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सेबी ने नियमों में किया बड़ा बदलाव, 6 महीने के औसत से तय होगा लिस्टेड कंपनियों का मार्केट-कैप

Sebi rule change: सेबी ने नियमों में बड़ा बदलाव करने का एलान किया है, जिसके तहत लिस्टेड कंपनियों के मार्केट-कैप का कैलकुलेशन 6 महीने के औसत बाजार पूंजीकरण के आधार पर किया जाएगा.

Sebi rule change: सेबी ने नियमों में बड़ा बदलाव करने का एलान किया है, जिसके तहत लिस्टेड कंपनियों के मार्केट-कैप का कैलकुलेशन 6 महीने के औसत बाजार पूंजीकरण के आधार पर किया जाएगा.

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FE Hindi Desk
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Sebi rule change: नए नियमों के तहत लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप उनके 6 महीने के "औसत बाजार पूंजीकरण" का इस्तेमाल करके किया जाएगा. (File Photo : Reuters)

Sebi changes rule to determine m-cap of listed companies : मार्केट रेगुलेटर सेबी ने नियमों में बड़ा बदलाव करने का एलान किया है. नए नियमों के तहत लिस्टेड कंपनियों के मार्केट कैपिटलाइजेशन यानी बाजार पूंजीकरण का कैलकुलेशन एक दिन के आंकड़े के आधार पर नहीं, बल्कि 6 महीने के औसत मार्केट कैप के आधार पर किया जाएगा. सेबी ने ये बड़ा बदलाव लिस्टिंग ऑब्लिगेशन एंड डिस्क्लोजर रिक्वायरमेंट (LODR) से जुड़े नियमों में फेरबदल करके किया है. सेबी ने अपने एक नोटिफिकेशन में बताया है कि यह नया बदलाव 31 दिसंबर 2024 से लागू माना जाएगा. 

बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि मार्केट में लगातार होने वाले उतार-चढ़ावों की वजह से  किसी भी लिस्टेड कंपनी के बाजार पूंजीकरण में हर रोज बदलाव होता रहता है. लिहाजा किसी भी लिस्टेड कंपनी के मार्केट साइज और दूसरी कंपनियों के मुकाबले उसकी रैंकिंग का सही अनुमान लगाने के लिए 6 महीने के एवरेज मार्केट कैप का इस्तेमाल करना ज्यादा सटीक तरीका होगा.

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एक्सपर्ट कमेटी की सिफारिश पर उठाया कदम

सेबी ने कंपनियों का मार्केट कैप तय करने से जुड़े नियमों में यह बदलाव सेबी के पूर्व सदस्य एसके मोहंती की अध्यक्षता वाली एक एक्सपर्ट कमेटी की सिफारिशों के आधार पर किया है. मार्केट रेगुलेटर के इस कदम को 'ईज़ ऑफ डुइंग बिजनेस' यानी कारोबार करना आसान बनाने के लिए की जा रही कोशिशों से जोड़कर देखा जा रहा है. नियमों में बदलाव के बाद अब कंपनियों के एवरेज मार्केट कैपिटलाइजेशन का निर्धारण एक निश्चित अवधि (defined period) के आधार पर किया जाएगा.

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कट-ऑफ डेट 31 दिसंबर

सेबी के इस कदम के बाद  लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप उनके 6 महीने के एवरेज मार्केट कैपिटलाइजेशन यानी "औसत बाजार पूंजीकरण" का इस्तेमाल करके किया जाएगा, जबकि अब तक यह निर्धारण एक दिन (31 मार्च) के बाजार पूंजीकरण (Market Capitalisation) के आधार पर किया जाता रहा है. नए नियमों के लागू होने पर कंपनियों की रैंकिंग 1 जुलाई से लेकर 31 दिसंबर के दौरान उनके एवरेज मार्केट कैपिटलाइजेशन पर आधारित होगी. 31 दिसंबर कट-ऑफ डेट होगी. 31 दिसंबर को मार्केट कैप तय करने के बाद 3 महीने के ट्रांजिशन पीरियड रखा जाएगा और अगले वित्त वर्ष की शुरुआत से नई व्यवस्था पूरी तरह से लागू हो जाएगी.

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हर एक्सचेंज को बनानी होगी लिस्ट

सेबी ने लिस्टिंग ऑब्लिगेशन एंड डिस्क्लोजर रिक्वायरमेंट (LODR) नॉर्म्स में संशोधन करते हुए कहा है, "सभी मान्यताप्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों को कैलेंडर इयर की समाप्ति यानी 31 दिसंबर को अपने पास लिस्टेड एंटीटीज़ की एक सूची तैयार करनी होगी, जिसमें उनकी सिक्योरिटीज़ को 1 जुलाई से 31 दिसंबर तक के एवरेज मार्केट कैपिटलाइजेशन के हिसाब से रैंकिंग देनी होगी." नए प्रावधानों में कहा गया है कि अगर किसी लिस्टेड एंटीटी की रैंकिंग लगातार तीन साल तक बदलती रहेगी, तो उस पर नए प्रावधान लागू नहीं माने जाएंगे, जिससे बाजार पूंजीकरण में उथल-पुथल का सामना कर रही कंपनियों को राहत मिलेगी.

Sebi Market Capitalisation