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अंबानी ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अब रिलायंस के डीप-टेक एंटरप्राइज में बदलने की यात्रा के केंद्र में है और इसी मिशन को गति देने के लिए यह नई सहायक कंपनी बनाई जा रही है. (Image: YT/Jio)
Jio IPO to Launch by First Half of 2026, Confirms Mukesh Ambani: रिलायंस इंडस्ट्रीज की एनुअल जनरल मीटिंग (Reliance Industries AGM 2025) में चेयरमैन मुकेश अंबानी ने अपकमिंग जियो आईपीओ को लेकर बड़ा ऐलान किया. उन्होंने आधिकारिक तौर पर बताया कि मोस्ट अवेटेड रिलायंस जियो आईपीओ 2026 की पहली छमाही में आएगा. अंबानी ने कहा कि अगर सबकुछ प्लान के मुताबिक रहा तो यह भारत का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ साबित हो सकता है. उन्होंने भरोसा जताया कि यह निवेशकों के लिए एक गोल्डन अवसर लेकर आएगा और जियो भारत के डिजिटल भविष्य को नई दिशा देगा.
रिलायंस इंडस्ट्रीज की एनुअल जनरल मीटिंग (Reliance Industries 48th AGM 2025) में चेयरमैन मुकेश अंबानी ने ऐलान किया कि रिलायंस जियो इंफोकॉम (रिलायंस इंडस्ट्रीज का टेलीकॉम बिज़नेस) अपना मोस्टअवेटेड आईपीओ 2026 की पहली छमाही तक लाने की तैयारी कर रहा है, बशर्ते सभी जरूरी रेगुलेटरी मंजूरी मिल जाए. अंबानी ने कहा, “जियो अपने IPO के लिए पूरी तैयारी कर रहा है. हमारा लक्ष्य है कि 2026 की पहली छमाही तक जियो को शेयर बाजार में लिस्ट किया जाए. मुझे यकीन है कि जियो वैसा ही वैल्यू बनाएगा जैसा दुनिया की बड़ी कंपनियां करती हैं. यह निवेशकों के लिए एक शानदार अवसर होगा.
जियो IPO क्यों है खास?
जियो का IPO भारत के इतिहास में सबसे बड़े आईपीओ में से एक हो सकता है क्योंकि कंपनी का टेलीकॉम सेक्टर में दबदबा बहुत बड़ा है. आज जियो के पास 50 करोड़ से ज्यादा ग्राहक हैं. यह संख्या अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस की कुल आबादी से भी ज्यादा है. AGM में अंबानी ने बताया कि जियो ने भारत में मोबाइल डेटा, ब्रॉडबैंड और डिजिटल सर्विस इस्तेमाल करने का तरीका पूरी तरह बदल दिया है.
IPO से पहले जियो की 5 बड़ी प्राथमिकताएं
मुकेश अंबानी ने AGM 2025 में कंपनी की आगे की ग्रोथ प्लान भी बताए, जो IPO के बाद भी जियो की दिशा तय करेंगे:
हर भारतीय को मोबाइल और होम ब्रॉडबैंड से जोड़ना.
कम कीमत पर डिजिटल सेवाएं हर घर तक पहुँचाना.
छोटे-बड़े व्यवसायों को सुरक्षित डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म और सॉल्यूशन्स देना.
“AI Everywhere for Everyone” – यानी हर किसी के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल बढ़ाना.
भारत से बाहर जियो की टेक्नोलॉजी और प्लेटफ़ॉर्म को ग्लोबल लेवल पर ले जाना.
निवेशकों के लिए क्या मायने रखता है जियो IPO?
अब जब जियो IPO की तारीख तय हो गई है, तो निवेशक IPO के वैल्यूएशन, प्राइसिंग और ग्रोथ पॉसिबिलिटी पर नज़र रखेंगे. अंबानी का यह भरोसा कि IPO ग्लोबल कंपनियों जैसा वैल्यू बनाएगा, उम्मीदों को और बढ़ा रहा है. निवेशकों के लिए 2026 की पहली छमाही कैलेंडर में मार्क कर लेने का वक्त आ गया है.
Jio IPO: कितनी होगी आईपीओ की साइज
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जियो करीब 50,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का आईपीओ लाने की तैयारी में है. यह बीते कुछ महीने पहले आए हुंडई इंडिया के 28,000 करोड़ रुपये के आईपीओ से कहीं बड़ा हो सकता है. इतना बड़ा इश्यू शेयर बाजार के लिए एक चुनौती बन सकता है, जबकि छोटे इश्यू को संभालना बाजार के लिए आसान होता है.
निवेशकों के लिए मौका
यह आईपीओ फेसबुक (Meta) और गूगल जैसे शुरुआती बड़े निवेशकों को शेयर बेचकर मुनाफा कमाने का अवसर देगा. वहीं आम निवेशकों के लिए यह कंपनी का हिस्सा बनने का सीधा मौका होगा, जो भारत के डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन के केंद्र में है. रिलायंस इंडस्ट्रीज के मौजूदा शेयरधारकों को भी इससे फायदा होगा क्योंकि उनकी होल्डिंग वैल्यू और खुल सकती है.
जियो की खास प्लानिंग
जियो सिर्फ मोबाइल सेवाओं तक सीमित नहीं है. कंपनी हर भारतीय घर तक इंटरनेट पहुंचाने, स्मार्ट होम और जियोटीवी+ जैसी सेवाएं देने, और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के जरिए भारत में एआई एव्रीवेयर फॉर एव्रीवन (AI Everywhere for Everyone) का सपना साकार करने पर काम कर रही है. आईपीओ से जुटाई गई कैपिटल इन योजनाओं को गति देगी.
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Jio IPO : वैल्यूएशन
रिपोर्ट में जियो आईपीओ में देरी के पीछे की वजह भी बताई गई है. दावा है कि ज्यादा वैल्यूएशन मिल सके इसके लिए वक्त लग रहा है. इस बीच कंपनी ने अपने ग्राहकों की संख्या बढ़ाने और डिजिटल सेवाओं का दायरा विस्तार करने पर फोकस किया अब कंपनी मजबूत स्थिति से बाजार में उतरेगी.
सेबी ने हाल ही में प्रस्ताव दिया है कि जिन कंपनियों की मार्केट कैपिटलाइजेशन 5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा होगी, उन्हें सिर्फ 2.5% हिस्सेदारी बेचनी होगी, जबकि पहले यह सीमा 5% थी. एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक जियो का वैल्यूएशन 120 अरब डॉलर, भारतीय करेंसी में लगभग 10.4 लाख करोड़ रुपये के आसपास है. ऐसे में यह रेगुलेटरी बदलाव जियो के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है.
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कैसा रहा कंपनी का परफार्मेंस
जियो ने हाल के तिमाहियों में लगातार मजबूत वित्तीय नतीजे दिए हैं. पहली तिमाही में कंपनी का प्रॉफिट 25% बढ़ा और रेवेन्यू में 19% की बढ़ोतरी दर्ज की गई. टेलीकॉम सेक्टर के लिए अहम संकेतक एवरेज रेवेन्यू पर यूजर (ARPU) भी बढ़कर 208.8 रुपये हो गया. यही वित्तीय मजबूती निवेशकों के लिए भरोसे की नींव है.
AGM में मुकेश अंबानी ने कहा - मुझे खुशी है कि इस तिमाही में जियो ने नई ऊंचाइयां छुई हैं, जिनमें 20 करोड़ 5जी सब्सक्राइबर और 2 करोड़ होम कनेक्शन का आंकड़ा पार करना शामिल है.”