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Kanchanjunga Express Accident : पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में हुए भयानक रेल हादसे में कम से कम 9 लोगों के मारे जाने की खबर है. (Photo : Reuters)
West Bengal : Kanchanjunga Express Train Accident : पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले में हुए भयानक रेल हादसे की वजह क्या है इसका पूरा खुलासा तो विस्तृत जांच से ही होगा. लेकिन फिलहाल यह दावा किया जा रहा है कि हादसे वाली जगह के पास रानीपतरा और छत्तर हाट जंक्शन के बीच का सिग्नल सोमवार सुबह 5 बजकर 50 मिनट से ही खराब पड़ा था. यह जानकारी समाचार एजेंसी पीटीआई ने रेलवे के सूत्रों के हवाले से दी है. इस हादसे में कम से कम 9 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 25 से ज्यादा लोग जख्मी हुए हैं.
सिग्नल की खराबी का चौंकाने वाला दावा
रेलवे के एक सूत्र ने खुलासा किया है कि सुबह 5:50 बजे से ही स्वचालित सिग्नलिंग प्रणाली में खराबी आ गई थी. कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन संख्या 13174 सुबह 8:27 बजे रंगापानी स्टेशन से रवाना हुई और ऑटोमैटिक सिग्नल में खराबी के कारण रानीपतरा और छत्तर हाट के बीच रुक गई. सूत्रों के मुताबिक सिग्नल खराब होने क की वजह से रानीपतरा के स्टेशन मास्टर ने ट्रेन को रेल सिग्नल पार करके की अथॉरिटी देने वाला लिखित अनुमति पत्र (TA 912) जारी किया.
सूत्र के मुताबिक लगभग उसी समय, एक मालगाड़ी, GFCJ, जो सुबह 8:42 बजे रंगापानी से रवाना हुई थी, वहां पहुंची और कंचनजंगा एक्सप्रेस को पीछे से टक्कर मार दी. इस टक्कर में कंचनजंगा के गार्ड का कोच, दो पार्सल कोच और एक जनरल सीटिंग कोच बुरी तरह डैमेज हो गए. रेलवे बोर्ड के शुरुआती बयान के अनुसार मालगाड़ी के चालक ने सिग्नल का उल्लंघन किया. इस हादसे में 8 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि यह संख्या 15 तक हो सकती है.
लोको पायलट की गलती?
रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष जया वर्मा सिन्हा ने कहा कि टक्कर इसलिए हुई क्योंकि मालगाड़ी ने सिग्नल की अनदेखी की. वहीं, भारतीय रेलवे लोको रनिंगमैन संगठन (IRLRO) के कार्यकारी अध्यक्ष संजय पांधी ने उनके इस बयान पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा है कि लोको पायलट यानी मालगाड़ी के ड्राइवर को कसूरवार बताना ठीक नहीं है, जबकि हादसे में उसकी मौत हो चुकी है और सीआरएस एन्क्वॉयरी होनी बाकी है.
पूरी जांच में सामने आएगा सच
सूत्रों का कहना है कि जांच से ही पता चलेगा कि क्या मालगाड़ी को भी खराब सिग्नल पार करने के लिए TA 912 जारी किया गया था या नहीं. अगर मालगाड़ी को खराब सिग्नल पार करने के लिए टीए 912 नहीं मिला था, तो उसके ड्राइवर को हर खराब सिग्नल पर ट्रेन रोकनी चाहिए थी और गाड़ी की रफ्तार 10 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा नहीं होनी चाहिए थी.