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Investors Wealth: बाजार के गिरावट में निवेशकों की दौलत में 13 लाख करोड़ से ज्यादा की कमी आई है. (Pixabay)
Stock Market Crash: शेयर बाजार में आज भारी बिकवाली देखने को मिल रही है. कारोबार में सेंसेक्स करीब 1000 अंकों से ज्यादा टूट गया. वहीं निफ्टी 21850 के नीचे आ गया है. इंट्राडे में सेंसेक्स 1050 अंकों से ज्यादा टूटकर 72602 के लेवल पर आ गया. जबकि निफ्टी करीब 400 अंक टूटकर 21937 के लेवल पर आ गया. इस गिरावट में बीएसई लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप करीब 13 लाख करोड़ घट गया है. एक्सपर्ट इसे स्मॉलकैप का बुलबुला फूटने से जोड़कर भी देख रहे हैं.
13 लाख करोड़ डूबे
बाजार के गिरावट में निवेशकों की दौलत में 13 लाख करोड़ से ज्यादा की कमी आई है. 12 मार्च को बीएसई लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप 3,85,64,425.51 करोड़ था. जो आज यानी 13 मार्च को इंट्राडे में घटकर 3,72,44,899.19 करोड़ रह गया. यानी इसमें 13 लाख करोड़ से ज्यादा की कमी आई.
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स्मॉलकैप और मिडकैप में रहें अलर्ट!
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट, गौरांग शाह का कहना है कि अत्यधिक लिक्विडिटी ने मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक की कीमतों को बढ़ा दिया, जो अक्सर कमाई के आधार पर उनके उचित मूल्यों से अधिक हो जाती थी. इन क्षेत्रों में आने वाले फंड में ग्रोथ ने फंड मैनेजर्स को निवेश करने के लिए मजबूर किया, जिससे वैल्युएशन में और बढ़ोतरी हुई. अधिकारियों ने स्थिति को स्वीकार किया है और संभावित नियमों का प्रस्ताव दिया है. यह देखते हुए स्मॉलकैप और मिडकैप शेयरों की ऐतिहासिक अस्थिरता, निवेशकों के लिए धन आवंटित करने में सावधानी बरतना महत्वपूर्ण है, चाहे सीधे शेयरों में या म्यूचुअल फंड एसआईपी के माध्यम से. निवेशकों को स्मॉलकैप, मिडकैप और माइक्रोकैप शेयरों में अस्थिरता के लिए तैयार रहना चाहिए. जैसा कि करेक्शन फेज पहले भी हुआ है. रेगुलेटरी कदमों का उद्देश्य छोटे रिटेल निवेशकों के हितों की रक्षा करना है.
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स्मॉलकैप में वैल्युएशन के मोर्चे पर चिंता
स्मॉलकैप में वैल्युएशन के मोर्चे पर मार्केट रेगुलेटर की चिंता दिख रही है. पिछले महीने मार्केट रेगुलेटर सेबी ने म्युचुअल फंडों को स्मॉलकैप व मिडकैप फंडों के निवेशकों के लिए निवेशक सुरक्षा ढांचा बनाने को कहा था. सेबी की प्रमुख माधवी पुरी बुच ने हाल ही कहा था कि बाजार में कुछ हिस्से अलग तरह के हैं. कुछ इसे बुलबुले का नाम देते हैं. बुलबुला बनने देना सही नहीं होगा क्योंकि जब यह फूटता है तो निवेशकों पर बुरा असर डालता है. इंडस्ट्री को ऐसे बुलबुले को हवा नहीं देना चाहिए और म्युचुअल फंड ट्रस्टियों को इस जोखिम के प्रबंधन के लिए नीति बनानी चाहिए.
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स्मॉलकैप, मिडकैप इंडेक्स टूटे
आज के कारोबार में बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स में 5 फीसदी से अधिक गिरावट आई है. यह 2000 अंकों से ज्यादा टूटकर इंट्राडे में 40,584.36 के लेवल पर आ गया.
वहीं, बीएसई मिडकैप इंडेक्स में करीब 5 फीसदी गिरावट आई है. यह 1800 अंकों से ज्यादा टूटकर इंट्राडे में 37,444.51 के लेवल तक कमजोर हुआ.