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Groww का प्रॉफिट 1,824 करोड़ रुपये रहा, जबकि FY26 की पहली तिमाही में 378 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ. (Pixabay)
Groww IPO News : स्टॉक ब्रोकिंग कंपनी ग्रो (Groww) की पैरेंट कंपनी बिलियनब्रेंस गैराज वेंचर ने मार्केट रेगुलेटर सेबी (Sebi) के पास आईपीओ (IPO) के लिए अपडेटेड ड्राफ्ट पेपर्स जमा किए हैं. इस IPO से कंपनी का लक्ष्य करीब 7,000 करोड़ रुपये जुटाने का है. न्यूज एजेंसी के अनुसार इस आईपीओ में फ्रेश इश्यू के जरिए 1,060 करोड़ रुपये जुटाने का प्लान है. जबकि इसमें ऑफर फॉर सेल (OFS) में प्रमोटर्स और निवेशकों द्वारा 57,41,90,754 इक्विटी शेयर बेचे जाएंगे.
वैल्यूएशन 9 अरब डॉलर
OFS से कंपनी को 5,000 से 6,000 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है. इसके साथ ही कंपनी अपनी वैल्यूएशन 9 अरब डॉलर पर कर रही है. OFS में कंपनी के प्रमोटर्स ललित केशरे, हर्ष जैन, नीरज सिंह और ईशान बंसल में हर एक द्वारा 10 लाख शेयर बेचे जाएंगे. इसके अलावा निवेशक Peak XV Partners, YC Holdings II, Ribbit Capital, GW-E Ribbit Opportunity, Internet Fund VI Pte. Ltd. और Kauffman Fellows Fund भी अपने शेयर बेचेंगे.
Groww के फाउंडर्स कंपनी में 27.97% हिस्सेदारी रखते हैं. उन्होंने खुद को कंपनी के प्रमोटर के तौर पर फाइल किया है और लिस्टिंग के समय से 1.5 साल (18 महीने) तक 20% शेयर लॉक-इन रहेंगे. IPO में ये फाउंडर्स कंपनी के सिर्फ 0.07% शेयर बेचेंगे. यह कंपनी बड़े निवेशकों जैसे Peak XV, Tiger Capital और Microsoft के CEO सत्या नडेला द्वारा समर्थित है.
कहां होगा फंड का इस्तेमाल
IPO से जुटाई गई रकम का इस्तेमाल टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट और बिजनेस विस्तार में किया जाएगा. 225 करोड़ रुपये ब्रांड बिल्डिंग और परफॉर्मेंस मार्केटिंग में लगाए जाएंगे. 205 करोड़ रुपये Groww Creditserv Technology में कैपिटल बढ़ाने के लिए निवेश होंगे. 167.5 करोड़ रुपये ग्रो इन्वेस्ट टेक में जाएंगे, जिससे मार्जिन ट्रेडिंग फैसिलिटी (MTF) बिजनेस को फंड किया जाएगा. वहीं, 152.5 करोड़ रुपये क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने में खर्च होंगे. बाकी रकम का उपयोग नई कंपनियां खरीदने और सामान्य कॉर्पोरेट जरूरतों में किया जाएगा.
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सेबी से अगस्त में मिली थी मंजूरी
बेंगलुरु बेस्ड कंपनी Groww ने मई में सेबी के पास कांफिडेंशियल प्री-फाइलिंग रूट के जरिए IPO के लिए ड्राफ्ट पेपर्स दाखिल किए थे और अगस्त में सेबी से मंजूरी मिल गई थी. इसके बाद कंपनियों को RHP फाइल करने से पहले अपडेटेड DRHP जमा करना जरूरी होता है. Groww ने प्री-फाइलिंग रूट चुना, जिसमें कंपनी IPO डिटेल्स को तुरंत पब्लिक नहीं करती, बल्कि बाद के चरणों में साझा करती है. यह तरीका उन भारतीय कंपनियों में लोकप्रिय हो रहा है जो अपने IPO प्लान में लचीलापन चाहती हैं.
IPO मैनेज करने के लिए Groww ने जेपी मॉर्गन इंडिया, कोटक महिंद्रा कैपिटल, सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स, एक्सिस कैपिटल और मोतीलाल ओसवाल सिक्योरिटीज को शामिल किया है. 2016 में शुरू हुई Groww आज भारत की सबसे बड़ी स्टॉकब्रोकर कंपनी बन गई है, जिसके पास जून 2025 तक 1.26 करोड़ से ज्यादा एक्टिव क्लाइंट्स और 26% से ज्यादा मार्केट शेयर है.
कंपनी के फाइेंशियल
FY25 में Groww का प्रॉफिट 1,824 करोड़ रुपये रहा, जबकि FY26 की पहली तिमाही में 378 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ. कंपनी का कॉन्ट्रिब्यूशन मार्जिन 85% और नेट प्रॉफिट मार्जिन 44% है, जो इसके सीधे ग्राहक तक पहुंचने वाले मॉडल की मजबूती दिखाता है. कंपनी के 80% से ज्यादा नए ग्राहक ऑर्गेनिक तरीके से जुड़ते हैं और इसका 3 साल का रिटेंशन रेट 77% है.
म्यूचुअल फंड्स के क्षेत्र में, FY25 में Groww ने 34,000 करोड़ रुपये SIP इनफ्लो दर्ज किया, जो पूरी इंडस्ट्री का 11.8% है (AMFI डेटा के अनुसार). सिर्फ जून 2025 में ही भारत में शुरू हुई हर 3 नई SIP में से 1 इसी के प्लेटफॉर्म पर रजिस्टर्ड हुई. हाल ही में कंपनी ने अपनी सेवाएं बढ़ाकर वेल्थ मैनेजमेंट, कमोडिटीज, मार्जिन ट्रेडिंग फैसिलिटी (MTF) और लोन अगेंस्ट शेयर्स में एंट्री की है. ये कदम इसकी लॉन्ग-टर्म ग्रोथ स्ट्रैटेजी का हिस्सा हैं.