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Ganesh Visarjan 2025: गणपति बप्पा की विदाई के समय इन बातों का रखें, भूल से भी न करें ये गलतियां!

Guidelines for Ganesh Visarjan 2025: गणेश विसर्जन के दिन भक्त अपने प्रिय भगवान गणपति को “गणपति बप्पा मोरया…” के जयकारों के साथ विदा करते हैं. इस दौरान कुछ जरूरी नियम और सावधानियां अपनाना जरूरी है ताकि उत्सव सुरक्षित और शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो.

Guidelines for Ganesh Visarjan 2025: गणेश विसर्जन के दिन भक्त अपने प्रिय भगवान गणपति को “गणपति बप्पा मोरया…” के जयकारों के साथ विदा करते हैं. इस दौरान कुछ जरूरी नियम और सावधानियां अपनाना जरूरी है ताकि उत्सव सुरक्षित और शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो.

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FE Hindi Desk
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Ganapati Visarjan 2025

Ganesh Visarjan 2025 rules: दस दिन तक चलने वाले भव्य गणेश उत्सव का समापन शनिवार, 6 सितंबर 2025 को गणेश विसर्जन के साथ हो रहा है. (Image: IE File)

Ganesh Visarjan 2025: दस दिन तक चलने वाले भव्य गणेश उत्सव का समापन शनिवार, 6 सितंबर 2025 को गणेश विसर्जन के साथ हो रहा है. यह दिन उन भक्तों के लिए भावुक पल लेकर आता है जो अपने प्रिय भगवान गणेश को विदाई देते हैं. मान्यता है कि गणेश जी दस दिन पृथ्वी पर अपने भक्तों के पास रहकर उन्हें सफलता, समृद्धि और धन से आशीर्वाद देते हैं. इस दौरान कई भक्त व्रत रखते हैं. इस साल गणेश उत्सव बुधवार, 27 अगस्त से शुरू हुआ था और शनिवार, 6 सितंबर को समाप्त हो रहा है.

गणेश विसर्जन आमतौर पर अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi 2025) को किया जाता है, जो उत्सव का ग्यारहवां दिन होता है. इसके अलावा, कुछ लोग गणपति बप्पा की विदाई गणेश चतुर्थी पर्व के तीसरे, पांचवें या सातवें दिन भी करते हैं. इन सभी खास दिनों को विषम संख्याओं में रखा गया है. मान्यता के अनुसार अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु, माता यमुना और शेषनाग की पूजा होती है और अनंत सूत्र बांधा जाता है.

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क्या है गणपति विसर्जन के मायने?

उत्सव की शुरुआत गणेश स्थापना से होती है, जिसमें घरों या पंडालों में गणेश प्रतिमाएं ऊंचे मंच पर रखी जाती हैं. प्रतिमाओं का आकार छोटा या बड़ा हो सकता है. कई लोग मिट्टी और अन्य पर्यावरण अनुकूल सामग्रियों से घर पर प्रतिमाएं बनाते हैं. इस साल इको-फ्रेंडली गणेश प्रतिमाओं का चलन भी बढ़ा है. हर दिन गणेश आरती होती है और भोग अर्पित किया जाता है. भक्त पंडालों में जाकर भव्य सजावट के साथ गणपति की स्थापना का आनंद लेते हैं.

दस दिन के व्रत, भजन-कीर्तन, रंग-बिरंगे रंगोली और भव्य उत्सव के बाद, ग्यारहवें दिन भव्य जुलूस के साथ गणेश जी की मूर्तियों का नदी, पोखरे या अन्य जल स्तोत वाले जगहों में विसर्जन किया जाता है. आजकल कई लोग घर में ही टब में विसर्जन करते हैं. विसर्जन का अर्थ है कि गणेश जी अपने माता-पिता, भगवान शिव और पार्वती के घर लौट जाते हैं.

गणेश विसर्जन पूजा मुहूर्त 2025

सुबह का शुभ मुहूर्त: सुबह 07:37 बजे से सुबह 9:11 बजे तक

दोपहर मुहूर्त (चरा, लाभ, अमृत): दोपहर 12:20 बजे से शाम 5:03 बजे तक

संध्या मुहूर्त (लाभ): शाम 6:37 बजे से रात 8:03 बजे तक

रात का मुहूर्त (शुभ, अमृत, चरा): रात 9:29 बजे से देर रात 1:46 बजे तक (7 सितंबर की शुरूआत में)

अगले दिन सुबह का मुहूर्त (लाभ): सुबह 4:37 बजे से सुबह 6:03 बजे तक (7 सितंबर के तड़के)

चतुर्दशी तिथि आरंभ: सुबह तड़के 3:12 बजे, 6 सितंबर 2025

चतुर्दशी तिथि समाप्त: सुबह तड़के 1:41 बजे, 7 सितंबर 2025

इस साल भी गणेश विसर्जन श्रद्धा, उल्लास और भव्यता के साथ होगा, जो भक्तों के दिलों में विशेष स्थान रखता है. शुभ तरीके से पूजा कर सुरक्षित गणेश विसर्जन के लिए किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है, नीचे डिटेल पढ़ें.

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भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है आखिरी दिन

गणपति विसर्जन, गणेश उत्सव का अंतिम दिन, भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है. इस दिन लोग अपने प्रिय भगवान गणेश को भावपूर्ण विदाई देते हैं और कहते हैं – “गणपति बप्पा मोरया, अगले बारस तू जल्दी आ.” इस शुभ अवसर पर कुछ नियम और सावधानियां अपनाना जरूरी है, ताकि विसर्जन सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल हो.

गणेश विसर्जन के लिए क्या करें

  • विसर्जन से पहले गणेश आरती करें और प्रतिमा को मोदक, लड्डू, फल और फूल जैसे प्रसाद अर्पित करें.
  • प्रतिमा को धीरे-धीरे उठाएं ताकि उसका सम्मान बना रहे और टूट-फूट न हो.
  • प्रतिमा के हाथों में दही लगाकर और अनकुक्ड चावल (अक्षत) अर्पित कर गणेश जी के लिए शुभकामनाएं दें.
  • नारियल, गुड़ और अनाज को लाल कपड़े में बांधकर यात्रा के लिए तैयार करें.
  • जल में विसर्जन करते समय प्रार्थना करें और भगवान से विनती करें कि वे अगले साल जल्दी लौटें. घर पर विसर्जन करते हैं तो बचा हुआ पानी पौधों को डालें.

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क्या न करें

  • नॉन-बायोडिग्रेडेबल जैसे प्लास्टिक या टॉक्सिक मैटेरियल से गणेश प्रतिमा न बनाएं, इससे पानी प्रदूषित होता है. चमकदार और सिंथेटिक रंगों से भी बचें.
  • भीड़ वाले इलाके में पटाखे न फोड़ें, यह बच्चों और जानवरों के लिए खतरा हो सकता है.
  • विसर्जन के समय सिंथेटिक कपड़े न पहनें, क्योंकि यह आग पकड़ सकते हैं.
  • भीड़ में धक्का-मुक्की न करें और शांत रहें.
  • प्रतिमा को जल में विसर्जन करते समय सुरक्षित रहें और ज्यादा गहरे न जाएं.
  • फूल, माला या अन्य गैर-बायोडिग्रेडेबल वस्तुएं पानी में न डालें.
  • इन सरल नियमों का पालन करने से आप सुरक्षित, सुखद और शांतिपूर्ण गणेश विसर्जन कर पाएंगे और अपने प्रिय भगवान को श्रद्धा के साथ विदाई दे सकेंगे.
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