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Farmer ID: किसानों के लिए क्यों जरूरी है फार्मर आईडी, क्या पीएम किसान, फसल बीमा जैसी योजनाओं का लाभ पाने में मिलेगी मदद?

Aadhaar based Farmer ID: उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, असम, ओडिशा समेत देश के कई राज्यों में किसानों का फार्मर आईडी बनाने की प्रक्रिया चल रही है.

Aadhaar based Farmer ID: उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, असम, ओडिशा समेत देश के कई राज्यों में किसानों का फार्मर आईडी बनाने की प्रक्रिया चल रही है.

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Mithilesh Kumar
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Farmer Registry, Farmer ID

Famer Registry: आधार कार्ड बेस्ड 'किसान आईडी' किसानों के लिए एक विश्वसनीय डिजिटल पहचान के रूप में काम करती है. Photograph: (X/@AgriGoI)

Farmer ID, Farmer Registry, Agristack, Digital Agriculture Mission: डिजिटल कृषि मिशन के तहत देश के कई राज्यों में किसानों का फार्मर आईडी बनाने की प्रक्रिया चल रही है. जिनमें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, असम, ओडिशा के नाम शामिल हैं. फार्मर आईडी एग्री स्टैक (Agri Stack) प्लेटफार्म का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो किसानों की पहचान को सुरक्षित करने और उन्हें सरकारी सेवाओं तक पहुंच प्रदान करने में सहायक होगा. इस आईडी को हासिल करने के लिए किसानों को आधार कार्ड, राशन कार्ड या फैमिली आईडी और जमीन से जुड़ी जानकारी देनी पड़ रही है. बताया जा रहा है कि फार्मर आईडी से किसानों को भविष्य में सरकारी योजनाओं का हासिल करने में आसानी होगी. फार्मर आईडी क्या है और यह किसानों को कैसे मदद करेगी? आइए जानते हैं.

क्या है फार्मर आईडी?

फार्मर आईडी, आधारकार्ड बेस्ड किसानों की एक यूनिक डिजिटल पहचान है, जो राज्य की जमीन रिकॉर्ड प्रणाली से सक्रिय रूप से जुड़ी हुई है, जिसका मतलब है कि फार्मर आईडी किसान के जमीन रिकॉर्ड में बदलाव के साथ-साथ अपने आप अपडेट हो सकेगी.

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क्या है मकसद

भारत सरकार की डिजिटल कृषि मिशन के तहत बने किसान आईडी का उद्देश्य किसान केंद्रित लाभ प्रदान करना है. यह कदम एग्रीकल्चर सेक्टर में केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं और सेवाओं तक किसानों की पहुंच को आसान और प्रभावी बनाने के मकसद से उठाया गया है. यहां डिटेल चेक सकते हैं.

सरकारी योजनाओं तक किसानों की पहुंच को आसान बनाना.

कृषि से जुड़े काम के लिए लोन प्रक्रिया को आसान बनाना. फार्मर आईडी किसानों को बिना दस्तावेज और बैंक का चक्कर लगाए फसल लोन और लोन एक घंटे के भीतर जारी की जा सके.

किसानों के लिए सस्ता लोन

बेहतर क्वॉलिटी वाले एग्रीकल्चर इनपुट

स्थानीयकृत और विशिष्ट सलाह

बाजारों तक अधिक सूचित और सुविधाजनक पहुंच प्राप्त करना आसान बनाना है.

किसान की आवश्यकता के अनुसार वैयक्तिगत कृषि विस्तार सेवाएं.

पारदर्शिता के साथ सीधे किसानों के खाते में वित्तीय मदद भेजना.

बाजार संपर्क का विस्तार.

बेहतर वित्तीय समावेशन.

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फार्मर आईडी के क्या है लाभ

फार्मर आईडी बनाने के लिए राज्यों में फार्मर रजिस्ट्री की जा रही है. इसके बेनिफिट के बार में यहां डिटेल चेक कर सकते हैं.

फार्मर रजिस्ट्री एग्रीकल्चर सेक्टर के डिजिटल बदलाव का अहम हिस्सा है

फार्मर रजिस्ट्री से किसानों की वेरिफिकेशन योग्यता स्थापित होती है.

इससे किसानों को बार-बार KYC करने के झंझट से निजात मिलने की आशंका है .

बताया जा रहा है कि फार्मर रजिस्ट्री में रजिस्ट्रेशन के बाद किसानों को भविष्य में पीएम किसान सम्मान निधि की किस्त का लाभ मिलेगा.

फार्मर रजिस्ट्री के बाद किसानों को एक डिजिटल आईडी मिलेगी.

