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Vikramaditya Singh resigns: हिमाचल प्रदेश के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सुक्खू मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने का एलान किया. (Photo : Screenshot of video shared by ANI)
Himachal Pradesh Minister Vikramaditya Singh steps down : हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव के दौरान क्रॉस वोटिंग से शुरू हुआ कांग्रेस का संकट बढ़ता ही जा रहा है. राज्य सरकार के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है. मीडिया के सामने अपने इस फैसले का एलान करते हुए विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि मौजूदा हालात में सुक्खू सरकार में बने रहना उनके लिए संभव नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि अपनी आगे की राह वे अपने लोगों के साथ बातचीत के बाद तय करेंगे. विक्रमादित्य सिंह प्रदेश के दिग्गज कांग्रेस नेता और कई बार मुख्यमंत्री रहे स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के बेटे हैं. उनकी मां प्रतिभा सिंह प्रदेश में कांग्रेस की अध्यक्ष हैं और मंगलवार को ये बयान देकर खलबली मचा चुकी हैं कि हिमाचल प्रदेश के कांग्रेस विधायकों की सुक्खू सरकार से नाराजगी स्वाभाविक है.
मेरा इस सरकार में बने रहना ठीक नहीं : विक्रमादित्य
विक्रमादित्य सिंह ने अब से थोड़ी देर पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा, "वर्तमान परिस्थिति में मेरा इस सरकार में बने रहना ठीक नहीं है इसलिए आज मैंने ये निर्णय लिया है कि मैं इस सरकार से एक मंत्री के रूप में इस्तीफा दे रहा हूं. आने वाले समय में अपने लोगों के साथ, समर्थकों के साथ बात करके, उनसे चर्चा और विचार-विमर्श करके आने वाले समय में आगे के कदम का फैसला किया जाएगा. इस बारे में मैं अभी ज्यादा नहीं कहना चाहता. मैं मंत्री पद से अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री जी और राज्यपाल जी को सौंप रहा हूं. मैं प्रदेश की जनता को धन्यवाद देना चाहता हूं कि उन्होंने मुझे सेवा का मौका दिया."
#WATCH | Himachal Pradesh Minister Vikramaditya Singh steps down from his position, a day after the Rajya Sabha election result in the state.
— ANI (@ANI) February 28, 2024
He says, "All I would like to say is that under the current circumstances, it is not correct for me to continue as a part of the… pic.twitter.com/VNp0nuSfnR
हम चाहते हैं प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बरहे : विक्रमादित्य
विक्रमादित्य सिंह ने आरोप लगाया कि सुक्खू सरकार ने अपने ही विधायकों का बार-बार अपमान किया है और यह अपमान अब और बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. विक्रमादित्य ने कहा कि अब यह फैसला पार्टी हाईकमान को करना है कि हिमाचल में कांग्रेस आगे किस दिशा में जाएगी. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि प्रदेश में कांग्रेस की ही सरकार रहे, क्योंकि प्रदेश की जनता ने उसे वोट दिया है. विक्रमादित्य ने कहा कि उन्होंने सुक्खू सरकार का हर तरह से समर्थन किया, लेकिन उनकी सरकार ने मेरे पिता वीरभद्र सिंह का अपमान किया है.
बजट पर मतदान सुक्खू सरकार की अग्नि परीक्षा
हिमाचल प्रदेश विधानसभा में राज्य के बजट को पारित किया जाना अभी बाकी है. अगर विधायकों की बगावत का सामना कर रही कांग्रेस सरकार बजट के तौर पर पेश वित्त विधेयक को पारित नहीं करवा पाई तो सुक्खू सरकार अपने आप ही गिर जाएगी. ऐसा इसलिए क्योंकि संविधान में दी गई व्यवस्था के मुताबिक वित्त विधेयक गिरने का मतलब ये माना जाता है कि सरकार सदन का विश्वास खो चुकी है. यही वजह है कि बीजेपी बजट को पारित करने के लिए ध्वनि मत की जगह मतविभाजन के जरिए पक्ष और विपक्ष में पड़े वोटों की गिनती किए जाने की मांग कर रही है. हिमाचल प्रदेश विधानसभा में बीजेपी के पास महज 25 और कांग्रेस (Congress) के पास 40 विधायक हैं. लेकिन राज्यसभा चुनाव में कई कांग्रेस विधायकों के बगावत करने की वजह से राज्य सरकार के सामने संकट खड़ा हो गया है. कांग्रेस के कई विधायकों ने मंगलवार को हुए राज्यसभा चुनाव में पाला बदलकर बीजेपी के पक्ष में वोट डाल दिए, जिसके कारण स्पष्ट बहुमत होने के बावजूद कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी की हार हो गई.