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Market Outlook: अमेरिका का मुख्य पीसीई मूल्य सूचकांक 31 अक्टूबर को जारी होगा, जिसके आधार पर अमेरिकी केंद्रीय बैंक महंगाई का आकलन करता है. (Image: Fe File)
Market Outlook this week: स्थानीय शेयर बाजारों की दिशा इस कम कारोबारी सत्र वाले सप्ताह के दौरान विदेशी निवेशकों की गतिविधियों, ग्लोबल ट्रेंड और कंपनियों के दूसरी तिमाही नतीजों से तय होगी. विश्लेषकों ने यह राय जताते हुए कहा है कि मासिक डेरिवेटिव्स अनुबंधों के निपटान की वजह से बाजार में कुछ और गिरावट देखने को मिल सकती है. दिवाली के मौके पर शुक्रवार को शेयर बाजार बंद रहेंगे, लेकिन शाम को एक घंटे के लिए विशेष मुहूर्त कारोबार होगा. प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज बीएसई और एनएसई एक नवंबर को दिवाली के अवसर पर एक घंटे का विशेष ‘मुहूर्त कारोबार’ आयोजित करेंगे, जो नए संवत 2081 की शुरुआत का प्रतीक है.
इस हफ्ते आने वाले हैं ये आंकड़े
महत्वपूर्ण आंकड़े मसलन अमेरिका के रोजगार के आंकड़े, सकल घरेलू उत्पाद के आंकड़े, चीन का पीएमआई विनिर्माण आंकड़ा बाजार के लिए महत्वपूर्ण संकेतक होंगे. अमेरिका का मुख्य पीसीई मूल्य सूचकांक 31 अक्टूबर को जारी होगा, जिसके आधार पर अमेरिकी केंद्रीय बैंक महंगाई का आकलन करता है. इसके अलावा बैंक ऑफ जापान भी 31 अक्टूबर को अपने ब्याज दर पर निर्णय की घोषणा करने वाला है. इस हफ्ते अदाणी पावर, बीएचईएल, अदाणी एंटरप्राइजेज, अदाणी पोर्ट्स और डाबर इंडिया अपने तिमाही नतीजों की घोषणा करेंगी.
विदेशी कोषों की भारी निकासी और कंपनियों के दूसरी तिमाही के नतीजे अच्छे नहीं रहने की वजह से पिछले हफ्ते बाजार में बड़ी गिरावट आई थी. एक विशेषज्ञ ने कहा कि अगले महीने की शुरुआत में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले निवेशकों के सतर्क रहने से निकट अवधि में बाजार में कमजोरी का रुख जारी रह सकता है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि अल्पावधि में बाजार में गिरावट जारी रहेगी. इस रुख में बदलाव एफआईआई की बिकवाली की रफ्तार कम होने और अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों के नतीजों पर निर्भर करेगा. उन्होंने कहा कि अक्टूबर की शुरुआत में शुरू हुई एफपीआई की बिकवाली का सिलसिला जारी है और अभी इस रुख के पलटने का कोई संकेत नहीं है. चीन द्वारा प्रोत्साहन उपायों की घोषणा के बाद एफपीआई की बिकवाली शुरू हुई है. इसके अलावा चीन के शेयरों का मूल्यांकन भी कम है. भारत में शेयरों के ऊंचे मूल्यांकन की वजह से एफपीआई बिकवाल बने हुए हैं. विजयकुमार ने आगे कहा कि एफपीआई की बिकवाली से बाजार धारणा प्रभावित हुई है और निफ्टी अपने हाईएस्ट लेवल से 8 फीसदी नीचे आ गया है.
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लि. के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा कि आगे चलकर एफआईआई का प्रवाह बाजार की दिशा निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, जबकि अक्टूबर के वायदा एवं विकल्प निपटान की वजह से बाजार में उतार-चढ़ाव रहने की उम्मीद है. अभी दूसरी तिमाही के नतीजों का सत्र चल रहा है. ऐसे में आगामी तिमाही नतीजे बाजार को दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. उन्होंने कहा कि वैश्विक मोर्चे पर जिओ-पॉलिटिकल स्टेटस, विशेष रूप से ईरान-इजराइल जंग और कच्चे तेल की कीमतों पर इसका असर बाजार की दिशा के लिए महत्वपूर्ण रहेगा. मीणा ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले दुनियाभर के बाजार सतर्क और इंतजार करो का रुख अपना सकते हैं.
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के प्रमुख-शोध, संपदा प्रबंधन सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि कमजोर वैश्विक संकेतों, दूसरी तिमाही के उम्मीद से कमजोर नतीजों की वजह से कुल मिलाकर निफ्टी 26,277 अंक के अपने हाईएस्ट लेवल से 8 फीसदी नीचे आ गया है. अमेरिका में पांच नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनावों की वजह से अभी बाजार में कमजोरी का यह रुख जारी रहने वाली है. पिछले हफ्ते बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1,822.46 अंक या 2.24 फीसदी नीचे आया, जबकि निफ्टी 673.25 अंक या 2.70 फीसदी के नुकसान में रहा.