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Big Return in Short Term : मोतीलाल ओसवाल स्मॉलकैप फंड ने 20 महीने में दिखाई गजब की तेजी, बेंचमार्क को पछाड़ा, क्या हैं रिस्क फैक्टर

Motilal Oswal Small Cap Fund ने महज 20 महीने की अवधि में शानदार प्रदर्शन करते हुए बेंचमार्क से करीब 10% ज्यादा रिटर्न दिया है. लेकिन सवाल है कि क्या ये प्रदर्शन आगे भी टिक पाएगा?

Motilal Oswal Small Cap Fund ने महज 20 महीने की अवधि में शानदार प्रदर्शन करते हुए बेंचमार्क से करीब 10% ज्यादा रिटर्न दिया है. लेकिन सवाल है कि क्या ये प्रदर्शन आगे भी टिक पाएगा?

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Viplav Rahi
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Motilal Oswal Small Cap Fund ने कम समय में अच्छा रिटर्न दिया है, लेकिन क्या ये सिलसिला आगे भी जारी रहेगा? (Image : Pixabay)

Motilal Oswal Small Cap Fund Track Record : स्मॉलकैप स्टॉक्स हों या स्मॉल कैप म्यूचुअल फंड्स, उनमें निवेश हमेशा रोमांचक माना जाता है. ये कभी निवेशकों को मल्टीबैगर रिटर्न देकर मालामाल हैरान कर देते हैं, तो कभी अचानक आई गिरावट घबराट पैदा कर देती है. फिलहाल मोतीलाल ओसवाल स्मॉलकैप फंड इस रोलर कोस्टर राइड पर ऊपर की तरफ दौड़ लगा रहा है. महज 20 महीने पुराने इस फंड ने अब तक बेंचमार्क से करीब 10% ज्यादा रिटर्न दिया है. लेकिन सवाल है कि क्या ये प्रदर्शन आगे भी टिक पाएगा? इससे भी जरूरी ये जानना है कि इसमें छिपे रिस्क फैक्टर क्या हैं?

फंड की शुरुआत 

मोतीलाल ओसवाल म्यूचु्अल फंड का स्मॉलकैप फंड 26 दिसंबर 2023 को लॉन्च हुआ था. यानी अभी इसकी उम्र सिर्फ 20 महीने ही हुई है. इसके बावजूद इस फंड ने निवेशकों के बीच तेजी से जगह बनाई है. 29 अगस्त 2025 तक फंड का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) यानी इस फंड के तहत मैनेज किए जा रहे एसेट्स 5,264 करोड़ रुपये से भी ऊपर पहुंच गए हैं. ये अपने आप में बताता है कि निवेशकों का भरोसा इस फंड पर कितना तेजी से बढ़ा है.

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अब तक का परफॉर्मेंस

लॉन्च के बाद से अब तक मोतीलाल ओसवाल स्मॉलकैप फंड ने अपने बेंचमार्क BSE 250 SmallCap TRI को काफी पीछे छोड़ दिया है. 29 अगस्त 2025 तक अपटेड किए गए AMFI के डेटा के मुताबिक फंड ने अपनी शुरुआत से अब तक 21.39% की दर से सालाना रिटर्न दिया, जबकि इस दौरान बेंचमार्क का रिटर्न 11.81% ही रहा. 29 अगस्त 2025 को इस फंड की NAV 13.841 रुपये थी. यानी अगर किसी निवेशक ने दिसंबर 2023 में 10 रुपये की एनएवी पर इस फंड में 10,000 रुपये लगाए होंगे, तो उसकी फंड वैल्यू अब तक 13,841 रुपये पर पहुंच चुकी होगी. यानी इस फंड का लॉन्च से अब तक का एब्सोल्यूट रिटर्न 38 फीसदी से ज्यादा रहा है. लेकिन यहां यह याद रखना भी जरूरी है कि इतनी छोटी अवधि में मिले रिटर्न से लंबे वक्त की तस्वीर साफ नहीं होती.

