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Fear in Investors : वोलेटिलिटी इंडेक्स के तेजी से बढ़ने से निवेशकों के मन में चुनावी नतीजों को लेकर संदेह पैदा हुआ है. (Pixabay)
India VIX on Peak : बाजार में उतार चढ़ाव की ओर इशारा करने वाले वोलेटिलिटी इंडेक्स यानी इंडिया VIX (India VIX) में आज हल्की गिरावट है, लेकिन यह 21 के लेवल के आस पास बना हुआ है. भारतीय शेयर बाजार के वोलेटिलिटी इंडेक्स (Volatility Index) ने करीब 21 दिनों में लगभग 90 फीसदी की तेजी दर्ज की. 23 अप्रैल 2024 को यह इंडेक्स 10.20 के लेवल पर था, जो अभी 21 के लेवल के करीब पहुच गया. वोलेटिलिटी इंडेक्स में बढ़त के साथ पिछले दिनों बाजार में भी भारी उतार चढ़ाव देखने को मिला है. वोलेटिलिटी इंडेक्स के तेजी से बढ़ने से निवेशकों और मार्केट ऑब्जर्वर के मन में चुनावी नतीजों को लेकर संदेह पैदा किया है. क्या यह बीजेपी की बंपर जीत की संभावनाओं को कम कर रहा है या ऐसा कोई संकेत है कि बीजेपी द्वारा जीते जाने वाली सीटों में बड़ी कमी आ सकती है.
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हालांकि मार्केट एक्सपर्ट का कहना है कि चुनाव के पहले इंडिया वोलेटिलिटी इंडेक्स में इस तरह की बढ़त आना आम बात है. ऐसा पिछले दोनों चुनावों के दौरान देखने को मिला था. चुनावी नतीजों तक कई ऐसी गतिविधियां होती हैं, जिससे कोई क्लीयर अनुमान लगाना मुश्किल होता है कि किसकी सरकार बनने जा रही है. ऐसे में बाजार सतर्क रहता है. उनका कहना है कि वोटर टर्नआउट या इंडिया VIX में तेजी से चुनाव (General Election 2024) के नतीजों का सही अनुमान नहीं लगाया जा सकता है. इसका न तो यह मतलब है कि बीजेपी कमजोर होगी और न ही यह कि बीजेपी मजबूत होगी.
पिछले चुनावों में क्या था हाल
वैसे आम चुनावों के दौरान बाजार में इस तरह की अस्थिरता आम बात है. साल 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान इंडिया VIX करीब 29 के लेवल तक पहुंच गया था. 23 मई को नतीजों के दिन भी यह 27 के पार बना हुआ था, जबकि उस दिन के अंत में यह 20 के नीचे बंद हुआ.
वहीं साल 2014 के आम चुनाव की बात करें तो नतीजों के पहले यह करीब 38 के लेवल तक पहुंच गया. जबकि 16 मई को जब नतीजों का एलान हो गया, उसके बाद इंडिया VIX 25 के लेवल के नीचे आ गया. जो बाद में और कम होता गया.
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2019 में भी हाई था इंडेक्स, लेकिन BJP ने दोहराई जीत
कोटक अल्टरनेट एसेट मैनेजर के चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर जितेंद्र गोहिल का कहना है कि हाल ही में हमने ऑप्शन कांट्रैक्ट वॉल्यूम में लगातार बढ़ोतरी के बारे में कंसर्न देखा है. पिछले साल वर्षों में ये वॉल्यूम 52% सीएजीआर से अधिक बढ़ गया है, जो दूसरे सबसे बड़े बाजार, यूएसए से 7.6 गुना अधिक है. जैसे-जैसे चुनाव नतीजे नजदीक आ रहे हैं, वोलेटिलिटी इंडेक्स यानी इंडिया VIX इंडेक्स एक महीने पहले के 11 से बढ़कर एक साल के पीक 21 के आस पास पहुंच गया है. पिछली बार, मई 2019 में, चुनावी महीने के दौरान VIX इंडेक्स 29 तक पहुंच गया था. उस समय, कई बाजार पार्टिसिपेंट को उम्मीद थी कि सत्ता विरोधी लहर एक भूमिका निभाएगी, लेकिन पुलवामा की घटना के बाद बीजेपी ने चौंकाते हुए 303 सीटें जीतीं थीं.
पिछले चुनाव से इस चुनाव में क्या अंतर
जियोजीत फाइनेंशियल के चीफ मार्केटिंग स्ट्रैटेजिस्ट, आनंद जेम्स का कहना है कि मौजूदा VIX का व्यवहार अब 2019 के चुनावी नतीजों की घोषणा से कुछ समय पहले की अवधि के समान है. तब भी, मार्च में बाजार पीक पर आ गए थे, और VIX 28.6 तक पहुंच गया था. मुख्य अंतर यह है कि इससे पहले, VIX पिछले 6 महीनों के दौरान 20-14 की रेंज में था, जो एक एक्सटेंडेड अवधि के लिए अस्थिरता की उम्मीदों को उचित रूप से हाई होने की ओर इशारा करता है. इसके बिल्कुल विपरीत, VIX का रिकॉर्ड निचले स्तर से बढ़कर अब 20 से ऊपर पहुंच जाना, सिर्फ 15 दिनों के के समय में सामने आया है. इसलिए, जबकि हालिया हिस्ट्री VIX में उछाल और इस प्रकार अस्थिरता की अधिक गुंजाइश की ओर इशारा करता है.
चुनाव के साथ ये फैक्टर भी बढ़ा रहे चिंता
मास्टर कैपिटल सर्विसेज के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अरविंदर सिंह नंदा का कहना है कि पिछले दिनों बाजार में गिरावट का मुख्य कारण आम चुनाव को लेकर बन रही अनिश्चितता है. इस अनिश्चितता ने भारत के वोलेटिलिटी इंडेक्स VIX को काफी बढ़ा दिया है, जो 52-हफ्ते के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है. यह बाजार की बढ़ रही आशंका का संकेत है. इसके अलावा, लार्ज-कैप कंपनियों की चौथी तिमाही की कमाई के कमजोर संकेतों ने निवेशकों के सेंटीमेंट को और कमजोर कर दिया है. वैश्विक संदर्भ में, कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण सेंटीमेंट पर असर हुआ, जिससे महंगाई संबंधी चिंताएं बढ़ गई हैं. यूएस में रेट कट में लेट होने के संकेत हैं, जो संभावित रूप से बाजार में और गिरावट में योगदान दे सकता है.