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बिहार चुनाव 2025: चरण 1 में 7 प्रमुख सीटें और मुकाबले जिन पर नजर रखनी होगी

बिहार चुनाव 2025 (चरण 1) में राघोपुर, महुआ, हसनपुर, हरनौत, तारापुर, लखीसराय और अलीनगर पर नजर रहेगी. ये सीटें राजनीतिक गढ़ और गठबंधन ताकत की परीक्षा हैं, जहाँ BJP, RJD, JD(U) और अन्य पार्टियों के बीच कड़ी टक्कर और हाई-प्रोफाइल मुकाबले होंगे.

बिहार चुनाव 2025 (चरण 1) में राघोपुर, महुआ, हसनपुर, हरनौत, तारापुर, लखीसराय और अलीनगर पर नजर रहेगी. ये सीटें राजनीतिक गढ़ और गठबंधन ताकत की परीक्षा हैं, जहाँ BJP, RJD, JD(U) और अन्य पार्टियों के बीच कड़ी टक्कर और हाई-प्रोफाइल मुकाबले होंगे.

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Sakshi Kuchroo
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Bihar Chunav

बिहार चुनाव 2025 चरण 1 में 7 प्रमुख सीटों पर हाई-प्रोफाइल मुकाबले होने वाले हैं Photograph: (PTI/Canva)

Bihar Election 2025: जैसे-जैसे बिहार 2025 विधानसभा चुनावों की ओर बढ़ रहा है, कुछ प्रमुख सीटों पर होने वाले मुकाबले सियासी माहौल को गरमाने वाले हैं. इन चुनावी रणभूमियों में परिवारिक गढ़ों की प्रतिष्ठा और गठबंधन की ताकत दोनों की परीक्षा होगी.

राघोपुर में तेजस्वी यादव अपने परिवार की विरासत बचाने के लिए मैदान में उतरेंगे, जहाँ उनका मुकाबला भाजपा के सतीश कुमार यादव से होने जा रहा है. वहीं महुआ सीट पर तेज प्रताप यादव की नाटकीय वापसी इस हाई-प्रोफाइल मुकाबले को और दिलचस्प बना देगी.

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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पुराना क्षेत्र हरनौत अब भी जदयू (JDU) के लिए प्रतिष्ठा का प्रतीक बना हुआ है, जबकि तारापुर सीट उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और भाजपा के लिए अग्निपरीक्षा साबित हो सकती है.

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राघोपुर: तेजस्वी यादव फिर मैदान में, भाजपा के सतीश यादव और जन सुराज पार्टी के चंचल सिंह से मुकाबला

राघोपुर जो लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार का पारंपरिक गढ़ माना जाता है, इस बार भी बिहार विधानसभा चुनाव की सबसे चर्चित सीटों में से एक बना हुआ है. लालू प्रसाद यादव ने खुद 1995 और 2000 में इसी सीट से जीत दर्ज की थी और दोनों बार मुख्यमंत्री बने थे. उनकी पत्नी राबड़ी देवी ने भी पहली बार 2000 के उपचुनाव में और बाद में दो अन्य विधानसभा चुनावों में राघोपुर से तीन बार विधानसभा में प्रतिनिधित्व किया.

अब उनके बेटे तेजस्वी यादव 2015 से इस सीट से विधायक हैं और एक बार फिर भाजपा के सतीश कुमार यादव और जनशक्ति पार्टी (जेपीएस) के चंचल सिंह के खिलाफ मैदान में हैं. यह मुकाबला न सिर्फ लालू परिवार की सियासी विरासत की परीक्षा है, बल्कि यह भी तय करेगा कि राजद का यह परंपरागत गढ़ कितनी मजबूती से कायम रहता है.

राघोपुर का इतिहास

इस बार भी तेजस्वी यादव राघोपुर सीट से चुनावी मैदान में हैं, जहाँ उनका मुकाबला भाजपा के सतीश कुमार यादव और जन सुराज पार्टी के चंचल सिंह से है. यह मुकाबला ऐतिहासिक महत्व रखता है, क्योंकि 2010 में सतीश कुमार यादव ने एक बड़ा उलटफेर करते हुए राबड़ी देवी को 13,006 वोटों के अंतर से हराया था. उस चुनाव में सतीश को 64,222 वोट मिले थे, जबकि राबड़ी देवी को 51,216 वोट हासिल हुए थे. हालाँकि, उसके बाद हुए 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में सतीश यादव को तेजस्वी यादव ने मात दी, जिससे यह सीट एक बार फिर से लालू परिवार के नियंत्रण में आ गई. अब 2025 में यह सीट न केवल राघोपुर की जनता के लिए, बल्कि राज्य की सियासत के लिए भी एक प्रतीकात्मक जंग बन गई है.

