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सोना अब अमेरिकी डॉलर के बाद दुनिया का दूसरा सबसे अहम रिजर्व एसेट बन गया है. इस मामले में उसने यूरो को पीछे छोड़ दिया है. (AI Image)
Central banks now hold more gold than US Treasuries for the first time in 30 years: दुनिया के केंद्रीय बैंकों ने अमेरिकी ट्रेजरी (US Treasuries) की तुलना में ज्यादा सोना इकट्ठा कर लिया है. साल 1996 के बाद पहली बार विदेशी मुद्रा भंडार में सोने का हिस्सा अमेरिकी ट्रेजरी से आगे निकल गया है. क्रेसकैट कैपिटल के मैक्रो स्ट्रैटेजिस्ट टावी कोस्टा (Crescat Capital macro strategist Tavi Costa) ने एक्स पर लिखा, “यह रीसेंट हिस्ट्री में सबसे बड़े वैश्विक बदलाव यानी ग्लोबल रिबैलेंसिंग (Global rebalancing) की शुरुआत हो सकती है.
केंद्रीय बैंकों के पास कितना है सोना?
मई 2025 तक दुनिया के केंद्रीय बैंकों के पास आधिकारिक तौर पर 36,344 टन सोने का भंडार था. और पीछे देखें, तो 2020 और 2021 में केंद्रीय बैंकों ने मिलकर 1,000 टन से भी कम सोना खरीदा था. लेकिन उसके बाद से तस्वीर बदल गई.
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) के मुताबिक, 2022 में बैंकों ने 1,082 टन, 2023 में 1,037 टन और 2024 में रिकॉर्ड 1,180 टन सोना खरीदा. यह बढ़ोतरी बहुत बड़ी है, क्योंकि इससे पहले के दशक में उनकी औसत खरीद सिर्फ 400–500 टन सालाना रहती थी.
आज विदेशी मुद्रा भंडार में सोना केंद्रीय बैंकों की दूसरी सबसे बड़ी एसेट्स बन गया है. इसमें 20 फीसदी हिस्सेदारी है, जो यूरो के 16 फीसदी से अधिक है, जबकि अमेरिकी डॉलर 46 फीसदी हिस्सेदारी के साथ अब भी सबसे टॉप पर है.
हालांकि 2025 में खरीदारी की रफ्तार थोड़ी धीमी हुई है. पहले छह महीनों में केंद्रीय बैंकों ने पहली तिमाही में 244 टन और दूसरी तिमाही में सिर्फ 166 टन सोना खरीदा. मेटल्स फोकस (Metals Focus) का अनुमान है कि साल के अंत तक खरीद 8% कम रहेगी, लेकिन फिर भी बैंकों के पास 1,000 टन सोना और जुड़ जाएगा.
क्या बैंकों की दिलचस्पी सोने में घट रही है?
WGC के सेंट्रल बैंक गोल्ड रिजर्व सर्वे (Central Bank Gold Reserves Survey 2025) के मुताबित 43% केंद्रीय बैंकर्स ने साफ कहा है कि वे आने वाले 12 महीनों में अपने सोने के भंडार को और बढ़ाने की योजना बना रहे हैं.
सेंट्रल बैंक क्यों खरीद रहे हैं गोल्ड?
अमेरिकी डॉलर की ग्लोबल रिजर्व करेंसी (Reserve Currency) की हैसियत अब चुनौती में है, क्योंकि अमेरिका का कर्ज लगातार बढ़ता जा रहा है. जब दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाएं और फिएट करंसीज भू-राजनीतिक हालातों से दबाव में आती हैं, तो निवेशकों के लिए सोना सबसे भरोसेमंद विकल्प बन जाता है.
आईएमएफ (IMF) का भी कहना है कि भले ही अमेरिकी डॉलर अभी भी सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली रिजर्व करेंसी है, लेकिन उसका प्रभाव धीरे-धीरे कम हो रहा है.
इसी बीच, सोने की कीमतें नए रिकॉर्ड बना रही हैं. भारत में आज सोने का भाव 1,03,900 रुपये प्रति 10 ग्राम है, जो जुलाई 2025 में 1 लाख रुपये का लेवल पार कर चुका था. वहीं दुबई में आज 24 कैरेट 1 ग्राम सोना 4,130 रुपये पर बिक रहा है.
Note: This content has been translated using AI. It has also been reviewed for accuracy.
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