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आज निफ्टी फार्मा इंडेक्स करीब 1.5% कमजोर हुआ है. इंडेक्स में शामिल सभी स्टॉक लाल निशान में हैं (AI Image)
pharmaceutical tariffs news : आज 26 सितंबर 2025 को फार्मा कंपनियों के शेयरों (Pharma Stocks) में बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है. आज निफ्टी फार्मा इंडेक्स करीब 1.5 फीसदी कमजोर हुआ है. इंडेक्स में शामिल सभी स्टॉक लाल निशान में दिख रहे हैं, इनमें 3-4 फीसदी तक गिरावट आई है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ऐलान किया कि 1 अक्टूबर से आयातित ब्रांडेड या पेटेंट वाली दवाइयों पर 100 फीसदी टैक्स लगाया जाएगा. हालांकि, अगर कोई कंपनी अमेरिका में अपनी फैक्ट्री बना रही है, तो उस पर यह टैक्स नहीं लगेगा. ट्रम्प के इस ऐलान के बाद निवेशक फार्मा शेयरों में बिकवाली कर रहे हैं.
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किस शेयर में कितनी गिरावट
नैटको फार्मा : -3.75%
BIOCON : -2.89%
लॉरस लैब : -2.83%
जायडस लाइफ सांइस : -2.76%
ग्लैंड फार्मा : -2.44%
अजंता फार्मा : -2.40%
डिवाइस लैब : -2.09%
ABBOTINDIA : -1.97%
सन फार्मा : -1.78%
ग्लेनमार्क फार्मा : -1.73%
मैनकाइंड : -1.61%
LUPIN : -1.38%
GRANULES : -1.26%
अरबिंदो फार्मा : -0.92%
अल्केम लैब : -0.91%
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जेनेरिक दवाओं पर टैक्स नहीं
ट्रम्प ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Truth Social पर लिखा कि “1 अक्टूबर 2025 से, किसी भी ब्रांडेड या पेटेंटेड दवा पर 100% टैक्स लगाया जाएगा, जब तक कि कंपनी अमेरिका में दवा बनाने का प्लांट नहीं बना रही है. अगर निर्माण कार्य शुरू हो चुका है, तो टैक्स नहीं लगाया जाएगा.
हालांकि, जेनेरिक (सस्ती सामान्य) दवाओं पर यह टैक्स नहीं लगेगा. इससे भारतीय फार्मा कंपनियों को फायदा मिलने की संभावना है, क्योंकि उनकी बड़ी कमाई अमेरिका को जेनेरिक दवाएं बेचने से होती है. डॉ. रेड्डीज, सन फार्मा, ल्यूपिन और अरबिंदो फार्मा जैसी कंपनियां लंबे समय से अमेरिकी बाजार में जेनेरिक दवाओं की मांग से फायदा उठा रही हैं.
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जेनेरिक दवाओं पर टैक्स क्यों नहीं बढ़ा
जेनेरिक दवाओं पर कंपनियों को बहुत कम मुनाफा मिलता है. विशेषज्ञों का मानना है कि जेनेरिक दवाओं पर अगर टैक्स लगाया गया, तो वह लंबे समय तक टिक नहीं पाएगा, क्योंकि इससे अमेरिका की हेल्थकेयर लागत बहुत ज्यादा बढ़ जाएगी. भारत अभी अमेरिका को करीब 45% जेनेरिक दवाएं और 10–15% बायोसिमिलर दवाएं सप्लाई करता है. यही कारण है कि भारतीय जेनेरिक दवाओं से अमेरिकी स्वास्थ्य व्यवस्था को बड़ी बचत होती है.
इस साल की शुरुआत में, ट्रम्प ने संकेत दिए थे कि दवा कंपनियों पर टैक्स 200% तक भी हो सकता है. ट्रम्प का लक्ष्य यह है कि कंपनियों को कुछ समय दिया जाए ताकि वे अमेरिका में फैक्ट्री बना लें.