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पिछले चुनाव परिणाम: 2015 और 2020

2015 और 2020 दोनों ही विधानसभा चुनावों में तेजस्वी यादव ने भाजपा के सतीश कुमार यादव को बड़े अंतर से हराकर राघोपुर सीट पर अपनी पकड़ मजबूत की. 2015 में तेजस्वी यादव ने 22,733 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की, उन्हें कुल 91,236 वोट मिले, जबकि सतीश कुमार यादव को 68,503 वोट प्राप्त हुए.

पाँच साल बाद, 2020 के चुनाव में तेजस्वी ने अपना जीत का अंतर और बढ़ा लिया. इस बार उन्होंने सतीश को 38,174 वोटों से पराजित किया. तेजस्वी को 97,404 वोट मिले, जबकि सतीश केवल 59,230 वोट तक सीमित रह गए. इन दोनों जीतों ने यह साबित किया कि राघोपुर अब भी लालू परिवार का मजबूत गढ़ बना हुआ है, जहाँ से तेजस्वी यादव लगातार अपनी सियासी विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं.

राघोपुर के पिछले चुनाव परिणाम

वर्षउम्मीदवारपार्टीकुल वोटविजय अंतरहारे उम्मीदवार (पार्टी)प्राप्त वोट
2015तेजस्वी यादवRJD91,23622,733 वोटसतीश कुमार यादव (BJP)68,503
2020तेजस्वी यादवRJD97,40438,174 वोटसतीश कुमार यादव (BJP)59,230

तेजस्वी यादव ने 2020 में 2015 के मुकाबले अपनी जीत का अंतर और बढ़ाकर राघोपुर को मजबूत गढ़ बनाए रखा.

इस बार RJD के नेता का लक्ष्य अपने परिवार की लंबे समय से चली आ रही पकड़ को राघोपुर में बनाए रखना होगा, जबकि BJP उस सीट को दोबारा जीतने की उम्मीद करेगी, जो उसने 2010 में अस्थायी रूप से अपने कब्जे में ली थी. जन सुराज पार्टी के चंचल सिंह को मैदान में उतारने से वोटों का बंटवारा हो सकता है, जिससे राघोपुर फिर से बिहार की राजनीति में एक हाई-स्टेक्स मुकाबले का मैदान बन सकता है.

महुआ: तेज प्रताप यादव (JJD) बनाम मुकेश कुमार रोशन (RJD) बनाम संजय सिंह (LJP-RV) 

महुआ फिर से सुर्खियों में है क्योंकि लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे, तेज प्रताप यादव को RJD से बाहर कर दिया गया. इसके बाद उन्होंने राजनीति में वापसी करने की और अपनी नई पार्टी जनशक्ति जनता दल से महुआ सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा की.

महुआ विधानसभा सीट में हमेशा यादव वोटरों की अच्छी संख्या रही है, साथ ही यहाँ अनुसूचित जाति और मुस्लिम वोटरों की भी बड़ी हिस्सेदारी है. इसलिए यह सीट बिहार की राजनीति में बहुत अहम मानी जाती है. तेज प्रताप यादव ने पहली बार 2015 में महुआ से जीत हासिल की थी, लेकिन 2020 में उन्होंने हसनपुर से चुनाव लड़ने का फैसला किया. वर्तमान में यह सीट मुकेश कुमार रोशन के पास है, जो इस बार भी RJD के उम्मीदवार हैं और उन्हें महुआ में तेज प्रताप यादव का सामना करना होगा.

इस मुकाबले को और दिलचस्प बनाने के लिए, एनडीए में शामिल लोक जनशक्ति पार्टी के नेता चिराग पासवान ने संजय सिंह को उम्मीदवार बनाया है, जो तेज प्रताप यादव और मुकेश कुमार रोशन दोनों का सामना करेंगे. तीन मजबूत उम्मीदवारों के होने के कारण, इस बार महुआ सीट पर एक हाई-प्रोफाइल और कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी.

