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Trump Green Card Policy : अमेरिका में भारतीयों को बड़ा झटका, राष्ट्रपति ट्रंप ने ग्रीन कार्ड एप्लीकेशन की प्रॉसेसिंग रोकी

Trump Stops Green Card Processing : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ग्रीन कार्ड एप्लिकेशन्स की प्रोसेसिंग को रोकने से भारतीय समुदाय को बड़ा झटका लगा है.

Trump Stops Green Card Processing : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ग्रीन कार्ड एप्लिकेशन्स की प्रोसेसिंग को रोकने से भारतीय समुदाय को बड़ा झटका लगा है.

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FE Hindi Desk
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Trump Stops Green Card Processing : अमेरिका में ग्रीन कार्ड प्रोसेसिंग रोकने से भारतीय समुदाय को बड़ा झटका लगा है. (File Photo : Reuters)

Donald Trump halts Green Card application processing : अमेरिका में भारतीय समुदाय को बड़ा झटका लगा है, क्योंकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ग्रीन कार्ड एप्लिकेशन्स की प्रोसेसिंग को अस्थायी रूप से रोक दिया है. अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी विभाग ने कहा है कि यह रोक ट्रंप द्वारा जारी दो एग्जीक्यूटिव ऑर्डर्स के तहत लगाई गई है. इस फैसले की वजह से उन हजारों भारतीयों की परमानेंट रेजिडेंस स्टेटस हासिल करने की प्रक्रिया में और देर होने की आशंका है, जो पहले से ही लंबी वेटिंग लिस्ट का सामना कर रहे हैं.

ट्रंप के एग्जीक्यूटिव ऑर्डर्स में क्या है

दरअसल, ट्रंप द्वारा जारी दो एग्जीक्यूटिव ऑर्डर्स के तहत अमेरिका में आने वाले या पहले से मौजूद विदेशी नागरिकों की जांच और स्क्रीनिंग को पहले से ज्यादा सख्ती से लागू किया जा रहा है. इसके तहत US सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज (USCIS) ने ग्रीन कार्ड के लिए आवेदन करने वालों के बैकग्राउंड की अतिरिक्त जांच शुरू कर दी है.

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ट्रंप द्वारा जारी पहले आदेश (Protecting the United States from Foreign Terrorists and Other National Security and Public Safety Threats) का उद्देश्य अमेरिका में प्रवेश करने वाले सभी विदेशी नागरिकों की गहराई से जांच करना है. इस आदेश के सेक्शन 2 (iv) में लिखा गया है, "अमेरिका में प्रवेश करने या पहले से मौजूद सभी विदेशी नागरिकों की मैक्सिमम लेवल तक जांच और स्क्रीनिंग की जाए, खास तौर पर उन नागरिकों की, जो किसी ऐसे क्षेत्र या देश से आते हैं, जहां सुरक्षा संबंधी खतरे पहचाने गए हैं."

ट्रंप का दूसरा एग्जीक्यूटिव ऑर्डर (Designating Cartels And Other Organisations As Foreign Terrorist Organizations And Specially Designated Global Terrorists), अमेरिका में मौजूद कुछ अंतरराष्ट्रीय संगठनों को एक बड़ा खतरा मानता है. इस आदेश में कुछ संगठनों और समूहों को राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश नीति और अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा खतरा बताया गया है.

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शरण मांगने वालों के लिए बढ़ी मुश्किलें

USCIS अब उन शरणार्थियों और शरण मांगने वालों के बैकग्राउंड की गहराई से जांच कर रहा है, जिन्होंने ग्रीन कार्ड के लिए आवेदन किया है. एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका में एक साल से अधिक समय बिता चुके लोग ही ग्रीन कार्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं, लेकिन अब उनकी प्रक्रिया में और देरी होने की संभावना है. होमलैंड सिक्योरिटी विभाग के एक प्रवक्ता ने कहा, "हम कुछ आवेदनों को अंतिम रूप देने पर अस्थायी रोक लगा रहे हैं, जब तक कि अतिरिक्त स्क्रीनिंग और जांच पूरी नहीं हो जाती."

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लाखों आवेदकों की बढ़ेगी परेशानी

न्यूजवीक (Newsweek) के मुताबिक अक्टूबर 2023 से सितंबर 2024 के बीच 67,800 से अधिक शरण मांगने वालों ने ग्रीन कार्ड के लिए एप्लिकेशन दिया था, जिनमें लगभग 40 हजार आवेदन शरण मांगने वालों के थे. इससे पहले शरण मांगने वालों के ग्रीन कार्ड एप्लिकेशन की प्रोसेसिंग में औसतन 10 महीने लगते रहे हैं, जबकि शरणार्थियों के एप्लिकेशन प्रॉसेस करने में औसतन 8 महीने लगते रहे हैं. इस अस्थायी रोक से यह समय और बढ़ सकता है. USCIS के नए दिशा-निर्देशों के तहत पहले से जांच करा चुके और दस्तावेज जमा कर चुके लोगों को भी दोबारा स्क्रीनिंग प्रक्रिया से गुजरना होगा.

मामूली बात पर भी रिजेक्ट हो सकते हैं एप्लिकेशन

जो बाइडेन प्रशासन की तुलना में ट्रंप प्रशासन की इमिग्रेशन पॉलिसी कहीं अधिक सख्त रही हैं. ट्रंप सरकार के कार्यकाल में USCIS अधिकारी हर ग्रीन कार्ड एप्लिकेशन की बारीकी से जांच कर रहे हैं और छोटी मोटी गलतियों के आधार पर भी उन्हें रिजेक्ट कर रहे हैं. जॉर्ज डब्ल्यू बुश इंस्टीट्यूट के SMU इकनॉमिक ग्रोथ इनीशिएटिव की डायरेक्टर लौरा कॉलिंस का कहना है कि  "ट्रंप के पिछले कार्यकाल में भी USCIS हर एप्लीकेशन को बहुत बारीकी से देखता था. कई बार एप्लिकेशन सिर्फ इसलिए लौटा दिए जाते थे, क्योंकि उसमें आवेदन करने वाले का मिडल नेम नहीं होता था." उन्होंने यह भी कहा कि अधिकारी पहले से जांचे जा चुके आवेदकों के भी सोशल मीडिया और अन्य रिकॉर्ड दोबारा खंगाल सकते हैं. इस बीच, ट्रंप ने अमेरिका में आने वाले वाहनों पर 25% टैरिफ लगाने का एलान भी किया है, जिसका असर भारतीय कंपनियों पर पड़ने की आशंका है.

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