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Green Card : अमेरिका में भारतीय बुजुर्गों से ग्रीन कार्ड जबरन सरेंडर कराए जाने की खबरें, ऐसी हालत में क्या करें लोग?

Elderly Indians Forced to Surrender Green Card : अमेरिका में कई भारतीय बुजुर्गों को डरा-धमकाकर ग्रीन कार्ड सरेंडर कराए जाने की खबरें आई हैं. अगर किसी के सामने ऐसी स्थिति आ जाए, तो उन्हें क्या करना चाहिए?

Elderly Indians Forced to Surrender Green Card : अमेरिका में कई भारतीय बुजुर्गों को डरा-धमकाकर ग्रीन कार्ड सरेंडर कराए जाने की खबरें आई हैं. अगर किसी के सामने ऐसी स्थिति आ जाए, तो उन्हें क्या करना चाहिए?

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FE Hindi Desk
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Green Card Issues for Elderly Indians in US

US Green Card : अमेरिका में कई बुजुर्ग भारतीयों से एयरपोर्ट पर ग्रीन कार्ड जबरन सरेंडर कराए जाने की खबरें आ रही हैं. (File Photo : AP)

Elderly Indians Forced to ‘Voluntarily’ Give Up Green Cards: अमेरिका में कई भारतीय ग्रीन कार्ड होल्डर्स के सामने एक नई परेशानी सामने आ रही है. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिकी हवाई अड्डों पर बुजुर्ग भारतीयों पर दबाव डाला जा रहा है कि वे 'अपनी मर्जी' से अपना ग्रीन कार्ड सरेंडर कर दें. इसके लिए कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन (CBP) के अधिकारी उन्हें फॉर्म I-407 पर दस्तखत करने के लिए दबाव डाल रहे हैं. जो लोग ऐसा करने से इनकार कर रहे हैं, उन्हें 'डिटेंशन' यानी हिरासत में लेने या 'रिमूवल' यानी जबरन अमेरिका से बाहर किए की धमकियां दी जा रही हैं. सवाल ये है कि इन हालात में लोगों को क्या करना चाहिए?

बुजुर्ग भारतीयों को डराने-धमकाने की कोशिश

रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिकी अधिकारी खास तौर पर ऐसे बुजुर्ग भारतीयों को निशाना बना रहे हैं, जो सर्दियों के दौरान भारत में अधिक समय बिताने के बाद अमेरिका लौटते हैं. ऐसे बुजुर्गों को हवाई अड्डों पर कड़ी पूछताछ का सामना करना पड़ रहा है. अमेरिका के उप-राष्ट्रपति जेडी वांस ने भी हाल ही में कहा था कि ग्रीन कार्ड होने का मतलब यह नहीं है कि उस व्यक्ति को अमेरिका में हमेशा के लिए रहने का अधिकार मिल गया है. वांस ने दावा किया है कि “अगर कोई व्यक्ति ग्रीन कार्ड धारक है, तो भले ही मैं उसे पसंद करता हूं, इसका मतलब यह नहीं है कि उसे अमेरिका में हमेशा के लिए रहने का अधिकार है.” अमेरिकी अधिकारियों के बर्ताव में भी कुछ ऐसा ही रुख नजर आ रहा है.

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'अपनी मर्जी' से ग्रीन कार्ड सरेंडर करने का दबाव

फ्लोरिडा के इमिग्रेशन अटॉर्नी अश्विन शर्मा ने इस मुद्दे पर चिंता जताते हुए टाइम्स ऑफ इंडिया (ToI) से कहा, “मैंने हाल ही में ऐसे कई मामलों को संभाला है, जहां CBP अधिकारियों ने बुजुर्ग भारतीय ग्रीन कार्ड धारकों, खासकर दादा-दादी और नाना-नानी, को टारगेट किया है. उनसे जबरन फॉर्म I-407 पर हस्ताक्षर कराए जा रहे हैं ताकि वे अपना ग्रीन कार्ड सरेंडर कर दें. जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं, उन्हें डिटेंशन या देश से बाहर निकालने की धमकी दी जा रही है.” शर्मा ने यह भी कहा कि ट्रंप प्रशासन की वापसी के बाद CBP अधिकारी खुद को ‘जज, जूरी और एग्जीक्यूशनर’ तीनों एक साथ समझने लगे हैं.