किसान रजिस्ट्री से किसानों की आजीविका में सुधार के लिए बेहतर योजनाएं बनाई जा सकती है

किसान रजिस्ट्री बैंक से पैसे उधार लेने में मदद हो सकेगी.

खाद, बीज, कृषि उपकरण खरीदने में सब्सिडी की सुविधा उपलब्ध कराई जा सकती है.

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फार्मर आईडी बनाने के लिए जरूरी डाक्युमेंट्स

आधार कार्ड

आधार लिंक मोबाइल नंबर

फैमिली आईडी या राशन कार्ड

जमीन की खतौनी, जिस पर गाटा या खसरा संख्या होता है.

आईडी के लिए ऐसे करें फार्मर रजिस्ट्र्रेशन

  • सबसे पहले एग्रीस्टैक प्लेटफार्म के यूपी फार्मर रजिस्ट्री पोर्टल upfr.agristack.gov.in/farmer-registry-up/ पर जाएं.
  • अब दायीं ओर ऑफिशियल के बगल में फार्मर विकल्प चुनें. अगर आप पहली बार इस वेबसाइट पर आ रहे है तो नया अकाउंट क्रिएट करें.
  • नया अकाउंट बनाने के लिए आधार eKYC करें. इस दौरान वेरीफिकेशन के लिए आधार लिंक मोबाइल नंबर पर ओटीपी आएगा. उसे भरकर सबमिट बटन पर क्लिक करें.
  • केवाईसी पूरी होने के बाद स्क्रीन पर आपकी डेमोग्राफिक डिटेल खुल जाएगी. हर एक डिटेल की पुष्टि कर लें.
  • नीचे की ओर एग्री स्टैक प्लेटफार्म से मोबाइल नंबर लिंक करने के लिए कहा जाएगा. आप चाहें तो यहां आधार लिंक मोबाइल नंबर ही भर सकते हैं. फिर वेरिफिकेशन के लिए ओटीपी जाएगा उसे भरें. ध्यान रहे इस प्लेटफार्म पर एक अकाउंट से एक ही मोबाइल नंबर लिंक हो सकेगा. यानी अगर आप किसी दूसरे अकाउंट के लिए पहले इस्तेमाल हो चुके मोबाइल नंबर को एग्रीस्टैक प्लेटफार्म पर दोबारा लिंक करना चाहें, तो ऐसा संभव नहीं हो सकेगा.
  • अब पासवर्ड क्रिएट करने के लिए कहा जाएगा. यहां अल्फाबेट (M m), डिजिट (1 2) और स्पेशल कैरेक्टर जैसे @, # के कॉम्बिनेशन के साथ पासवर्ड किएट करें.
  • अब एग्रीस्टैक प्लेटफार्म लिंक मोबाइल नंबर और पासवर्ड या ओटीपी विकल्प चुनकर कैप्चा कोड भरें. उसके बाद लॉगइन करें.
  • फार्मर रजिस्ट्रेशन के लिए स्क्रीन पर नजर आ रहे रजिस्टर एज फार्मर बटन पर क्लिक करें.
  • आपसे पूछा जाएगा क्या आप मोबाइल नंबर बदलना चाहते हैं. अगर नहीं तो नो बटन पर क्लिक करें.
  • अब यहां कॉन्टैक्ट डिटेल में फार्मर का इमेल आईडी भरकर वेरीफाई कर लें. इसके लिए इमेल आईडी पर ओटीपी मिलेगा. हालांकि यह ऑप्शनल है यानी आप इसे छोड़ भी सकते हैं.
  • आगे अपना नाम, पिता का नाम अंग्रेजी और हिंदी दोनो भाषा में चेक कर लें. आप जिस भी कैटेगरी से ताल्लुक रखते हैं उसे चुनें. नीचे पता भी दोनों भाषाओं में चेक कर लें. अगर पते में कोई बदलाव करनी है तो नीचे चेक बॉक्स (Insert latest residential details) पर क्लिक करके एड्रेस अपडेट करें.
  • आगे Land Ownership Details में ओनर चुनें.
  • Occupation Details में Agriculture और Land owning Farmer दोनों चेक बॉक्स पर क्लिक करें.
  • अब Land Details - Owned Land विकल्प में जमीन की डिटेल फेच करने के लिए Fetch Land Details पर क्लिक करें. अब अपने जिले, तहसील और गांव का नाम चुनें. इसके बाद Survey Number बॉक्स में अपने जमीन का गाटा या खसरा नंबर भरें और सबमिट बटन पर क्लिक करें. ऐसा करते हीं सामने स्क्रीन पर एक नया बॉक्स आएगा जिसमें Owner and Identifier के नामों की लिस्ट खुलेगी. उसमें से अपना नाम चुनें. अब स्क्रीन पर नीचे की ओर खुले बॉक्स अपने सभी जमीन डिटेल को वेरीफाई करने के लिए Verify All Land बटन पर क्लिक करें.
  • नीचे Social Registry Details में राशन कार्ड डिटेल या फैमिली आईडी भरें.
  • डिपार्टमेंट अप्रूवल के लिए रेवेन्यू को चुनें. नीचे चेक बॉक्स में क्लिक करके अपनी सहमति दें और सेव बटन पर क्लिक करें.
  • अब Proceed eSign बटन पर क्लिक करें. eSign करने के लिए अपना आधार नंबर भरकर आधार लिंक मोबाइल नंबर पर ओटीपी मंगाएं. ओटीपी भरकर और आखिरी में सबमिट बटन पर क्लिक कर दें. ऐसा करते ही फार्मर आईडी के लिए आपका रिक्वेस्ट पूरा हो जाएगा और बदले में फार्मर एनरोलमेंट नंबर जारी हो जाएगा.
  • आप एनरोलमेंट नंबर की मदद से फैमिली आईडी जनरेट होने का स्टेटस चेक सकते हैं.