पिछले चुनाव परिणाम: 2015 और 2020 में महुआ विधानसभा सीट में क्या हुआ

पूर्व RJD नेता तेज प्रताप यादव ने 2015 में कुल 66,927 वोटों के साथ जीत हासिल की थी. वहीं, 2020 में RJD ने फिर से जीत दर्ज की, लेकिन इस बार जीत मुकेश कुमार शर्मा ने 62,747 वोटों के साथ हासिल की.

महुआ सीट के पिछले चुनाव परिणाम: RJD की लगातार पकड़ 

वर्षउम्मीदवारपार्टीकुल वोटनोट्स
2015तेज प्रताप यादवRJD66,927पहली जीत: तेज प्रताप ने महुआ से अपनी पहली चुनावी जीत हासिल की, यादव-एससी-मुस्लिम वोटों के मजबूत समर्थन के साथ
2020मुकेश कुमार शर्माRJD62,747गार्ड की बदलाव: RJD ने सीट अपने पास रखी, क्योंकि तेज प्रताप यादव हसनपुर चले गए

यह टेबल दिखाता है कि महुआ सीट पर RJD का लगातार दबदबा रहा है और यह यादव गढ़ माना जाता है.

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हसनपुर: माला पुष्पम (RJD) बनाम राज कुमार राय (JD(U))

बिहार की हसनपुर सीट, जिसका प्रतिनिधित्व पहले RJD के पूर्व नेता तेज प्रताप यादव ने  किया था, हाल के विधानसभा चुनावों में JD(U) और RJD दोनों के लिए अहम रही है. यह समस्तीपुर जिले के रोसेरा प्रखंड में स्थित है. तेज प्रताप यादव से पहले यह सीट लगातार दो कार्यकालों तक JD(U) नेता राज कुमार राय के पास थी. इस बार RJD ने इस सीट से माला पुष्पम को उम्मीदवार बनाया है, जबकि राज कुमार राय फिर से JD(U) के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले हैं.

2020 और 2015 में हसनपुर सीट में क्या हुआ?

पूर्व RJD नेता तेज प्रताप यादव ने 2020 में हसनपुर सीट से जीत हासिल की थी. उन्हें 80,991 वोट मिले, जबकि JD(U) के राज कुमार राय केवल 59,852 वोट ही जुटा सके.

लेकिन 2015 में इस सीट से जीत राज कुमार राय की ही रही थी, उन्हें 63,094 वोट मिले थे.

इस बार तेज प्रताप यादव हसनपुर से चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, इसलिए यह देखने वाली बात होगी कि 2025 के बिहार चुनाव में हसनपुर के लोग फिर से राज कुमार राय को ही अपना नेता चुनेंगे या नहीं.

 हसनपुर सीट के पिछले चुनाव परिणाम: JD(U) और RJD के बीच सत्ता के बदलाव 

वर्षउम्मीदवारपार्टीकुल वोटनोट्स
2015राज कुमार रायJD(U)63,094लगातार दूसरे कार्यकाल में हसनपुर सीट JD(U) के लिए संभाली
2020तेज प्रताप यादवRJD80,991जीत का अंतर: 21,139 वोट; राज कुमार राय (JD(U)) को 59,852 वोट प्राप्त हुए

हरनौत: हरि नारायण सिंह (JD(U)) बनाम कमलेश पासवान (JSP) बनाम अरुण कुमार (INC)

हरनौत सीट दशकों से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जुड़ी रही है. 1985 में उन्होंने इसी सीट से विधानसभा में प्रवेश किया था, और तब से यह JD(U) का मजबूत गढ़ बनी हुई है. पहले यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि नीतीश कुमार अपनी जगह अपने बेटे निशांत कुमार को हरनौत से चुनाव लड़वाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इसके बजाय, JD(U) ने इस सीट से हरि नारायण सिंह को उम्मीदवार बनाया है. वह INC के अरुण कुमार और JSP के कमलेश पासवान के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे. यह सीट राजनीतिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह नीतीश कुमार की विरासत का प्रतीक है और बिहार की राजनीति में एक अहम लड़ाई का मैदान है.

