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OYO IPO delay: बजट होटल चेन ओयो की IPO लाने की योजना तीसरी बार भी टलती नजर आ रही है. (File Photo : Reuters)
OYO IPO Delay Due to SoftBank Opposition: भारत की बजट होटल चेन ओयो (OYO) की IPO लाने की योजना तीसरी बार भी टलती नजर आ रही है. इस बार IPO में देरी की एक और वजह सामने आई है. तीसरी बार IPO लाने की योजना को टाले जाने की वजह उसके सबसे बड़े निवेशक सॉफ्टबैंक (SoftBank) को बताया जा रहा है, जो मौजूदा मार्केट कंडीशन और कंपनी की कमजोर कमाई को देखते हुए IPO का विरोध कर रहा है. ब्लूमबर्ग न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक इसके बाद ओयो ने आईपीओ को फिलहाल टाल दिया है और 2026 के मार्च तक लिस्टिंग की योजना बना रही है.
अब 7 अरब डॉलर के वैल्यूशन पर नजर
ब्लूमबर्ग न्यूज की रिपोर्ट में बताया गया है कि OYO अब 7 अरब डॉलर (लगभग 58 हजार करोड़ रुपये) की वैल्यूएशन पर आईपीओ लाने की कोशिश करेगा. पहले कंपनी ने अक्टूबर 2024 में लिस्टिंग की योजना बनाई थी, लेकिन सॉफ्टबैंक ने इसका विरोध करते हुए कहा कि कंपनी को तब तक आईपीओ नहीं लाना चाहिए जब तक उसकी कमाई (earnings) और मजबूत न हो जाए. यह जानकारी सीधे तौर पर मामले से जुड़े लोगों ने दी है, जिनकी पहचान रिपोर्ट में गोपनीय रखी गई है. ओयो और सॉफ्टबैंक की ओर से इस पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.
रिपोर्ट के अनुसार भारत का प्रमुख इंडेक्स निफ्टी 50 इस साल करीब 3% बढ़ा है, लेकिन अभी भी पिछले साल अक्टूबर में बने ऑल टाइम हाई से करीब 7% नीचे चल रहा है. इस उतार-चढ़ाव वाले बाजार का असर कई अन्य कंपनियों पर भी पड़ा है. पिछले हफ्ते एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स (LG Electronics) की भारतीय इकाई ने भी अपने IPO को कुछ तिमाहियों के लिए टाल दिया. इसी तरह ई-स्कूटर बनाने वाली कंपनी एथर एनर्जी (Ather Energy) ने अपने IPO का आकार घटा दिया और वैल्यूएशन को भी आधा कर दिया.
IPO के पीछे लोन चुकाने की डेडलाइन अहम वजह
OYO के फाउंडर रितेश अग्रवाल ने पहले IPO को जल्दी लाने की वकालत की थी क्योंकि उन्हें 2019 में लिए गए 2.2 बिलियन डॉलर (लगभग 18.3 हजार करोड़ रुपये) के रीस्ट्रक्चर्ड लोन से जुड़ी शर्तों को पूरा करना था. यह लोन उन्होंने कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए लिया था. इस लोन की गारंटी सॉफ्टबैंक के फाउंडर मासायोशी सोन (Masayoshi Son) ने दी थी. दिसंबर में इसकी पहली किस्त की डेडलाइन थी, लेकिन रिपोर्ट के अनुसार अगर ओयो इस साल लिस्ट हो जाता, तो कर्जदाता (lenders) इसे चुकाने के लिए और समय देने को तैयार थे. अब कहा जा रहा है कि सॉफ्टबैंक रितेश अग्रवाल को लोन की समय सीमा बढ़वाने में मदद कर सकता है, लेकिन इसके बदले कंपनी को अपना आईपीओ टालना होगा.
तीन बार टला ओयो का आईपीओ प्लान
ओयो ने सबसे पहले 2021 में IPO लाने के लिए दस्तावेज दाखिल किए थे और उस समय कंपनी 12 अरब डॉलर की वैल्यूएशन चाहती थी. इसके बाद मार्च 2023 में OYO ने दोबारा सेबी (SEBI) के पास गोपनीय तौर पर कागज दाखिल किए, लेकिन मई 2023 में इसे भी टाल दिया गया. अब तीसरी बार भी ओयो को IPO लाने में देरी हो रही है, और इसकी सबसे बड़ी वजह सॉफ्टबैंक की असहमति और बाजार की अनिश्चितता को बताया जा रहा है.