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CBSE ने 9वीं से 12वीं क्लास के छात्रों के लिए ओपन बुक एग्जाम कराने की एक नई योजना पेश की है. (Representative Photo : Pixabay)
CBSE’s open book exam plan: सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) ने 9वीं से 12वीं क्लास के छात्रों के लिए ओपन बुक एग्जाम (OBE) कराने की एक नई योजना पेश की है. यह परीक्षा फिलहाल पायलट स्टडी के तौर पर कराई जाएगी. इसका मतलब ये है कि फिलहाल सीबीएसई से जुड़े सभी स्कूलों में ओपन बुक एग्जाम नहीं लिया जाएगा. बल्कि यह पायलट स्टडी फिलहाल कुछ चुने हुए स्कूलों में ही होगी, ताकि ओपन बुक एग्जाम की व्यावहारिकता की जांच की जा सके. जाहिर है कि भविष्य में यह प्रस्ताव किस दिशा में आगे बढ़ेगा, इसका फैसला पायलट स्टडी के नतीजों की समीक्षा के बाद ही होगा.
कब और किन विषयों में होगा ओपन बुक एग्जाम
पायलट स्टडी के तहत ओपन बुक एग्जाम इसी साल नवंबर-दिसंबर में कराए जाएंगे. 9वीं और 10वीं क्लास के बच्चों के लिए ओपन बुक परीक्षा अंग्रेजी (English), गणित (Mathematics) और विज्ञान (Science) के लिए होगी, जबकि 11वीं और 12वीं के बच्चे अंग्रेजी, गणित और जीव विज्ञान (Biology) के लिए ओपन बुक एग्जाम देंगे. ये एग्जाम प्रयोग के तौर पर कुछ चुने हुए स्कूलों में ही कराए जाएंगे.
जून तक तय होगा OBE का पूरा डिजाइन
दरअसल ओपन बुक परीक्षा का प्रस्ताव देश के एजुकेशन सिस्टम (Education Systrem) में सुधार के लिए पिछले साल जारी नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (NCF) में भी दिया गया था, जिसे अब सीबीएसई ने पायलट स्टडी के तौर पर आगे बढ़ाने की योजना बनाई है. इस स्टडी के जरिए सीबीएसई यह देखना चाहता है कि छात्रों को ओपन बुक एग्जाम देने में कितना वक्त लगता है. साथ ही इस बारे में छात्रों और शिक्षकों का फीडबैक भी बोर्ड को चाहिए. पायलट टेस्ट का डिजाइन इस साल जून तक तय कर लिए जाने की उम्मीद है, जिसके लिए सीबीएसई ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से मदद भी मांगी है.
ओपन बुक परीक्षा का मतलब क्या है?
ओपन बुक एग्जाम (OBE) में छात्रों को सवालों के जवाब देने के लिए अपनी किताबों से मदद लेने की छूट रहती है. ओपन बुक एग्जाम कुछ पाबंदियों के साथ (restricted type) भी कराए जा सकते हैं और फ्री टाइप (free type) भी हो सकते हैं. पाबंदियों वाले OBE में परीक्षा के दौरान सिर्फ वही स्टडी मैटेरियल इस्तेमाल किए जा सकते हैं, जिनकी छूट एग्जाम कराने वाले बोर्ड की तरफ से दी गई हो. वहीं फ्री टाइप ओपन बुक एग्जाम में छात्र अपनी मर्जी से कोई भी स्टडी मैटेरियल परीक्षा में ला सकते हैं. OBE के लिए सवाल इस तरह से तैयार किए जाते हैं, जिनके जवाब सिर्फ स्टडी मैटेरियल से कॉपी करके नहीं दिए जा सकते, बल्कि उत्तर देने के लिए छात्रों को अपनी समझ और विश्लेषण क्षमता का इस्तेमाल करना पड़े. इसलिए छात्रों को यह समझ लेना चाहिए कि OBE का मतलब यह नहीं है कि उन्हें अब परीक्षा की तैयारी नहीं करनी होगी या एग्जाम पेपर देना बिलकुल आसान हो जाएगा.
क्या भारत के लिए OBE एक नयी बात है?
भारत में ओपन-बुक एग्जाम कोई नया विचार नहीं है. 2014 में भी सीबीएसई ने छात्रों को रटने वाली पढ़ाई से राहत देने के लिए एक ओपन टेक्स्ट आधारित मूल्यांकन (OTBA) योजना की शुरुआत की थी. उस समय OTBA को कक्षा 9 में हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान के लिए और कक्षा 11 की अंतिम परीक्षा में अर्थशास्त्र, जीव विज्ञान और भूगोल जैसे विषयों में लागू किया गया था. लेकिन बोर्ड ने शैक्षिक सत्र 2017-18 में इस प्रयोग को बंद कर दिया.