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Budget 2024: दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था का बजट, इन पर रहेगी नजर

Union Budget 2024: इस बजट में सरकार के पिछले 10 साल के प्रदर्शन की झलक भी दिखाई देगी. नरेन्द्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले पूर्ण बजट में इन आंकड़ों पर खासतौर से सबकी नजर रहेगी.

Union Budget 2024: इस बजट में सरकार के पिछले 10 साल के प्रदर्शन की झलक भी दिखाई देगी. नरेन्द्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले पूर्ण बजट में इन आंकड़ों पर खासतौर से सबकी नजर रहेगी.

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FE Hindi Desk
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) आज लगातार अपना सातवां बजट पेश करेंगी.

Union Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) आज लगातार अपना सातवां बजट पेश करेंगी, जो 2047 तक विकसित भारत की रूपरेखा तैयार करेगा. इस बजट में सरकार के पिछले 10 साल के प्रदर्शन की झलक भी दिखाई देगी. नरेन्द्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले पूर्ण बजट में इन आंकड़ों पर खासतौर से सबकी नजर रहेगी

राजकोषीय घाटा यानी फिस्कल डेफिसिट (Fiscal deficit)

इस साल फरवरी में पेश किए गए अंतरिम बजट (Interim Budget 2024) के मुताबिक सरकार के खर्च और आमदनी के बीच का अंतर यानी राजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष यानी वित्त वर्ष 2024-25 में 5.1 फीसदी रहने का अनुमान है. यह आंकड़ा पिछले वित्त वर्ष में 5.8 फीसदी था. टैक्स कलेक्शन में उछाल के कारण पूर्ण बजट (Budget 2024) में पहले से बेहतर अनुमान दिए जाने की उम्मीद है. सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 4.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है. 

पूंजीगत व्यय यानी कैपिटल एक्सपेंडिचर (Capital expenditure)

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चालू वित्त वर्ष के लिए सरकार का नियोजित कैपिटल एक्सपेंडिचर 11.1 लाख करोड़ रुपये है, जो पिछले वित्त वर्ष के 9.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक है. सरकार बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर दे रही है और राज्यों को कैपिटल एक्सपेंडिचर बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित भी कर रही है. 

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कर राजस्व यानी टैक्स रेवेन्यू (tax revenue)

अंतरिम बजट में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ग्रॉस टैक्स रेवेन्यू 38.31 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया था, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 11.46 फीसदी अधिक है. इसमें डायरेक्ट टैक्स (व्यक्तिगत आयकर और कॉरपोरेट कर) से 21.99 लाख करोड़ रुपये और इनडायरेक्ट टैक्स (सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क और जीएसटी) से 16.22 लाख करोड़ रुपये आने का अनुमान है.

जीएसटी (GST)

वित्त वर्ष 2024-25 में माल एवं सेवा कर यानी जीएसटी कलेक्शन 11.6 फीसदी की बढ़त के साथ 10.68 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ने का अनुमान है. चालू वित्त वर्ष के अंतिम बजट में टैक्स रेवेन्यू के आंकड़ों पर नजर रखनी होगी.

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कर्ज यानी डेट (Debt) 

अंतरिम बजट के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में सरकार का सकल उधार बजट यानी ग्रॉस बरोइंग बजट (gross borrowing budget) 14.13 लाख करोड़ रुपये था. सरकार अपने राजकोषीय घाटे (fiscal deficit) को पूरा करने के लिए बाजार से कर्ज लेती है. बाजार की नजर उधारी के आंकड़ों पर रहेगी. 

वर्तमान कीमतों पर जीडीपी

अंतरिम बजट के अनुसार चालू वित्त वर्ष में भारत की वर्तमान कीमतों पर जीडीपी (वास्तविक जीडीपी और मुद्रास्फीति का जोड़) 10.5 फीसदी बढ़कर 3,27,700 अरब रुपये होने का अनुमान है. 

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लाभांश यानी डिविडेंड (Dividend)

अंतरिम बजट में आरबीआई और वित्तीय संस्थानों से 1.02 लाख करोड़ रुपये का लाभांश मिलने का अनुमान है. इसे बढ़ाया जाएगा, क्योंकि आरबीआई ने मई में पहले ही 2.11 लाख करोड़ रुपये का अधिशेष हस्तांतरित कर यानी सरप्लस ट्रांसफर टैक्स (surplus transfer tax) दिया है. साथ ही सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से 43,000 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है.

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