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100 रुपये से सस्ते स्टॉक सुजलॉन में इन 4 वजहों से होगी मोटी कमाई, 5 साल में दे चुका ​हैं 1500% एबसॉल्यूट रिटर्न

Multibagger Stock : कभी पेनी स्टॉक कहे जाना वाला सुजलॉन रिटर्न मशीन साबित हुआ है. जुलाई 2020 में यह शेयर 2 रुपये के आस पास ट्रेड कर रहा था, जो 16 जुलाई 2025 को 67 रुपये के आस पास पहुंच गया है.

Multibagger Stock : कभी पेनी स्टॉक कहे जाना वाला सुजलॉन रिटर्न मशीन साबित हुआ है. जुलाई 2020 में यह शेयर 2 रुपये के आस पास ट्रेड कर रहा था, जो 16 जुलाई 2025 को 67 रुपये के आस पास पहुंच गया है.

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Sushil Tripathi
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Buy Suzlon Energy : मजबूत ऑर्डर बुक और प्रोजेक्ट्स को बेहतर तरीके से पूरा करने की कोशिशों जैसे फैक्टर से कंपनी को फायदा होगा. (Pixabay)

Suzlon Energy Stock Price : मल्टीबैगर स्टॉक सुजलॉन एनर्जी ने 5 साल में 1500 फीसदी से ज्यादा एबसॉल्यूट रिटर्न दिया है. कभी पेनी स्टॉक कहे जाना वाला सुजलॉन रिटर्न मशीन साबित हुआ है. जुलाई 2020 में यह शेयर 2 रुपये के आस पास ट्रेड कर रहा था, जो 16 जुलाई 2025 को 67 रुपये के आस पास पहुंच गया है. कंपनी का मार्केट कैप 92,000 करोड़ रुपये के करीब है. 

फिलहाल स्टॉक अपने 1 साल के हाई 86 रुपये की तुलना में 22 फीसदी नीचे 67 रुपये पर है. ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल ने शेयर में निवेश की सलाह दी है और 82 रुपये का टारगेट प्राइस रखा है. ब्रोकरेज के अनुसार सरकार के नियमों से, जो विंड टरबाइन में स्थानीय सामग्री का इस्तेमाल जरूरी बना रहे हैं, मजबूत ऑर्डर बुक और प्रोजेक्ट्स को बेहतर तरीके से पूरा करने की कोशिशों जैसे फैक्टर से कंपनी को फायदा होगा. 

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1. स्थानीय सामग्री को लेकर आ सकता है नोटिफिकेशन

ब्रोकरेज का कहना है कि विंड एनर्जी इंडस्ट्री से जुड़े कुछ लोगों से बातचीत के अनुसार, RLMM के तहत एक नोटिफिकेशन आने की संभावना है, जिसमें विंड टरबाइन के कुछ जरूरी हिस्सों में लोकल सामग्री का इस्तेमाल अनिवार्य किया जाएगा. यह नोटिफिकेशन FY26 की दूसरी तिमाही में जारी हो सकता है.

पावर प्रोजेक्ट डेवलपर्स ने सरकार से इस नियम को लागू करने में एक साल की देरी की मांग की है, ताकि इंडस्ट्री को तैयारी का पर्याप्त समय मिल सके.

हालांकि, कुल मिलाकर सरकार की मंशा यही है कि विंड टरबाइन बनाने में स्थानीय सामग्री का उपयोग बढ़ाया जाए.

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2. नए ऑर्डर को लेकर मजबूत उम्मीदें

ब्रोकरेज का कहना है कि सुजलॉन एनर्जी के लिए नए ऑर्डर्स की संभावनाएं मजबूत बनी हुई हैं. उम्मीद है कि NTPC के लगभग 1.5 गीगावॉट (GW) के प्रोजेक्ट्स के टेंडर मिलेंगे, जहां सुजलॉन एक मजबूत दावेदार के रूप में दिख रहा है.

FY26 (वित्त वर्ष 2025-26) में सुजलॉन को करीब 4GW के नए ऑर्डर मिल सकते हैं. इससे कंपनी का कुल ऑर्डर बुक बढ़कर लगभग 6.5GW हो सकता है, जो कि अभी के अब तक के सबसे बड़े 5.6GW ऑर्डर बुक से भी ज्यादा होगा. 

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3. छोटे-छोटे सुधार के बड़े मायने 

निवेशकों से हुई बातचीत के अनुसार, काम को समय पर पूरा करना इस सेक्टर की सबसे बड़ी चुनौती मानी जा रही है. FY25 में भारत ने 4.2GW विंड पावर की नई क्षमता जोड़ी, जो कि FY17 के 5.5GW के पिछले रिकॉर्ड से कम है. हालांकि अब विंड टरबाइन का साइज बड़ा हो गया है और प्रोजेक्ट्स पहले की तरह 3-4 राज्यों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि कई राज्यों में फैल गए हैं. इससे उम्मीद है कि आने वाले सालों में भारत अपना पुराना रिकॉर्ड पार कर सकता है.

इंस्टॉलेशन में तेजी इसलिए भी आ सकती है क्योंकि अब विंड टरबाइन बनाने वाली कंपनियां, ईपीसी में ज्यादा सक्रिय हो रही हैं. उनकी फाइनेंशियल स्थिति भी बेहतर हो रही है और वे अब ज्यादा पूंजी निवेश कर पा रही हैं. पहले कोविड से पहले भी ये कंपनियां जमीन खरीद जैसी चीजों में एक साल पहले से निवेश करती थीं.

सुजलॉन के लिए हमें लगता है कि उसकी EPC हिस्सेदारी, जो अभी 20% है, वह आने वाले समय में बढ़कर 50% तक जा सकती है. इससे कंपनी की प्रोजेक्ट्स को समय पर पूरा करने की क्षमता भी बेहतर होगी.

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4. कैश कन्‍वर्जन साइकिल में सुधार की अहम भूमिका

सुजलॉन का कैश कन्‍वर्जन साइकिल (CCC) आने वाले कुछ साल में लगभग 30-35 दिन तक सुधर सकता है. इससे कंपनी को ज्यादा फ्री कैश फ्लो (FCF) बनाने में मदद मिलेगी. 

अगर ग्रोथ की रफ्तार थोड़ी धीमी रहती है, इन्‍वेट्री पर बेहतर कंट्रोल होता है (जो EPC हिस्सेदारी बढ़ने से संभव है), और सप्लायर्स के मुकाबले कंपनी की बर्गेनिंग पावर बढ़ती है, तो आने वाले समय में CCC में सुधार होना तय है.

इसके अलावा, जब FY27 की दूसरी छमाही से टैक्स लगना शुरू होगा, तो सुजलॉन को अपने कुछ पूंजीगत जरूरतों को पूरा करने के लिए कर्ज लेना पड़ सकता है. इससे बैलेंस शीट की उपयोगिता बेहतर होगी और कंपनी RoE (रिटर्न ऑन इक्विटी) को बनाए रख पाएगी.

(Disclaimer: स्टॉक में निवेश को लेकर सलाह ब्रोकरेज हाउस के द्वारा दिया गया है. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं है. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)

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