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Buy or Sell IndusInd Bank : डेरिवेटिव लेनदेन से संबंधित हाल की अकाउंटिंग विसंगतियों ने सेंटीमेंट को कमजोर कर दिया है और 4QFY25 में घाटे की संभावना है. (Image : Pixabay)
IndusInd Bank Stock Price Today : प्राइवेट लेंडर इंडसइंड बैंक के शेयरों में आज भारी गिरावट है. यह बैंकिंग स्टॉक आज करीब 22 फीसदी टूटकर 697 रुपये के भाव पर आ गया. जबकि सोमवार को यह स्टॉक 901 रुपये पर बंद हुआ था. असल में इंडसइंड बैंक ने कहा कि अपने डेरिवेटिव पोर्टफोलियो की आंतरिक समीक्षा के दौरान, बैंक ने इन अकाउंट बैलेंस में कुछ विसंगतियों को देखा है. बैंक की विस्तृत आंतरिक समीक्षा ने दिसंबर 2024 तक बैंक के नेट वर्थ पर करीब 2.35 फीसदी एडवर्स इंपैक्ट यानी प्रतिकूल प्रभाव का अनुमान लगाया है. इससे बैंक के मुनाफे पर भी असर पड़ेगा. इस डेवलपमेंट के बाद ब्रोकरेज हाउस भी शेयर को लेकर अलर्ट दिख रहे हैं. यह रिव्यू, लेंडर्स के इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो पर आरबीआई द्वारा सितंबर 2023 में जारी निर्देशों के बाद की किया गया, जो पोर्टफोलियो के 'अदर एसेट्स एंड अदर लायबिलिटी' अकाउंट से संबंधित थे.
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज : REDUCE रेटिंग
ब्रोकरेज हाउदस आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने इंडसइंड बैंक पर REDUCE रेटिंग दी है और टारगेट प्राइस घटाकर 850 रुपये कर दिया. ब्रोकरेज का कहना है कि इंडसइंड बैंक (IIB) ने अपने डेरिवेटिव पोर्टफोलियो पर नेट-वर्थ के 2.35 फीसदी के शुरुआती एकमुश्त नुकसान की सूचना दी है. हम प्री-टैक्स नुकसान को 20 बिलियन से 21 बिलियन रुपये पर आंकते हैं. बैंक ने बताया है कि ये डेरिवेटिव पोजीशन फॉरेन करेंसी डिपॉजिट, बॉरोइंग कन्वर्जन से संबंधित हैं, न कि किसी क्लाइंट या इंडस्ट्री एक्सपोजर से.
1 अप्रैल 2024 से, बैंक ने इंटरनल हेजिंग बंद कर दी है, जिसके बाद, सितंबर 2024 के आसपास, इसने विसंगतियों की पहचान की. यह नुकसान Q4FY25 में P&L के माध्यम से होने की संभावना है, जो रिपोर्ट की गई प्रॉफिटेबिलिटी को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है. Q4FY25 में नुकसान की रिपोर्ट भी कर सकता है. ब्रोकरेज ने हाल ही में मौजूदा MD और CEO के कार्यकाल विस्तार में कटौती के कारण स्टॉक को पर डाउनग्रेड किया है. ब्रोकरेज का मानना है कि विसंगतियां इंटरनल कंट्रोल पर खराब असर डालती हैं.
मोतीलाल ओसवाल : Neutral रेटिंग
ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल ने इंडसइंड बैंक के शेयर में न्यूट्रल रेटिंग दी है और टारगेट प्राइस 925 रुपये कर दिया है. ब्रोकरेज का कहना है कि बैंक का शेयर लगातार नीचे की ओर जा रहा है, जिसमें कई झटके लगे हैं. जिसमें कमजोर परिचालन प्रदर्शन और एमडी को बोर्ड द्वारा प्रस्तावित 3 साल के नियमित कार्यकाल के मुकाबले सिर्फ एक साल का कार्यकाल मिलना शामिल है. डेरिवेटिव लेनदेन से संबंधित हाल की अकाउंटिंग विसंगतियों ने सेंटीमेंट को और कमजोर कर दिया है और 4QFY25 में घाटे की संभावना है. क्योंकि बैंक अपने P&L के जरिए प्रभाव को एब्जॉर्ब कर रहा है.
हालांकि, ब्रोकरेज का मानना है कि बोर्ड उपयुक्त उत्तराधिकारी के लिए इंटरनल और एक्सटर्नल दोनों उम्मीदवारों के मूल्यांकन की प्रक्रिया में तेजरी लाएगा, जिससे चिंताओं को कम करने और बैंक के संचालन में भरोसा बढ़ाने में मदद मिलेगी.
नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज : REDUCE रेटिंग
नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने शेयर पर reduce रेटिंग दी है और टारेट प्राइस 750 रुपये कर दिया है. ब्रोकरेज हाउस का कहना है कि इस नुकसान की भरपाई इनकम स्टेटमेंट के माध्यम से करनी होगी, मुख्यतः NII के माध्यम से, और यह Q4FY25E में किया जाएगा. ब्रोकरेज ने कहा कि आंतरिक समीक्षा में यह अंतर सामने आया, और बैंक ने Q3FY25 में एक बाहरी ऑडिटर नियुक्त किया, जिसकी रिपोर्ट मार्च 2025 के अंत तक जारी होगी. ब्रोकरेज ने कहा कि CFO ने Q3 आय से ठीक पहले इस्तीफा दे दिया, CEO को हाल ही में तीन के बजाय एक साल का विस्तार मिला और अब डेरिवेटिव-प्रेरित अव्यवस्था सामने आई है. इससे इंडसइंड बैंक की विश्वसनीयता और आय प्रभावित होगी.
एमडी का टर्म एक्स्टेंशन बोर्ड के प्रस्ताव से कम
RBI ने सुमंत कठपालिया को बैंक के MD और CEO के रूप में एक साल के कार्यकाल के लिए फिर से नियुक्त करने को मंजूरी दे दी है, जो 24 मार्च 2025 से प्रभावी होगा, जब उनका वर्तमान कार्यकाल खत्म हो रहा है. यह दूसरा उदाहरण है कि जब एमडी का टर्म एक्स्टेंशन बोर्ड के प्रस्ताव से कम रहा है. यह विस्तार बढ़ती अटकलों के बीच हुआ है, और एक साल का कार्यकाल बैंक में संभावित लीडरशिप परिवर्तन के बारे में अनिश्चितताओं को बनाए रखेगा.
(Disclaimer: कंपनी या शेयर पर व्यू या सलाह ब्रोकरेज हाउस के द्वारा दी गई है. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं हैं. न ही ये निवेश की सलाह है. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)