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Vikran Engineering IPO: विक्रान इंजीनियरिंग के आईपीओ में 721 करोड़ रुपये के फ्रेश शेयर और 51 करोड़ रुपये का ऑफर फॉर सेल (OFS) शामिल हैं. (Image: FB)
Vikran Engineering IPO : विक्रान इंजीनियरिंग का इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) मंगलवार से निवेशकों के लिए सब्सक्रिप्शन के लिए खुल रहा है. इससे पहले ही ग्रे मार्केट में इसके शेयर प्रीमियम पर ट्रेड कर रहे हैं. कंपनी ने इस इश्यू के लिए प्रति शेयर प्राइस बैंड 92-97 रुपये तय किया है. प्रमुख भारतीय इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन (EPC) कंपनी इस इश्यू के जरिए कुल 772 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है. इस आईपीओ में क्या खास है? सब्सक्रिप्शन खुलने से पहले इश्यू से जुड़ी जरूरी डिटेल यहां देखें.
Vikran Engineering IPO GMP: 18.55%
सब्सक्रिप्शन खुलने से पहले विक्रान इंजीनियरिंग के आईपीओ को लेकर ग्रे मार्केट में अच्छा खासा क्रेज दिख रहा है. ग्रे मार्केट में कंपनी का अनलिस्टेड स्टॉक 18 रुपये के प्रीमियम पर ट्रेड कर रहा है. यह अपर प्राइस बैंड 97 रुपये के लिहाज से 18.55 फीसदी प्रीमियम है. यही ट्रेंड रहा तो कंपनी का स्टॉक 97 रुपये इश्यू प्राइस की तुलना में लगभग 115 रुपये पर लिस्ट हो सकता है.
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Vikran Engineering IPO में बोली लगाने के लिए कितनी चाहिए रकम
कल से सब्सक्रिप्शन के लिए खुल रहे विक्रान इंजीनियरिंग आईपीओ में निवेशक 29 अगस्त तक बोली लगा सकेंगे. कंपनी ने इस इश्यू के लिए प्रति शेयर प्राइस बैंड 92-97 रुपये तय किया है. कंपनी इश्यू के जरिए 772 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है. इस IPO में 51 करोड़ रुपये ऑफर फॉर सेल (OFS) और 721 करोड़ रुपये फ्रेश इश्यू के जरिए जुटाए जाएंगे. रिटेल निवेशकों के लिए मिनिमम निवेश का आकार भी तय है. IPO में एक लॉट 148 शेयरों का होगा यानी रिटेल इनवेस्टर्स को मिनिमम 13,616 रुपये लगाने होंगे.
Vikran Engineering IPO : इश्यू में किसके लिए कितना है रिजर्व
इस IPO में 50% हिस्सा योग्य संस्थागत खरीदारों (QIBs) के लिए, कम से कम 15% नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NIIs) के लिए और न्यूनतम 35% रिटेल इनवेस्टर्स के लिए रिजर्व है. इश्यू के बुक-रनिंग लीड मैनेजर पैंटोमैथ कैपिटल एडवाइजर्स और सिस्टमैटिक्स कॉर्पोरेट सर्विसेज हैं, जबकि रजिस्ट्रार की जिम्मेदारी बिगशेयर सर्विसेज को दी गई है. इस इश्यू का अलॉटमेंट 1 सितंबर 2025 को तय माना जा रहा है. कंपनी के शेयरों की लिस्टिंग 3 सितंबर 2025 को BSE और NSE दोनों एक्सचेंजों पर होने की संभावना है.
आईपीओ से जुटाए गए पैसों का कहां होगा यूज
मुंबई स्थित विक्रान इंजीनियरिंग लिमिटेड ने कहा है कि फ्रेश शेयर्स की बिक्री से जुटाए गए 541 करोड़ रुपये का इस्तेमाल मुख्य रूप से वर्किंग कैपिटल जरूरतों को पूरा करने में किया जाएगा. इसके अलावा बची हुई राशि का उपयोग कंपनी जनरल कॉरपोरेट खर्चों में करेगी.
कंपनी किस सेक्टर के लिए करती है काम
विक्रान इंजीनियरिंग एक प्रमुख भारतीय इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन (EPC) कंपनी है, जो पावर ट्रांसमिशन व डिस्ट्रीब्यूशन, वॉटर सप्लाई सिस्टम, स्मार्ट मीटरिंग और रेलवे इलेक्ट्रिफिकेशन जैसे सेक्टर में काम करती है. 2008 में बनी कंपनी का मुख्यालय महाराष्ट्र के ठाणे में है.
बात करें क्लाइंट्स की तो कंपनी के प्रमुख क्लाइंट्स में NTPC, Power Grid, MP Power Transmission, Eastern Railway और कई राज्य सरकारें शामिल हैं.
विक्रान इंजीनियरिंग ने पावर, वाटर, रेलवे और सोलर EPC सेक्टर में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज की है. कंपनी ने 30 जून 2025 तक देश के 14 राज्यों में कुल 45 प्रोजेक्ट पूरे किए हैं, जिनकी वैल्यू करीब 1,920 करोड़ रुपये रही. वहीं, फिलहाल कंपनी 16 राज्यों में 44 प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही है, जिनकी कुल वैल्यू 5,120 करोड़ रुपये से ज्यादा है. इनमें से कंपनी की एक्टिव ऑर्डर बुक का साइज 2,442 करोड़ रुपये है.
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Vikran Engineering IPO : फाइनेंशियल परफार्मेंस
विक्रान इंजीनियरिंग की वित्तीय स्थिति पर नजर डालें तो कंपनी का रेवेन्यू FY24 के 786 करोड़ रुपये से बढ़कर FY25 में 916 करोड़ रुपये पहुंच गया है, यानी सालाना आधार पर 16.5% की ग्रोथ दर्ज हुई है. हालांकि, मुनाफे की रफ्तार अपेक्षाकृत धीमी रही. इसी अवधि में कंपनी का नेट प्रॉफिट करीब 4% बढ़कर 78 करोड़ रुपये पर पहुंचा है.
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