/financial-express-hindi/media/media_files/1Lbw6qXXtM2LQV2Fu7d7.jpg)
Bank Stock : ऑपरेटिंग खर्च को बैंक ने अच्छी तरह कंट्रोल किया है, और FY26 के लिए इसे 11–12% सालाना ग्रोथ तक सीमित रखने का भरोसा जताया है. (Pixabay)
IDFC First Bank Stock Price : आज 28 जुलाई को IDFC फर्स्ट बैंक के शेयर में फ्लैट ट्रेडिंग देखने को मिल रही है. असल में बैंक ने जून तिमाही (Q1) में मुनाफे में भारी गिरावट की रिपोर्ट दी है. बैंक का नेट प्रॉफिट 32% घटकर 462.6 करोड़ रुपये रहा है, जबकि पिछले साल इसी तिमाही में बैंक को 681 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था. यह गिरावट मुख्य रूप से माइक्रोफाइनेंस लोन पोर्टफोलियो (MFI loans) में बढ़ती दिक्कतों की वजह से आई. हालांकि ब्रोकरेज हाउस को शेयर (Banking Stock) में तेजी की उम्मीद है.
जून तिमाही में बैंक के साथ कुछ पॉजिटिव भी रहा. NII (नेट इंटरेस्ट इनकम) में 5% सालाना बढ़ोतरी हुई और यह 4,933 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल समान तिमाही में 4,695 करोड़ था. लेकिन बैंक की एसेट क्वालिटी थोड़ी खराब हुई और ग्रॉस NPA बढ़कर 1.97% हो गया, जो पिछली तिमाही में 1.87% था. नेट NPA भी बढ़कर 0.55% हो गया, जो पहले 0.53% था.
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज : Buy रेटिंग
ब्रोकरेज हाउस आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने आईडीएफसी फर्स्ट बैंक में निवेश की सलाह दी है और 80 रुपये का टारगेट प्राइस दिया है. यह करंट प्राइस से 13 फीसदी ज्यादा है. ब्रोकरेज का कहना है कि IDFC फर्स्ट बैंक का प्रदर्शन मिला-जुला रहा. बैंक ने अप्रैल–जून 2025 में लगभग 460 करोड़ रुपये का मुनाफा (PAT) कमाया, जो उम्मीद के करीब था. बैंक का RoA भी बढ़कर लगभग 0.50% हो गया. हालांकि खराब लोन और क्रेडिट कॉस्ट (कर्ज से जुड़ा जोखिम) ज्यादा रहे, लेकिन बैंक ने ट्रेजरी से अच्छा फायदा कमाया, जिससे नुकसान की भरपाई हो गई.
बैंक की रणनीति दूसरों से अलग रही. IDFC फर्स्ट बैंक ने अपने सेविंग अकाउंट पर ब्याज दर अब तक ज़्यादा ही रखी है, जबकि बाकी बैंक इसे कम कर चुके हैं. बैंक ने इसके बजाय फिक्स्ड डिपॉजिट की दरों में धीरे-धीरे कटौती की है. इसका असर धीरे-धीरे दिखेगा, लेकिन इससे ब्याज दरों के दबाव को कम करने में मदद मिल रही है. इस रणनीति के फायदे हैं, जैसे CASA (बिना लॉक वाली जमा) में 30% सालाना की तेज ग्रोथ रही. बैंक की ब्रांड वैल्यू बढ़ी, मिड-टर्म में बैंक के पास और विकल्प होंगे.
नुकसान की बात करें तो NIM (नेट इंटरेस्ट मार्जिन) में 24 बेसिस अंकों की गिरावट आई है, और इसमें सुधार भी धीरे-धीरे ही होगा. ऑपरेटिंग खर्च (ओपेक्स) को बैंक ने अच्छी तरह कंट्रोल किया है, और FY26 के लिए इसे 11–12% सालाना ग्रोथ तक सीमित रखने का भरोसा जताया है. इस तिमाही में स्लीपेज बढ़े हैं, जिसका कारण था: सीजनल असर, माइक्रो फाइनेंस सेक्टर में बढ़ती दिक्कतें, एक बड़े कॉर्पोरेट लोन में दिक्कत.
ब्रोकरेज हाउस जेफरीज : BUY रेटिंग
ब्रोकरेज हाउस जेफरीज ने स्टॉक पर BUY रेटिंग दी है और टारगेट प्राइस 82 रुपये रखा है. यह करंट प्राइस से करीब 15 फीसदी अधिक है. ब्रोकरेज का कहना है कि बैंक के मुनाफे में थोड़ा दबाव रहा, क्योंकि क्रेडिट कॉस्ट ज्यादा थी. MFI के बाहर वाले लोन में भी कुछ गिरावट आई, क्योंकि आर्थिक स्थिति कमजोर रही. ब्रोकरेज के अनुसार आगे चलकर RoA (रिटर्न ऑन एसेट्स) में सुधार आना बहुत जरूरी माना जा रहा है.
ब्रोकरेज हाउस नुवामा : 'Hold' रेटिंग
ब्रोकरेज हाउस नुवामा ने शेयर में 'Hold' रेटिंग दी है और टारगेट प्राइस 68 रुपये प्रति शेयर दिया है, जो करंट प्राइस से थोड़ा नीचे है. ब्रोकरेज का कहना है कि MFI से जुड़े खराब लोन और SMA में गिरावट आई है. जबकि लोन और डिपॉजिट में अच्छी ग्रोथ रही है, भले ही MFI बुक घट रही हो. नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM) में 24 बेसिस अंकों की गिरावट अनुमान के अनुसार थी, और यह अन्य बैंकों से बेहतर रहा.
(Disclaimer: स्टॉक्स में निवेश की सलाह ब्रोकरेज हाउस के द्वारा दिए गए हैं. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं है. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)