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Chandigarh mayoral election case: चंडीगढ़ के मेयर इलेक्शन में मतपत्रों के साथ छेड़खानी करके उन्हें अवैध घोषित करने वाले निर्वाचन अधिकारी अनिल मसीह. सुप्रीम कोर्ट ने मसीह को कड़ी फटकार लगाते हुए रद्द किए गए सभी 8 वोटों को वैध करार दिया है. (PTI Photo)
Supreme Court order in Chandigarh mayor election case: चंडीगढ़ के मेयर के चुनाव में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन की बड़ी जीत हुई है. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दिए फैसले में AAP और कांग्रेस के साझा उम्मीदवार कुलदीप कुमार को चंडीगढ़ का 'वैध रूप से निर्वाचित' मेयर घोषित कर दिया. उससे पहले देश की सबसे बड़ी अदालत ने निर्वाचन अधिकारी अनिल मसीह द्वारा धांधली करके रद्द किए गए 8 वोटों को वैध घोषित करते हुए उन्हें वोटों की गिनती में शामिल करने का निर्देश दिया. इन वोटों को वैध माने जाने के साथ ही कुलदीप कुमार को मिले वोटों की संख्या 20 हो गई और वे विजयी घोषित कर दिए गए. सुप्रीम कोर्ट ने 8 वोटों के साथ छेड़खानी करके उन्हें रद्द करने वाले निर्वाचन अधिकारी अनिल मसीह को कारण बताओ नोटिस जारी करने का निर्देश भी दिया है.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 30 जनवरी को हुए चंडीगढ़ मेयर चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार को जिताने के लिए निर्वाचन अधिकारी द्वारा सरेआम धांधली किए जाने के मामले में मंगलवार को बेहद अहम फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचन अधिकारी अनिल मसीह द्वारा धांधली करके रद्द घोषित किए गए 8 वोटों को वैध करार देते हुए वोटों की गिनती फिर से करने का आदेश दिया. देश की सबसे बड़ी अदालत के इस फैसले के बाद चंडीगढ़ मेयर इलेक्शन में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस (Congress) के गठबंधन की जीत पक्की हो गई. दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए कहा है कि देश की सबसे बड़ी अदालत ने मुश्किल वक्त में लोकतंत्र को बचाने का काम किया है.
सत्य परेशान हो सकता है लेकिन पराजित नहीं। चंडीगढ़ मेयर चुनाव में जीत आख़िरकार संविधान और लोकतंत्र की हुई। माननीय उच्चतम न्यायालय का बहुत-बहुत शुक्रिया। https://t.co/JKKQIb6lkj
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) February 20, 2024
AAP-कांग्रेस उम्मीदवार को दिए गए थे सभी रद्द वोट
धांधली करके बीजेपी को जिताने वाले निर्वाचन अधिकारी ने जिन 8 वोटों को गलत ढंग से अवैध घोषित किया था, वे सभी आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के साझा उम्मीदवार कुलदीप कुमार को दिए गए थे. अनिल मसीह की इस धांधली की वजह से AAP और कांग्रेस के साझा उम्मीदवार को मिले वोटों की संख्या महज 12 रह गई थी, जिससे 16 वोट पाने वाले बीजेपी उम्मीदवार (BJP Candidate) की जीत हो गई थी. लेकिन अब इन 8 वोटों को गिने जाने के बाद कुलदीप कुमार को मिले वोटों की संख्या 20 हो जाएगी. चंडीगढ़ मेयर चुनाव में मतदान करने वाले सदस्यों की कुल संख्या 36 है. ऐसे में अब चंडीगढ़ में कुलदीप कुमार का मेयर बनना अब तय माना जा रहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ में मेयर के लिए 30 जनवरी को हुए चुनाव की वीडियो रिकॉर्डिंग और सभी बैलट पेपर्स को देखने के बाद पाया कि मसीह ने पहले तो जानबूझकर 8 मतपत्रों पर स्याही लगाकर उन्हें खराब किया और फिर उन्हें रद्द घोषित करके चुनावी नतीजों को गलत ढंग से प्रभावित किया.
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पार्षदों की ''खरीद-फरोख्त'' पर चिंता जाहिर कर चुका है सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की खंडपीठ ने यह आदेश AAP उम्मीदवार कुलदीप कुमार की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया. कुलदीप कुमार ने अपनी याचिका में निर्वाचन अधिकारी अनिल मसीह के खिलाफ धांधली का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट से इंसाफ की गुहार लगाई थी. सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ में मेयर के लिए 30 जनवरी को हुए चुनाव की वीडियो रिकॉर्डिंग और सभी बैलट पेपर्स को देखने के बाद पाया कि मसीह ने पहले तो जानबूझकर 8 मतपत्रों पर स्याही लगाकर उन्हें खराब किया और फिर उन्हें रद्द घोषित करके चुनावी नतीजों को गलत ढंग से प्रभावित किया. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को ही पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को आदेश दिया था कि वो चुनाव के सभी बैलट पेपर और मतगणना की रिकॉर्डिंग उनके सामने पेश करें. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान निर्वाचन अधिकारी की धांधली सामने आने के बाद मेयर चुनाव के नतीजों को प्रभावित करने के लिए जन-प्रतिनिधियों की ''खरीद-फरोख्त'' पर भी गहरी चिंता जाहिर की थी. कोर्ट ने सोमवार को ही यह भी संकेत दिए थे कि वो नये सिरे से चुनाव का आदेश देने की बजाय पहले डाले जा चुके वोटों के आधार पर ही नतीजे घोषित करने पर विचार कर सकता है.
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चंडीगढ़ मेयर इलेक्शन में क्या हुआ?
चंडीगढ़ में मेयर के पद के लिए 30 जनवरी को चुनाव हुआ था, जिसमें बीजेपी के उम्मीदवार मनोज सोनकर ने 16 वोटों के आधार पर जीत हासिल की थी. आम आदमी पार्टी-कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार को कुलदीप कुमार को मिले 8 वोटों को निर्वाचन अधिकारी ने अवैध घोषित कर दिया था, जिसके बाद उनके कुल वोटों की संख्या 12 रह गई थी. हालांकि बाद में निर्वाचन अधिकारी का वीडियो सामने आया है, जिसमें वे वोटों के साथ छेड़छाड़ करते नजर आए. इस विवाद के बढ़ने पर मामला कोर्ट तक पहुंचा. इसी बीच मनोज सोनकर ने मेयर के पद से इस्तीफा दे दिया. लेकिन सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई होने से ठीक पहले आप के 3 पार्षद भाजपा में शामिल हो गए थे, जिससे यह आशंका जाहिर की जाने लगी थी कि अगर फिर से मतदान हुआ तो दलबदल के जरिए बीजेपी एक बार फिर से जीत हासिल कर लेगी. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इसे भी हॉर्सट्रेडिंग बताते हुए कड़ी टिप्पणी की थी.