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Sebi new circular : सेबी ने निवेशकों को आईपीओ के बारे में गलत जानकारियां फैलाने वाले फाइनेंशियल इंफ्लुएन्सर्स से बचाने के लिए नया सर्कुलर जारी किया है. (File Photo : Reuters)
Sebi new circular to counter financial influencers’ impact: शेयर बाजार रेगुलेटर सेबी ने आम निवेशकों को आईपीओ के बारे में गलत जानकारियां फैलाने वाले फाइनेंशियल इंफ्लुएन्सर्स (financial influencers or finfluencers) से बचाने के इरादे से एक नया सर्कुलर जारी किया है. शुक्रवार को जारी इस सर्कुलर में मेनबोर्ड आईपीओ लाने वाली सभी कंपनियों से कहा गया है कि वे अपने आईपीओ के बारे में सही जानकारी देने वाले ऑडियो-विजुअल कंटेंट (AV) बनाकर जारी करें. इस ऑडियो-विजुअल कंटेंट में निवेशकों को यह चेतावनी भी दी जानी चाहिए कि वे निवेश के बारे में कोई भी फैसला करते समय सिर्फ ऑफर डॉक्युमेंट और प्राइस बैंड एडवर्टाइजमेंट पर भरोसा करें, किसी भी फिन-फ्लुएंसर पर नहीं.
नया निर्देश सभी मेन-बोर्ड IPO पर लागू
सेबी के सर्कुलर के मुताबिक मेन-बोर्ड पब्लिक इश्यू (main board public issues) लाने वाली सभी कंपनियों के लिए ऑडियो-विजुअल फॉर्मेट में ऐसा कंटेंट बनाना जरूरी होगा, जिसमें निवेशकों को उन सारे डिस्क्लोजर्स के बारे में बताया गया हो, जो आईपीओ के ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) और रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (RHP) में दिए जाते हैं. इनके अलावा आईपीओ के प्राइस बैंड की जानकारी देने वाले विज्ञापन भी एवी फॉर्मेट में आम जनता के लिए जारी किए जाने चाहिए. सेबी ने कहा है कि ऐसे ऑडियो-विजुअल कंटेंट सभी मेन-बोर्ड पब्लिक इश्यू के लिए बनाकर पब्लिक डोमेन में जारी किए जाने चाहिए. सर्कुलर के मुताबिक शुरुआत में ऐसे AV कंटेंट दो भाषाओं - अंग्रेजी और हिंदी में जारी होने चाहिए और हिंदी वर्जन में देवनागरी स्क्रिप्ट का इस्तेमाल किया जाना चाहिए.
कंपनियों को जारी करना होगा यह डिस्क्लोजर
सर्कुलर में यह भी बताया गया है कि कंपनियों की तरफ से जारी एवी कंटेंट में एक डिस्क्लोजर भी देना होगा. इस डिस्क्लोजर में बताया जाएगा कि “निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे निवेश से जुड़े फैसले करने के लिए सिर्फ उसी जानकारी पर भरोसा करें, जो ऑफर डॉक्युमेंट और प्राइस बैंड के विज्ञापन में दी गई है. इससे अलग फिन-फ्लुएंसर्स द्वारा किसी भी पब्लिक इश्यू के बारे में इंटरनेट / ऑनलाइन वेबसाइट / सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स / माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म्स पर जारी किए जाने वाले किसी भी अन्य दस्तावेज, कंटेंट या जानकारी पर भरोसा नहीं करें.”
एवी कंटेंट में क्या होना चाहिए
सेबी ने अपने सर्कुलर में बताया है कि ऐसे AV कंटेंट की अवधि करीब 10 मिनट होनी चाहिए और उसमें कही गई बातें तथ्यों पर आधारित होनी चाहिए और उनमें किसी तरह का दोहराव या प्रमोशनल बातें नहीं होनी चाहिए. साथ ही इसमें कोई भ्रामक जानकारी भी नहीं होनी चाहिए. इस एवी में आईपीओ लाने वाली कंपनी, उससे जुड़े रिस्क फैक्टर, कैपिटल स्ट्रक्चर, ऑफर के उद्देश्यों, इश्यू लाने वाले के बिजनेस, प्रमोटर्स, मैनेजमेंट, वित्तीय जानकारी की समरी, कानूनी मुकदमों और ऑफर के टर्म्स समेत हर जरूरी जानकारी शामिल रहनी चाहिए.
कब और कहां जारी करना होगा AV कंटेट
सेबी के मुताबिक इस एवी कंटेंट को सेबी के पास DHRP फाइल किए जाने के 5 दिनों के भीतर इश्यू लाने वाली कंपनी की वेबसाइट के साथ ही साथ एसोसिएशन ऑफ इनवेस्टमेंट बैंकर्स ऑफ इंडिया (AIBI) की वेबसाइट पर भी अपलोड किया जाना चाहिए और दोनों के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी उपलब्ध कराया जाना चाहिए. इस एवी का वेबलिंक स्टॉक एक्सचेंजों और इश्यू के लीडमैनेजर्स की वेबसाइट्स पर भी दिए जाने चाहिए. सेबी ने कहा है कि इस सर्कुलर में बताए गए सभी प्रावधान 1 अक्टूबर 2024 से अनिवार्य तौर पर लागू कर दिए जाएंगे, लेकिन वॉलंटरी बेसिस यानी स्वैच्छिक आधार पर इन्हें 1 जुलाई 2024 से ही लागू किया जा सकता है.