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Tata Investment share price: टाटा इनवेस्टमेंट के शेयर में उथल-पुथल की क्या है वजह? (Image : Reuters)
Tata Investment share price: टाटा इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन (Tata Investment Corporation Ltd) के शेयर्स की कीमतों में शुक्रवार को भी गिरावट का सिलसिला जारी रहा. दरअसल इस शेयर में पिछले 5 दिनों के दौरान करीब 3 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है, जबकि करीब 4 महीने पहले यह शेयर 52 हफ्तों के सबसे ऊंचे स्तर पर था और 2024 में अब तक 46 फीसदी से ज्यादा पॉजिटिव रिटर्न दे चुका है. हालांकि इसी साल एक दौर ऐसा भी रहा है, जब इस शेयर में लगातार लोअर सर्किट देखने को मिला है.
गिरावट का दौर
टाटा इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन (Tata Investment Corp) के शेयर्स में गिरावट का यह दौर पिछले करीब 4 महीनों से लगातार जारी है. टाटा समूह की इस कंपनी के शेयर ने 7 मार्च 2024 को 9,756.85 रुपये कीमत के साथ अपना 52 हफ्तों का सबसे ऊंचा स्तर छू लिया था. लेकिन यही शेयर शुक्रवार की दोपहर करीब 6230 रुपये के आसपास कारोबार करता नजर आया. दरअसल 7 मार्च से 26 मार्च 2024 के बीच इस शेयर की कीमत में 4000 रुपये से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई. 26 मार्च 2024 को कंपनी के शेयर की कीमत (Tata Investment Share Price) गिरकर 5663.50 रुपये पर आ गई थी. हालांकि 2024 की शुरुआत में कंपनी के शेयर की कीमत और भी कम थी. 1 जनवरी 2024 को टाटा इन्वेस्टमेंट कॉर्प के एक शेयर का दाम 4258 रुपये ही था. यही वजह है कि हाल के 4 महीनों में आई कमजोरी के बावजूद टाटा इन्वेस्टमेंट का शेयर इस साल अब तक (YTD) 46 फीसदी से ज्यादा रिटर्न दे चुका है.
उतार-चढ़ाव की क्या है वजह
निवेशकों के मन में यह सवाल उठ सकता है कि मार्च 2024 में आई तेजी के बाद टाटा इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन के शेयर की कीमत (Tata Investment Share Price) में गिरावट का सिलसिला क्यों देखने को मिल रहा है? 15 मार्च के आसपास तो कई दिनों तक कंपनी के शेयर में लगातार लोअर सर्किट भी लगा था. इस सवाल का जवाब जानने के लिए यह समझना जरूरी है कि टाटा इन्वेस्टमेंट के शेयर में गिरावट से पहले इतनी तेजी क्यों आई थी.
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टाटा समूह की कंपनी टाटा इन्वेस्टमेंट का मुख्य काम इक्विटी शेयर्स और दूसरे लॉन्ग टर्म एसेट्स में इनवेस्टमेंट करना है और यह टाटा सन्स प्राइवेट लिमिटेड (Tata Sons Pvt Ltd) की सब्सिडियरी है. टाटा इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन के 73 फीसदी से ज्यादा शेयर टाटा सन्स और टाटा ग्रुप की अन्य कंपनियों के पास हैं. जबकि टाटा सन्स प्राइवेट लिमिडेट, टाटा ग्रुप की तमाम कंपनियों की मुख्य इनवेस्टमेंट होल्डिंग कंपनी और प्रमोटर (principal investment holding company and promoter) है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने सितंबर 2023 में टाटा सन्स को अपर लेयर एनबीएफसी (Upper Layer NBFC) की कैटेगरी में डाल दिया था. नियमों के तहत इस कैटेगरी की कंपनी के लिए 3 साल के भीतर पब्लिक लिस्टिंग कराना जरूरी है. आरबीआई के इस कदम के कारण ऐसी अटकलें तेज हो गईं कि टाटा सन्स का आईपीओ (Tata Sons IPO) आने वाला है. जिसके बाद टाटा इन्वेस्टमेंट समेत ग्रुप की कई कंपनियों के शेयरों में काफी तेजी देखने को मिली. लेकिन बाद में ऐसी खबरें आईं कि टाटा सन्स की लिस्टिंग अभी नहीं होने वाली, क्योंकि इसके लिए कंपनी के पास सितंबर 2025 तक का वक्त बचा हुआ है. इसके बाद तेजी का सिलसिला गिरावट के दौर में बदल गया.
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31 जुलाई को आए नतीजों का भी असर
टाटा इन्वेस्टमेंट के शेयर में जारी ताजा गिरावट के पीछे हाल में आए तिमाही नतीजों (Tata Investment Corporation Q1 Results) का भी योगदान है. 31 जुलाई 2024 को घोषित परिणामों के मुताबिक पिछले साल की जून तिमाही के मुकाबले अप्रैल-जून 2024 के दौरान टाटा इन्वेस्टमेंट के मुनाफे में 10.72 फीसदी और रेवेन्यू में 1.39 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है. हालांकि इससे पिछली तिमाही के मुकाबले कंपनी की रेवेन्यू में 139.9 फीसदी और मुनाफे में 116.75 फीसदी का सुधार आया है. Q1 में कंपनी की अर्निंग्स प्रति शेयर (EPS) 25.91 रुपये रही, जो मुनाफे में सालाना आधार पर आई 10.72 फीसदी की गिरावट को दर्शाता है.