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पोर्टफोलियो में क्या है खास

फंड इस समय 50 शेयरों में निवेश कर रहा है. इनमें एवरेज मार्केट कैप करीब 16,600 करोड़ रुपये है. टॉप 10 होल्डिंग्स में शामिल कंपनियां हैं:

  • डॉ. अग्रवाल्स हेल्थ केयर – 3.82%

  • करूर वैश्य बैंक – 3.80%

  • CCL प्रोडक्ट्स – 3.59%

  • वीए टेक वाबाग (VA Tech Wabag) – 2.82%

  • कैंपस एक्टिववियर – 2.74%

  • स्टायरेनिक्स (Styrenix) परफॉर्मेंस मैटेरियल्स – 2.71%

  • रेनबो चिल्ड्रन्स मेडिकेयर – 2.61%

  • शैली इंजीनियरिंग प्लास्टिक्स – 2.37%

  • अपार इंडस्ट्रीज – 2.33%

  • विजया डायग्नोस्टिक सेंटर – 2.32%

ये सभी मिलकर पोर्टफोलियो का सिर्फ 16.8% हिस्सा बनाते हैं, यानी फंड ने डाइवर्सिफिकेशन पर जोर दिया है.

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किस सेक्टर में है कितना इनवेस्टमेंट

फंड का झुकाव खासकर उन सेक्टर्स की तरफ है जिनसे भारत की ग्रोथ स्टोरी जुड़ी है. इसमें शामिल हैं:

  • कंज्यूमर डिस्क्रिशनरी – 18%

  • इंडस्ट्रियल्स – 17%

  • फाइनेंशियल्स – 13%

  • हेल्थकेयर – 12%

  • मैटेरियल्स – 9%

इनमें से कंज्यूमर और इंडस्ट्रियल्स जैसे सेक्टर्स भविष्य में तेजी से बढ़ने वाले माने जाते हैं.

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स्मॉल कैप फंड और उनमें निवेश की रणनीति

नियमों के मुताबिक स्मॉल कैप फंड्स (Small Cap Funds) के लिए कम से कम 65% पैसा स्मॉलकैप स्टॉक्स में लगाना जरूरी है. यानी ऐसी कंपनियों के शेयर जो मार्केट कैप के लिहाज से 250वें या उससे बाद के नंबर पर आती हों. ये कंपनियां आम तौर पर बड़ी कंपनियों की तुलना में कहीं तेजी से बढ़ने की संभावना रख सकती हैं. लेकिन दूसरी तरफ रिस्क भी उतना ही ज्यादा रहता है. इसलिए स्मॉलकैप फंड्स को निवेश पोर्टफोलियो का मुख्य हिस्सा नहीं माना जाता. आम तौर पर यही माना जाता है कि आपके कुल इक्विटी पोर्टफोलियो का मैक्सिमम 15–20% हिस्सा ही ऐसे फंड्स में होना चाहिए.

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इन बातों को भी ध्यान में रखें

मोतीलाल ओसवाल स्मॉलकैप फंड की शुरुआती परफॉर्मेंस काफी बेहतर रही है. इसके पोर्टफोलियो की डाइवर्सिफिकेशन और ग्रोथ वाले सेक्टर्स पर फोकस अच्छा संकेत है. लेकिन ध्यान रहे, स्मॉलकैप फंड्स लंबे वक्त की जर्नी के लिए होते हैं. शॉर्ट टर्म में इनमें जितनी तेजी से उछाल आता है, उतनी ही तेजी से 20–30% तक का करेक्शन भी आम बात है. इसलिए अगर आप लंबे समय के लिए निवेश कर सकते हैं और शॉर्ट टर्म उतार-चढ़ाव झेलने का धैर्य रखते हैं, तभी इसमें निवेश पर विचार करें. इसके लिए कम से कम 7 साल तक निवेश की तैयारी होनी जरूरी है. एक बड़ा रिस्क यह भी है कि यह फंड अभी बहुत नया है, इसलिए अलग-अलग मार्केट साइकिल्स में इसका ट्रैक रिकॉर्ड देखना अब तक बाकी है. 

(डिस्क्लेमर : इस आर्टिकल का मकसद सिर्फ जानकारी देना है. निवेश की सिफारिश करना नहीं. निवेश के फैसले अपने निवेश सलाहकार की राय लेकर ही करें.)

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