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Investment Strategy : स्टॉक मार्केट में बड़े नुकसान से बचने का आसान तरीका, समझें क्या है 7% का नियम

7% Rule in Stocks: शेयर बाजार में निवेश करने वालों को “7% रूल” के बारे में जरूर जानना चाहिए. यह नियम निवेशकों को बड़े नुकसान से बचाने में मदद करता है.

7% Rule in Stocks: शेयर बाजार में निवेश करने वालों को “7% रूल” के बारे में जरूर जानना चाहिए. यह नियम निवेशकों को बड़े नुकसान से बचाने में मदद करता है.

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Viplav Rahi
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Investment Tips 2025 : निवेशकों के लिए क्यों जरूरी है 7% रूल को समझना? Photograph: (Image: Pixabay)

Investment Strategy : 7% Rule in Stocks: अगर आप शेयर बाजार में निवेश या ट्रेडिंग करते हैं, तो आपको “7% रूल” के बारे में जरूर जानना चाहिए. यह एक ऐसा नियम है जो निवेशकों को बड़े नुकसान से बचाने और निवेश में अनुशासन बनाए रखने में मदद करता है. इस नियम को मशहूर निवेशक विलियम ओ’नील (William J. O’Neil) ने पॉपुलर बनाया था. चलिए आसान भाषा में समझते हैं कि आखिर 7% रूल होता क्या है, कैसे काम करता है और आज के दौर में इसकी अहमियत क्यों बढ़ गई है.

क्या है 7% रूल का मतलब?

7% रूल को शेयर मार्केट में स्टॉप-लॉस स्ट्रेटेजी के रूप में जाना जाता है. इसका मतलब यह है कि अगर कोई स्टॉक आपकी खरीद कीमत से 7% या 8% नीचे चला जाता है, तो आपको तुरंत उस स्टॉक को बेच देना चाहिए.
इस नियम का मकसद यह नहीं कि आप हर बार मुनाफा कमाएं, बल्कि यह है कि आप अपने नुकसान को सीमित रखें. कई बार निवेशक यह सोचकर इंतजार करते रहते हैं कि शेयर की कीमत दोबारा बढ़ जाएगी, लेकिन ऐसा न होने पर नुकसान बढ़ता चला जाता है. 7% रूल इस सोच को काबू में रखकर कैपिटल प्रोटेक्शन (Capital Protection) यानी पूंजी की सुरक्षा पर फोकस करता है.

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7% ही क्यों, 5% या 10% क्यों नहीं?

विलियम ओ’नील ने अपने कई सालों के बाजार अनुभव से पाया कि ज्यादातर अच्छे और मजबूत स्टॉक्स खरीदारी के सही समय के बाद 7–8% से ज्यादा नीचे नहीं गिरते. अगर कोई शेयर इस सीमा से नीचे चला जाता है, तो या तो आपने गलत समय पर खरीदा है या फिर वह स्टॉक मूल रूप से मजबूत नहीं है.
इसीलिए 7% की यह लिमिट तय की गई ताकि छोटे नुकसान को बड़ा बनने से पहले ही रोका जा सके. मान लीजिए आपने किसी कंपनी का शेयर 1,000 रुपये में खरीदा. इस हिसाब से आपका स्टॉप-लॉस 930 रुपये पर होना चाहिए. जैसे ही शेयर इस कीमत को छुए, आपको फौरन बाहर निकल जाना चाहिए.

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इस नियम का असली फायदा क्या है?

7% रूल निवेशकों के लिए एक डिसिप्लिन्ड ट्रेडिंग अप्रोच (Disciplined Trading Approach) तैयार करता है. यह आपको बाजार की अस्थिरता में भावनात्मक फैसले लेने से बचाता है.
इस नियम का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह आपके पोर्टफोलियो में बड़े नुकसान (Big Losses) को रोकता है.
छोटे नुकसान तो ट्रेडिंग का हिस्सा हैं, लेकिन 20–30% तक की गिरावट आपकी पूरी इनवेस्टमेंट स्ट्रैटजी को बिगाड़ सकती है. 7% रूल से आप समय रहते निकल जाते हैं और अपनी पूंजी को अगले मौके के लिए सुरक्षित रखते हैं.

आज के दौर में कितना कारगर है 7% रूल?

आज 2025 में जहां एल्गो ट्रेडिंग (Algo Trading) और ऑटोमेटेड इनवेस्टमेंट प्लेटफॉर्म्स तेजी से बढ़ रहे हैं, 7% रूल और भी उपयोगी बन गया है. अब आप ऐसे प्लेटफॉर्म्स पर आसानी से अपना स्टॉप-लॉस ऑटोमेट कर सकते हैं.
इससे आपके निवेश के फैसलों में सेंटिमेंट्स के असर को कम करके निवेश को पूरी तरह सिस्टमेटिक और कंसिस्टेंट बनाया जा सकता है.
हालांकि, हाई वोलैटिलिटी वाले स्टॉक्स या न्यूज-ड्रिवन मार्केट में स्टॉप-लॉस को थोड़ा एडजस्ट करना जरूरी होता है.

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शेयर बाजार में टिके रहने का स्मार्ट तरीका

7% रूल किसी जादू की तरह काम नहीं करता, लेकिन यह शेयर बाजार में टिके रहने के लिए एक स्मार्ट और लॉजिकल तरीका जरूर है.
यह निवेशक को यह सिखाता है कि नुकसान से भागने के बजाय उसे सीमित करना ज्यादा समझदारी है.
याद रखें — हर ट्रेड मुनाफे में नहीं होगा, लेकिन अगर आप अपने बड़े नुकसान रोक लेते हैं, तो लंबे समय में मुनाफे के मौके खुद बनते चले जाते हैं.

क्या है इस नियम की लिमिटेशन

जैसे हर रणनीति की सीमाएं होती हैं, वैसे ही 7% रूल भी हर स्थिति में परफेक्ट नहीं है.
कभी-कभी बाजार में अस्थाई उतार-चढ़ाव के कारण आपका स्टॉप-लॉस ट्रिगर हो सकता है और बाद में वही स्टॉक दोबारा तेजी पकड़ लेता है.
इसके अलावा, लॉन्ग टर्म निवेशकों के लिए यह नियम हमेशा जरूरी नहीं होता क्योंकि लंबी अवधि में अच्छे शेयर अपने अस्थाई नुकसान की भरपाई कर देते हैं.
 हालांकि पोजिशनल और स्विंग ट्रेडर्स के लिए यह नियम आज भी बेहद कारगर है.

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