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Investors Strategy : रणनीति के अनुसार एक निवेशक मई में शेयर बेचता है और अस्थिर माने जाने वाले मई से अक्टूबर के दौरान निवेश से बचता है. (Pixabay)
Stock Market Strategy : साल 2024 की बात करें तो बाजार में तेजी का ट्रेंड 2023 के अंतिम महीनों की तरह ही जारी है. इस साल सेंसेक्स और निफ्टी ने अपना नया पीक बना लिया. अप्रैल में सेंसेक्स ने ऐतिहासिक 75000 का लेवल ब्रेक कर दिया. फिलहाल पिछले 3 महीनों से शेयर बाजार में जारी तेजी का सिलसिला मई में भी बने रहने की संभावना है. इसका कारण इकोनॉमिक ग्रोथ बेहतर रहने की उम्मीद के साथ आम चुनावों में मौजूदा सरकार के दोबारा से सत्ता में (Political Certainty) आने की संभावना और घरेलू निवेशकों की मजबूत भागीदारी के साथ निवेशकों का सेंटीमेंट पॉजिटिव होना है. एक्सपर्ट का कहना है कि आमतौर पर निवेशक मई में बिकवाली की रणनीति अपनाते थे, लेकिन इस साल यह ट्रेंड बदल सकता है.
जारी रहेगा तेजी का सिलसिला
मास्टर कैपिटल सर्विस लिमिटेड के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अरविंदर सिंह नंदा ने कहाकि कुल मिलाकर, बाजार में तेजी का सिलसिला (Stock Market Rally) जारी रहने की उम्मीद है. इसका एक प्रमुख कारण घरेलू संस्थागत निवेश्कों के साथ इनडिविजुअल निवेशकों की भी मजबूत भागीदारी है. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में अगर कंपनियों की अर्निंग बेहतर रहती है तो बाजार में तेजी का ट्रेंड बने रहने की उम्मीद है. नंदा ने कहा कि अगर पश्चिम एशिया में तनाव कम होता है, कंपनियों के वित्तीय परिणाम अच्छे रहते हैं और चीनी अर्थव्यवस्था में मजबूती दिखती है तो मार्केट सेंटीमेंट मजबूत बने रहने की संभावना है.
मिड और स्मॉलकैप में तेजी जारी
स्वास्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर सुनील न्याति का कहना है कि इस साल की शुरुआत से हाई वैल्युएशन को लेकर चिंताओं के बावजूद मिड और स्मॉल साइज की कंपनियों के शेयरों में तेजी जारी है. इसका कारण पर्याप्त घरेलू नकदी और भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए पॉजिटिव आउटलुक (Indian Economy) होना है. उन्होंने कहाकि छोटी कंपनियों का यह बेहतर प्रदर्शन ग्लोबल लेवल पर पिछले बड़े बाजारों में देखे गए ट्रेंड को बताता है. इससे पता चलता है कि भारतीय बाजार भी शायद ग्रोथ के उसी चरण में हैं.
‘मई में बेचें और दूर चले जाएं’
हेज फंड हेडोनोवा में सीआईओ सुमन बनर्जी ने कहा कि ऐतिहासिक आंकड़ों पर विचार करते हुए, यह साफ है कि पारंपरिक रूप से ‘मई में बेचें और दूर चले जाएं’ की रणनीति बाजार की मौजूदा स्थिति और खासकर आम चुनावों को देखते हुए सच नहीं हो सकती है. रणनीति के अनुसार एक निवेशक मई में अपने शेयर बेचता है और आमतौर पर अस्थिर माने जाने वाले मई से अक्टूबर के दौरान निवेश से बचता है. फिर नवंबर में इक्विटी शेयर बाजार में वापस आ जाता है. न्याति ने कहा कि अब ‘मई में बेचें और बाजार से दूर रहें’ कहावत पुरानी हो चुकी है. आंकड़े इसकी पुष्टि नहीं करते हैं. उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि ब्याज दरों में कटौती में देरी और अमेरिका में बॉन्ड यील्ड बढ़ने के बावजूद बाजार में तेजी बनी रहेगी. हमारी मजबूत घरेलू अर्थव्यवस्था के साथ कई क्षेत्रों में पॉजिटिव रिजल्ट स्थिति को संतुलित बना रहे हैं. इसके अलावा, वर्तमान सरकार के मौजूदा चुनाव में फिर से सत्ता में लौटाने की संभावना भी बाजार में गति बनाये हुए है.
सेंसेक्स ने ब्रेक किया ऐतिहासिक लेवल
अरविंदर सिंह नंदा ने कहा कि बाजार कई वजहों से रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है. सबसे पहले, भारतीय अर्थव्यवस्था में मजबूती के साथ पॉजिटिव मार्केट सेंटीमेंट ने निवेशकों के भरोसे को बढ़ाया है. बीएसई सेंसेक्स इस साल 9 अप्रैल 2024 के कारोबार के दौरान 75,124.28 अंक के अपने आल टाइम हाई लेवल पर पहुंच गया. इंडेक्स ने उसी दिन पहली बार ऐतिहासिक 75,000 के लेवल को पार किया. सेंसेक्स 10 अप्रैल को पहली बार 75,000 अंक के ऊपर बंद हुआ. बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैपिटलाइजेशन 8 अप्रैल 2024 को पहली बार 400 लाख करोड़ रुपये के पार चला गया.
(Disclaimer: स्टॉक में निवेश या बिकवाली की सलाह एक्सपर्ट व ब्रोकरेज हाउस के द्वारा दी गई है. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं हैं. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)