हरनौत सीट के पिछले चुनाव परिणाम : JD(U) की लगातार जीत 
वर्षउम्मीदवारपार्टीकुल वोटजीत का अंतरहारे उम्मीदवार (पार्टी)हारे उम्मीदवार के वोट
2015हरि नारायण सिंहJD(U)71,93314,295अरुण कुमार (LJP)57,638
2020हरि नारायण सिंहJD(U)65,40427,241ममता देवी (LJP)38,163

तारापुर: सम्राट चौधरी (BJP) बनाम संतोष कुमार सिंह (JSP) बनाम अरुण कुमार (RJD)

बिहार के मुंगेर जिले की तारापुर सीट 2025 बिहार विधानसभा चुनावों में काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है. परंपरागत रूप से यह JD(U) का गढ़ रही है, लेकिन इस बार सीट-साझा समझौते के तहत इसे BJP को दिया गया है, जो गठबंधन रणनीति में बड़ा बदलाव है. इस फैसले ने काफी ध्यान खींचा है क्योंकि इससे बिहार के उपमुख्यमंत्री और BJP नेता सम्राट चौधरी इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. चौधरी ने तारापुर को अपना पैतृक क्षेत्र बताया है, जिससे यह मुकाबला राजनीतिक और व्यक्तिगत दोनों दृष्टियों से अहम बन गया है.

तारापुर में कुशवाहा, यादव, मुस्लिम और अनुसूचित जाति के वोटरों की बड़ी संख्या है, इसलिए यहां वर्षों से JD(U) और RJD के बीच कड़ी टक्कर रही है. लेकिन 2010 के बाद से JD(U) की लगातार जीत ने इस क्षेत्र में पार्टी को मजबूत बना दिया है. अब, जब BJP इस गढ़ की जिम्मेदारी संभाल रही है, 2025 का चुनाव यह परीक्षण होगा कि NDA गठबंधन कितनी मजबूती से अपनी पकड़ बनाए रख सकता है और महागठबंधन की चुनौती का सामना कर सकता है. तारापुर में पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को होगा, और इसका नतीजा बिहार के बाकी हिस्सों के चुनावी मूड को भी प्रभावित कर सकता है.

तारापुर: पिछले चुनाव परिणाम (2015 और 2020)

2020 में, JD(U) के उम्मीदवार मेवा लाल चौधरी ने तारापुर सीट जीती थी. उन्हें 63,463 वोट मिले, जो कुल वोटों का 38.76% था.

उसी सीट से मेवा लाल चौधरी 2015 में भी जीत चुके थे, उस समय उन्हें 66,049 वोट मिले थे, जो कुल वोटों का 43.78% था.

तारापुर सीट के पिछले चुनाव परिणाम:  2010 के बाद से JD(U) की मजबूत पकड़ 

वर्षउम्मीदवारपार्टीकुल वोटवोट प्रतिशतनोट्स
2015मेवा लाल चौधरीJD(U)66,04943.78%JD(U) ने सीट पर अपनी पकड़ बनाए रखी
2020मेवा लाल चौधरीJD(U)63,46338.76%JD(U) ने फिर से जीत हासिल की, सीट का मजबूत गढ़ बना रहा

लखीसराय: विजय कुमार सिन्हा (BJP) बनाम सूरज कुमार (JSP)

लखीसराय सीट 2025 बिहार विधानसभा चुनावों में सबसे ज्यादा देखी जाने वाली सीटों में से एक है. यह सीट इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह बिहार के उपमुख्यमंत्री और वरिष्ठ BJP नेता, विजय कुमार सिन्हा का गृह क्षेत्र है. वह छठी बार चुनाव लड़ रहे हैं और वर्तमान में बिहार विधानसभा के स्पीकर भी हैं.

लखीसराय में मतदान पहले चरण में 6 नवंबर 2025 को होगा. यह क्षेत्र मुंगेर जिले का हिस्सा है और यहां राजनीतिक गतिविधियां काफी सक्रिय रहती हैं. यहीं यादव, भूमिहार और अन्य OBC वोटरों के साथ-साथ विकास जैसे मुद्दे—नौकरियां और बुनियादी ढांचा, मत परिणाम में अहम भूमिका निभाते हैं.

BJP के लिए यह एक प्रतिष्ठा की लड़ाई है, क्योंकि सिन्हा का प्रदर्शन ग्रामीण बिहार में पार्टी की ताकत और सरकार की कार्यशैली पर विपक्ष के बढ़ते हमलों के बीच पार्टी की पकड़ का परीक्षण माना जाएगा.

