अबतक 76.78 गुना भरा है. जबकि इसका 15% हिस्सा गैर-संस्थागत निवेशकों (NII) के लिए रिजर्व है और यह अबतक 52.76 गुना भरा है.
GMP, इश्यू साइज
ग्रे मार्केट में कंपनी का अनलिस्टेड स्टॉक 60 रुपये के प्रीमियम पर है. यह प्रीमियम अपर प्राइस बैंड 216 रुपये के मुकाबले करीब 28 फीसदी है. इस लिहाज से निवेशकों को 28 फीसदी लिस्टिंग गेंस मिल सकता है. यह 144.89 करोड़ रुपये का एक बुक बिल्डिंग इश्यू है. यह 67 लाख शेयरों का पूरी तरह से फ्रेश इश्यू है. इसमें ओएफएस नहीं है.
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लंबी अवधि के लिए सब्सक्राइब करें
ब्रोकरेज आनंद राठी ने बोराना वीव्स के आईपीओ में लंबी अवधि के लिए सब्सक्राइब करने की सलाह दी है. ब्रोकरेज का कहना है कि कंपनी बिना ब्लीच किए हुए सिंथेटिक ग्रे फैब्रिक बनाने और मार्केटिंग में शामिल है, जो मुख्य रूप से बी2बी (B2B) सेगमेंट को पूरा करती है. ग्रे फैब्रिक की विशेषता इसे अलग अलग स्टाइल में बिना ब्लीच किए हुए कपड़ों के साथ मेल खाने लायक बनाती है, जिससे यह टेक्सटाइल सप्लाई चेन में एक वैल्युएबल रिसोर्स बन जाता है. इस तरह की वर्टिकल इंटीग्रेशन कंपनी को क्वालिटी, लागत, और डिलीवरी शेड्यूल पर बेहतर नियंत्रण देती है.
कंपनी को आगे क्यों होगा फायदा
कंपनी अपने उत्पादों की प्रभावी डिलीवरी सुनिश्चित करने और हाई लेवल की सर्विसेज प्रदान कर ग्राहकों का विश्वास मजबूत करने के लिए अच्छी स्थिति में है. ग्लोबल मार्केट में मैन-मेड फाइबर्स की मांग 2025 तक 3.7% की दर से बढ़ने की उम्मीद है, जिससे भारत की सिंथेटिक टेक्सटाइल इंडस्ट्री को स्थानीय उपयोग और निर्यात दोनों में बड़ा फायदा मिल सकता है.
कंपनी का वॉटर जेट लूम की ओर बदलाव लंबे समय में फायदे पहुंचा सकता है, जिससे उत्पादन अधिक होगा और रेवेन्यू व मुनाफा बढ़ेगा. इसके अलावा, बदलते फैशन ट्रेंड, ब्रांड जागरूकता, और तेजी से बदलती स्टाइल्स भारत की सिंथेटिक टेक्सटाइल इंडस्ट्री की मांग को बढ़ा रही हैं.
वैल्यूएशन
आनंद राठी का कहना है कि FY25 के वार्षिक आंकड़ों के आधार पर कंपनी का PE (प्राइस टू अर्निंग) रेश्यो 14.7 है. FY24 के लिए PE रेश्यो 24.4 है. इश्यू के बाद कंपनी का मार्केट कैप 5,755 मिलियन रुपये होगा, और यह इश्यू पूरी तरह से प्राइस किया गया है.
(Disclaimer: आईपीओ में सलाह ब्रोकरेज हाउस के द्वारा दिए गए हैं. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं है. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)