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Govt on ChatGPT, DeepSeek : चैटजीपीटी, डीपसीक जैसे AI मॉडल्स का न करें इस्तेमाल - सरकारी अफसरों को वित्त मंत्रालय का निर्देश

Govt on ChatGPT, DeepSeek : वित्त मंत्रालय ने अपने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे चैटजीपीटी और डीपसीक जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टूल्स का इस्तेमाल न करें.

Govt on ChatGPT, DeepSeek : वित्त मंत्रालय ने अपने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे चैटजीपीटी और डीपसीक जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टूल्स का इस्तेमाल न करें.

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FE Hindi Desk
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Govt on ChatGPT, DeepSeek : वित्त मंत्रालय ने अधिकारियों से कहा है कि वे चैटजीपीटी और डीपसीक जैसे AI टूल्स का इस्तेमाल न करें. (Image : Pixabay)

Govt on ChatGPT, DeepSeek : वित्त मंत्रालय ने अपने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे चैटजीपीटी (ChatGPT) और डीपसीक (DeepSeek) जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टूल्स का इस्तेमाल न करें. मंत्रालय ने सरकारी कंप्यूटरों और अन्य ऑफिस इक्विपमेंट्स पर AI आधारित एप्लिकेशन डाउनलोड करने या इस्तेमाल करने पर रोक लगाई है. मंत्रालय का कहना है कि ऐसे टूल्स सरकारी डेटा और दस्तावेजों की गोपनीयता के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं. 

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वित्त मंत्रालय की सख्ती, AI टूल्स पर लगाम

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वित्त मंत्रालय के एक्सपेंडीचर डिपार्टमेंट ने 29 जनवरी को जारी एक नोट में कहा कि सरकारी उपकरणों पर ChatGPT, DeepSeek जैसे AI टूल्स या एप्लिकेशन का इस्तेमाल करने से सरकारी डेटा और दस्तावेजों की गोपनीयता पर असर पड़ सकता है. इस निर्देश के तहत सभी विभागों को स्पष्ट रूप से AI टूल्स से दूर रहने को कहा गया है. मंत्रालय ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि वे अपने ऑफिस कंप्यूटर्स और अन्य डिजिटल उपकरणों में ऐसे टूल्स का इस्तेमाल न करें. सरकार ने यह कदम AI के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए उठाया है, ताकि डेटा की सुरक्षा को मजबूत किया जा सके.

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दूसरे देश भी हुए सावधान 

AI टूल्स के बढ़ते इस्तेमाल को लेकर दूसरे देश भी सावधानी बरत रहे हैं. ऑस्ट्रेलिया और इटली जैसे देशों ने चीनी AI मॉडल डीपसीक (DeepSeek) को अपने ऑफिशियल सिस्टम से दूर रखा है. इन देशों का मानना है कि ऐसे टूल्स गोपनीयता और डेटा सुरक्षा के लिए जोखिम भरे हो सकते हैं.

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चीन के सस्ते AI मॉडल ने मचाई खलबली

डीपसीक के नए AI मॉडल की अपने कम लागत वाले डिजाइन के कारण दुनिया भर में चर्चा हो रही है. यह मॉडल केवल 6 मिलियन अमेरिकी डॉलर में विकसित किया गया है, जबकि अन्य प्रमुख AI मॉडल्स के लिए अरबों डॉलर की लागत आती है. डीपसीक R1 ने दूसरे AI मॉडल्स की तुलना में काफी कम कंप्यूटिंग पावर का इस्तेमाल किया है, जिससे यह अधिक किफायती और प्रभावी बन गया है. डीपसीक (DeepSeek) ने कुछ दिनों में ही एप्पल ऐप स्टोर पर टॉप-रैंकिंग हासिल कर ली है और ChatGPT को भी पीछे छोड़ दिया है. इस बीच, ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन भारत दौरे पर हैं और उन्होंने सरकारी अधिकारियों और उद्योग जगत के दिग्गजों से मुलाकात की है. 

Chatgpt DeepSeek Artificial Intelligence