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दबाव में आकर ग्रीन कार्ड सरेंडर न करें : वकील

सीएटल स्थित इमिग्रेशन अटॉर्नी यानी वकील कृपा उपाध्याय ने कहा है कि ग्रीन कार्ड धारकों को दबाव में आकर फॉर्म I-407 पर हस्ताक्षर नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा, “अगर कोई ग्रीन कार्ड धारक 365 दिनों से अधिक समय तक अमेरिका से बाहर रहता है, तो उसे निवास छोड़ने वाला माना जा सकता है. लेकिन यह केवल एक आरोप है और इसे अदालत में चुनौती दी जा सकती है. अगर व्यक्ति हवाई अड्डे पर फॉर्म I-407 पर हस्ताक्षर कर देता है, तो वह यह अधिकार खो देता है.”

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भारत में लंबी छुट्टियां बिताने वालों के लिए खतरा

NPZ लॉ ग्रुप की मैनेजिंग अटॉर्नी स्नेहल बत्रा ने सलाह दी है कि ग्रीन कार्ड धारकों को हवाई अड्डे पर फॉर्म पर हस्ताक्षर करने से मना कर देना चाहिए. उन्होंने कहा कि केवल एक इमिग्रेशन जज को ही किसी व्यक्ति का ग्रीन कार्ड रद्द करने का अधिकार है. उन्होंने यह भी कहा कि जो भारतीय सर्दियों के महीनों में लंबे समय तक भारत में रहते हैं, वे अपनी अमेरिका में रहने की मंशा को साबित करने के लिए संपत्ति के स्वामित्व, टैक्स रिटर्न और रोजगार से जुड़े दस्तावेज दिखा सकते हैं. इमिग्रेशन अटॉर्नी जेसी ब्लेस ने ToI से कहा कि “जो लोग एक साल से अधिक समय तक अमेरिका से बाहर रहते हैं (बिना री-एंट्री परमिट के), उन्हें रिमूवल प्रोसीडिंग्स का नोटिस दिया जा रहा है.”

ट्रंप के पहले कार्यकाल में भी हुई थीं ऐसी घटनाएं

यह पहली बार नहीं है जब ग्रीन कार्ड होल्डर्स को डरा-धमकाकर अपनी परमानेंट रेजिडेंसी छोड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है. डोनाल्ड ट्रंप के पिछले कार्यकाल के दौरान भी CBP अधिकारियों ने हवाई जहाज में यात्रा कर रहे लोगों को फॉर्म I-407 भरकर ग्रीन कार्ड सरेंडर करने के लिए मजबूर किया था. अमेरिका की इमिग्रेशन लॉ फर्म सिस्किन सुसेर के को-फाउंडर ग्रेग सिस्किन ने ToI से कहा, “ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान भी, स्काई मार्शल यात्रियों को हवाई जहाज में ही फॉर्म बांटते थे और लोगों पर ग्रीन कार्ड सरेंडर करने के लिए दबाव डालते थे. यात्री हमें फ्लाइट से ही कॉल और टेक्स्ट करके पूछते थे कि उन्हें क्या करना चाहिए.”

उन्होंने आगे कहा, “लोगों को अपने दबाव में आकर ग्रीन कार्ड सरेंडर नहीं करने चाहिए. लेकिन इन हालात में उन्हें सेकेंडरी इंस्पेक्शन के लिए तैयार रहना होगा. हो सकता है कि CBP अधिकारी किसी को रातभर हिरासत में रख लें, लेकिन उन्हें इमिग्रेशन जज के सामने सुनवाई का अधिकार है. ज्यादातर जज इस तरह के मामलों को स्वीकार नहीं करते. इसलिए अगर कोई व्यक्ति अड़ा रहे तो CBP को झुकना पड़ सकता है.”

अमेरिकी अधिकारियों के दबाव डालने पर क्या करें?

अगर अमेरिका लौटते समय अमेरिकी अधिकारी किसी व्यक्ति पर फॉर्म I-407 पर दस्तखत करके ग्रीन कार्ड सरेंडर करने के लिए दबाव डालते हैं, तो उसे शांत रहना चाहिए और अधिकारियों को बताना चाहिए कि वे अपनी मर्जी से ग्रीन कार्ड सरेंडर नहीं करेंगे. इसके अलावा किसी भी तरह के दस्तावेज पर दस्तखत करने से पहले इमिग्रेशन के मामले देखने वाले वकीलों से सलाह लेनी चाहिए.

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