मिशन मोड में बनाई जा रही है फार्मर आईडी

सरकार किसानों के लिए फार्मर आईडी बनाने की प्रक्रिया को व्यापक और समग्र रूप से लागू करने का प्रयास कर रही है. यह पहल एग्रीकल्चर सेक्टर में विभिन्न सरकारी योजनाओं और सेवाओं तक किसानों की पहुंच को सुधारने के उद्देश्य से की जा रही है. आईडी बनाने के लिए केंद्र सरकार व्यापक स्तर पर राज्यों के लिए मल्टी-मोड विकसित की है. ये मोड फार्मर आईडी तैयार करने वाले चैनल हैं जैसे कि सेल्फ मोड (मोबाइल का उपयोग करके किसान खुद भी रजिस्ट्रेशन), असिस्टेड मोड (प्रशिक्षित जमीनी कार्यकर्ता या वालुंटियर्स द्वारा सहायता प्राप्त रजिस्ट्रेशन), कैंप मोड (ग्रामीण क्षेत्रों में समर्पित रजिस्ट्रेशन कैंप), सीएससी मोड (सामान्य सेवा केंद्रों के माध्यम से रजिस्ट्रेशन) और अन्य.

देश के किसानो को सरकारी योजनाओं और सेवाओं का लाभ आसानी से मिल सके इसके लिए सरकार डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन चला रही है. जिसका मकसद एग्रीकल्चर सेक्टर में डिजिटल पब्लिक इनफ्रास्ट्रक्चर का तैयार करना है. इसके लिए केंद्र सरकार राज्य सरकारों की सहायता से फार्मर रजिस्ट्री करा रही है. फार्मर आईडी किसानों की डिजिटल पहचान सुनिश्चित करने और उन्हें विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने में मदद करेंगी.

किस राज्य में कितनी बनी फार्मर आईडी

दिसंबर 2024 की शुरूआत में कृषि मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया था कि राज्य स्तर पर पहल के मुख्य आकर्षणों में अंतर-विभागीय समन्वय और सहयोग, विशेष रूप से राजस्व और कृषि विभागों के बीच सहयोग शामिल हैं. राज्यों ने एग्रीकल्चर सेक्टर में डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिए प्रक्रिया सुधारों सहित प्रशासनिक और तकनीकी परिवर्तनों को सक्षम बनाया है. राज्यों ने प्रगति की निगरानी करने, स्थानीय सहायता प्रदान करने और उत्पन्न डेटा की गुणवत्ता और सटीकता सुनिश्चित करने के लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (पीएमयू) और समन्वय टीमों का भी गठन किया है.

6 दिसंबर 2024 को मंत्रालय ने अपने बयान में बताया गया था कि गुजरात 25 फीसदी फार्मर आईडी (पीएम किसान स्कीम में राज्य के कुल किसानों के बीच) के साथ टॉप पर है जबकि अन्य राज्य भी अच्छी प्रगति कर रहे हैं. वहीं मध्य प्रदेश ने कम समय में बड़ी कामयाबी हासिल की है, जो 9 फीसदी तक पहुंच गया है जबकि महाराष्ट्र 2 फीसदी पर है और उत्तर प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, ओडिशा और राजस्थान जैसे अन्य राज्यों ने भी किसान आईडी बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.