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SEBI ने देश के तमाम स्टॉक ब्रोकर्स के लिए एक बेहद महत्वपूर्ण दिशानिर्देश जारी किया है. (File Photo : PTI)
SEBI’s New Direction for Stock Brokers: सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने देश के तमाम स्टॉक ब्रोकर्स के लिए एक बेहद महत्वपूर्ण दिशानिर्देश जारी किया है. मार्केट रेगुलेटर ने सभी शेयर ब्रोकर्स को आदेश दिया है कि वे संस्थागत तौर पर ऐसे इंतजाम करें, जिससे शेयर ब्रोकिंग के दौरान होने वाली धोखाधड़ी और मार्केट के दुरुपयोग (Market Abuse) की पहचान करके निवेशकों को उससे बचाया जा सके. सेबी ने यह निर्देश गुरुवार को जारी एक सर्कुलर के जरिए दिया है. मार्केट रेगुलेटर ने अपने सर्कुलर में कहा है कि इस नए दिशानिर्देश पर अमल करने के लिए जरूरी स्टैंडर्ड और ऑपरेशनल डिटेल स्टॉक ब्रोकर्स के इंडस्ट्री स्टैंडर्ड्स फोरम (Industry Standards Forum - ISF) द्वारा सेबी की सलाह के आधार पर तैयार किए जाएंगे.
SEBI के नए सर्कुलर में क्या है
सेबी ने अपने नए सर्कुलर में कहा है कि सभी स्टॉक ब्रोकर्स को कारोबारी गतिविधियों और इंटर्नल कंट्रोल सिस्टम की निगरानी के लिए एक सिस्टम बनाना होगा. इसके साथ ही उन्हें किसी गड़बड़ी का खुलासा करने वालों की मदद और सुरक्षा के लिए एक व्हिसल-ब्लोअर पॉलिसी भी बनानी होगी. सेबी ने यह सर्कुलर “सेबी स्टॉकब्रोकर्स संशोधन रेगुलेशन्स 2024” पर अमल करने के लिए जारी किया है. इस संशोधित नियमों का उद्देश्य बाजार में किसी तरह ही गड़बड़ी की रोकथाम करना और निवेशकों की सुरक्षा के ऊंचे स्टैंडर्ड का पालन सुनिश्चित करना है.
स्टॉक ब्रोकर्स के साइज के हिसाब से डेडलाइन तय
इस सर्कुलर में जारी निर्देशों पर अमल के लिए तय समय सीमा स्टॉक ब्रोकर्स के साइज पर आधारित होगी. 50,000 से अधिक एक्टिव यूनिक क्लाइंट कोड (UCC) वाले ब्रोकरों के लिए 1 जनवरी, 2025 तक इस पर अमल करना होगा. जबकि 2,001 से 50,000 तक एक्टिव UCC वाले ब्रोकरों के लिए यह डेडलाइन 1 अप्रैल, 2025 रखी गई है. वहीं, जिन ब्रोकर्स के पास 2,000 तक एक्टिव UCC हैं, उन्हें इसके लिए 1 अप्रैल, 2026 तक का समय दिया गया है.
QSBs को 1 अगस्त तक करना होगा अमल
इनके अलावा, क्वॉलिफाइड स्टॉक ब्रोकर्स (Qualified Stock Brokers - QSBs) को अपनी गवर्नेंस और क्लाइंट बिहेवियर से जुड़ी मौजूदा जिम्मेदारियों को ध्यान में रखते हुए इन गाइडलाइन्स पर 1 अगस्त, 2024 तक ही अमल करना होगा. भले ही उनके UCC की संख्या कुछ भी हो. सेबी ने कहा है कि QSBs को कम समय इसलिए दिया जा रहा है, क्योंकि वे गवर्नेंस स्ट्रक्चर, प्रक्रियाओं और क्लाइंट बिहेवियर के मामले में पहले से ही ज्यादा जिम्मेदारियों पर अमल करते आ रहे हैं. सेबी ने स्टॉक एक्सचेंजों को इस सर्कुलर के प्रावधानों को स्टॉक ब्रोकर्स के ध्यान में लाने और अपनी वेबसाइटों पर इसे जारी करने का निर्देश भी दिया है. सेबी ने पिछले कुछ दिनों के दौरान कई अहम फैसले किए हैं, जिनमें डेट सिक्योरिटीज की फेस वैल्यू 1 लाख रुपये से घटाकर 10 हजार रुपये करना भी शामिल है. इसके अलावा सेबी चीफ माधबी पुरी बुच पिछले हफ्ते ही ब्रोकर्स और म्यूचुअल फंड के अन-रेगुलेटेड इंफ्लुएंसर्स की सेवाएं लेने पर रोक लगाने और वॉलंटरी डी-लिस्टिंग के लिए स्टॉक प्राइस तय करने का नया फॉर्मूला पेश करने समेत कई और अहम एलान भी कर चुकी हैं.