लखीसराय: पिछले चुनाव परिणाम (2015 और 2020)

2020 के चुनावों में, BJP के विजय कुमार सिन्हा ने लखीसराय सीट जीती और उन्हें 74,212 वोट मिले. वह 2015 में भी जीत चुके थे, जब उन्हें 75,901 वोट मिले थे और 40.8% वोट शेयर हासिल हुआ था.

पिछले दशक में BJP ने लखीसराय में मजबूत आधार बनाया है और इस सीट पर 2010, 2015 और 2020 में लगातार तीन बार जीत दर्ज की. इस निर्वाचन क्षेत्र का गठन 1977 में हुआ था और इससे पहले इस पर विभिन्न पार्टियों जैसे जनता पार्टी, कांग्रेस, JD(U) और RJD ने प्रतिनिधित्व किया है.

लखीसराय सीट के पिछले चुनाव परिणाम: BJP की लगातार पकड़ और विजय कुमार सिन्हा की जीत 

वर्षउम्मीदवारपार्टीकुल वोटनोट्स
2015विजय कुमार सिन्हाBJP75,901वोट शेयर: 40.8%, जीत दर्ज की
2020विजय कुमार सिन्हाBJP74,212लगातार जीत, तीसरा कार्यकाल

लेकिन 2010 के बाद से यह सीट साफ तौर पर भूमिहार और अन्य उच्च जाति के वोटरों के मजबूत समर्थन के कारण, साथ ही NDA में शामिल OBC समूहों के समर्थन से भी BJP की ओर झुक गई है. विपक्षी गठबंधन, महागठबंधन ने BJP को चुनौती देने की कोशिश की, लेकिन वह इसकी पकड़ को नहीं तोड़ पाया. इसी वजह से लखीसराय मुंगेर लोकसभा क्षेत्र की NDA की सबसे सुरक्षित सीटों में से एक बन गई है.

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अलीनगर: मैथिली ठाकुर (BJP) बनाम विनोद मिश्रा (RJD)

अलीनगर हाल ही में सुर्खियों में आया है, जब लोक गायिका और BJP नेता मैथिली ठाकुर ने इस सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान किया. उन्हें आगामी बिहार चुनाव में RJD के विनोद मिश्रा का सामना करना होगा.

कई वर्षों तक RJD का इस निर्वाचन क्षेत्र पर मजबूत नियंत्रण रहा और उसे कोई खास चुनौती नहीं मिली. लेकिन 2020 में VSIP ने जीत हासिल कर बड़ी चौकसी कर दी, जिससे RJD की लंबी जीत की श्रृंखला खत्म हो गई. इस चौंकाने वाले नतीजे के बाद, अलीनगर में चुनाव अब बहुत अधिक प्रतिस्पर्धी और अनिश्चित हो गए हैं.

अलीनगर: पिछले चुनाव परिणाम (2015 और 2020)

2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में अलीनगर सीट से VSIP के मिश्री लाल यादव विजयी रहे. दूसरे स्थान पर RJD के विनोद मिश्रा रहे.

2015 में RJD के अब्दुल बारी सिद्दीकी ने BJP के मिश्री लाल यादव को हराया था. अब्दुल बारी सिद्दीकी को कुल 67,461 वोट मिले, जबकि मिश्री लाल यादव को 54,001 वोट मिले थे.

अलीनगर सीट के पिछले चुनाव परिणाम: RJD के लंबे समय तक नियंत्रण से VSIP की 2020 में हुई जीत 

वर्षउम्मीदवारपार्टीकुल वोट / स्थितिजीत का अंतर / नोट्सहारे उम्मीदवार (पार्टी)हारे उम्मीदवार के वोट
2015अब्दुल बारी सिद्दीकीRJD67,461जीत का अंतर: 13,460 वोटमिश्री लाल यादव (BJP)54,001
2020मिश्री लाल यादवVSIPविजेताबड़ी चौकसी: RJD की लंबी पकड़ खत्म कीविनोद मिश्रा (RJD)-

 

ठाकुर के प्रतिनिधित्व के साथ, BJP अब इस सीट पर वापसी करने की कोशिश कर रही है.

Note: This content has been translated using AI. It has also been reviewed by FE Editors for accuracy.

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Bjp JDU Nda Bihar Election 2025