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Zomato Hikes Platform Fees : जोमैटो ने प्लेटफॉर्म फीस में 20% की बढ़ोतरी कर दी है. (Reuters)
Zomato Hikes Platform Fees : फूड डिलीवरी ऐप जोमैटो ने ग्राहकों के लिए प्लेटफॉर्म फीस में 20% की बढ़ोतरी कर दी है. अब हर ऑर्डर पर कंपनी 12 रुपये वसूलेगी, जबकि पहले यह 10 रुपये था. कंपनी का यह फैसला ऐसे वक्त में आया है जब त्योहारों के सीजन की शुरुआत के साथ फूड डिलीवरी की मांग में तेज इजाफा देखने को मिलता है.
Swiggy पहले ही बढ़ा चुका है फीस
जोमैटो का यह कदम उसके प्रतिद्वंद्वी स्विगी (Swiggy) की रणनीति से मेल खाता है. बीते महीने स्विगी ने भी कुछ खास इलाकों में प्लेटफॉर्म फीस को 14 रुपये तक बढ़ाया था. माना जा रहा है कि डिमांड घटने के बाद यह बढ़ोतरी अस्थायी रूप से वापस भी ली जा सकती है. पिछले साल भी जोमैटो ने त्योहारों से ठीक पहले फीस बढ़ाई थी. उस समय यह फीस 6 रुपये से बढ़ाकर 10 रुपये की गई थी.
मुनाफे पर दबाव और क्विक कॉमर्स में निवेश
Zomato और Swiggy दोनों ही अपनी क्विक कॉमर्स सेवाओं में लगातार निवेश कर रहे हैं, जिसका सीधा असर उनके मुनाफे पर पड़ा है. जोमैटो की पेरेंट कंपनी इटर्नल लिमिटेड (Eternal Ltd) का जून 2025 तिमाही में मुनाफा 36% घटकर 25 करोड़ रुपये रह गया, जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह 253 करोड़ रुपये था. दूसरी तरफ स्विगी के घाटे दोगुने होकर 1,197 करोड़ रुपये पहुंच गए.
नई कंपनियों से बढ़ती चुनौती
Zomato और Swiggy की मुश्किलें यहीं खत्म नहीं होतीं. अब उन्हें रैपिडो (Rapido) की नई फूड डिलीवरी सर्विस ओनली (Ownly) से भी मुकाबला करना होगा. फिलहाल यह सेवा बेंगलुरु के कुछ इलाकों तक सीमित है, लेकिन इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह रेस्टोरेंट पार्टनर्स से सिर्फ 8-15% कमीशन ले रही है. वहीं, जोमैटो और स्विगी 16-30% तक कमीशन चार्ज करते हैं.
आगे क्या?
त्योहारों में जब ऑर्डर बाढ़ की तरह बढ़ते हैं, तब कंपनियां ग्राहकों पर अतिरिक्त शुल्क डालकर अपनी लागत संतुलित करने की कोशिश करती हैं. लेकिन लंबी अवधि में लगातार बढ़ती प्लेटफॉर्म फीस ग्राहकों की जेब पर बोझ बन सकती है. ऐसे में देखना होगा कि क्या त्योहारों के बाद कंपनियां फीस को वापस कम करती हैं या फिर यह स्थायी बोझ बन जाएगा.