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Kharge counters Modi: मेरे लोगों को अब भी मंदिरों में जाने नहीं देते, मैं अयोध्या जाता तो क्या वे इसे बर्दाश्त करते : खरगे

Kharge vs Modi: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल नहीं होने की बताई वजह, पीएम मोदी के आरोपों का दिया जवाब.

Kharge vs Modi: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल नहीं होने की बताई वजह, पीएम मोदी के आरोपों का दिया जवाब.

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FE Hindi Desk
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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अयोध्या के राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल नहीं होने की वजह का खुलासा किया है. (Photo : ANI)

Ram Temple consecration :  Mallikarjun Kharge counters PM Narendra Modi : कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस आरोप पर पलटवार किया है कि कांग्रेस ने सनातन धर्म के विरोध और वोटबैंक की राजनीति के कारण राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का न्योता स्वीकार नहीं किया. मोदी के आरोप का खंडन करते हुए खरगे ने कहा कि अनुसूचित जातियों के लोगों को अब भी कई मंदिरों में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है. उन्होंने इन हालात पर सवाल उठाते हुए कहा कि "अगर मैं (अयोध्या) गया होता तो क्या वे इसे बर्दाश्त करते? खरगे ने मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए यह भी कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण और प्राण प्रतिष्ठा से जुड़े कार्यक्रम हों या नई संसद के शिलान्यास और उद्घाटन से जुड़े कार्यक्रम, उनमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, पूर्व राष्ट्रपति कोविंद को इसलिए नहीं बुलाया गया, क्योंकि वे एससी, एसटी यानी अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति से ताल्लुक रखते हैं. खरगे ने ये बातें द इंडियन एक्सप्रेस के आइडिया एक्सचेंज कार्यक्रम में कहीं. 

धर्म को राजनीति के साथ क्यों मिला रहे हैं : खरगे 

यह पूछे जाने पर कि क्या अब उन्हें लगता है कि कांग्रेस को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में भाग लेना चाहिए था, खरगे ने कहा: “यह व्यक्तिगत आस्था का मसला है. जो लोग जाना चाहते हैं, वे किसी भी दिन जा सकते हैं...वे (मोदी) कोई पुजारी नहीं हैं.' भगवान राम की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की अगुवाई उन्हें क्यों करनी चाहिए... उन्होंने ऐसा सिर्फ राजनीतिक उद्देश्यों के लिए किया. उस वक्त मंदिर का एक-तिहाई हिस्सा भी पूरा नहीं हुआ था... क्या वह कोई राजनीतिक कार्यक्रम था या धार्मिक समारोह था? आप धर्म को राजनीति के साथ क्यों मिला रहे हैं?”

हमारे तो 33 करोड़ देवी-देवता हैं : खरगे

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मल्लिकार्जुन खरगे ने अपने अनुसूचित जाति से जुड़े होने की तरफ ध्यान दिलाते हुए कहा, “मेरे लोगों को आज भी सभी मंदिरों में प्रवेश की इजाजत नहीं है. राम मंदिर की बात छोड़िए…आप कहीं भी चले जाइए, प्रवेश के लिए संघर्ष है..गांवों के कई छोटे मंदिरों में भी इजाजत नहीं दी जाती..आप पानी नहीं पीने देते, शिक्षण संस्थाओं में इजाजत नहीं देते…यहां तक कि एक दूल्हा बारात में घोड़े पर चला जाए, तो आपको यह भी बर्दाश्त नहीं होता…लोग उसे खींचकर नीचे उतार देते हैं और मारपीट करते हैं. मूंछ रख लें, तो उसे कटवाने को कहते हैं..और आप मुझसे उम्मीद करते हैं…अगर मैं चला जाता, तो क्या वे बर्दाश्त करते?....सिर्फ चुनाव प्रचार के लिए ऐसा कहना अलग बात है.,,वह कोई पार्टी का कार्यक्रम नहीं था..पूरी तरह धार्मिक कार्यक्रम था….मेरी किसी से कोई दुश्मनी नहीं है. हमारे तो 33 करोड़ देवी-देवता हैं. अगर वे मेरे लोगों को पूजा करने की इजाजत देते हैं, तो हम सभी 33 करोड़ देवी-देवताओं की पूजा करेंगे.” 

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राष्ट्रपति मुर्मू, कोविंद को क्यों नहीं बुलाया : खरगे

मल्लिकार्जुन खरगे ने भाजपा सरकार पर मौजूदा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखने के कारण "अपमानित" करने का आरोप भी लगाया. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम और नए संसद भवन के उद्घाटन में आमंत्रित नहीं किया गया, जबकि उनसे पिछले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को नए संसद भवन की आधारशिला नहीं रखने दी गई.

खरगे ने कहा, “यही मेरी किस्मत है. आपने प्रधानमंत्री के साथ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को क्यों नहीं बुलाया? वे इस देश की प्रथम नागरिक हैं. आपने उन्हें अनुमति नहीं दी. नई संसद का उद्घाटन हो रहा था, आपने उन्हें वहां आकर उद्घाटन नहीं करने दिया. रामनाथ कोविन्द, जब राष्ट्रपति थे...आपने उन्हें नए संसद भवन का शिलान्यास नहीं करने दिया. क्योंकि वे अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति से हैं. अगर वे किसी और समुदाय से होते तो आप कभी ऐसा नहीं करते. फिर भी आप इस बारे में बहुत बातें करते हैं, हमारे अधिकारों की बात करते हैं. आप हमें अपमानित करते हैं और फिर हर किसी को बताते हैं कि कांग्रेस के लोग नहीं आए,'' कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी ने अपने लोगों से कहा था कि “जिनकी आस्था है, निश्चित रूप से जाओ. हमको जिस वक्त जाना है, उस वक्त जाएंगे. लेकिन मेरी समस्या ये है कि मेरे लोगों को हर जगह जाने की इजाजत नहीं है. मेरे लोगों को अपमानित किया जाता है, दबाया जाता है, उनका शोषण होता है. तो इसलिए जब तक उनको रियल आजादी नहीं मिलेगी, तब तक मैं कहां जाऊं.”

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 जनता बदलाव चाहती है: खरगे 

कांग्रेस अध्यक्ष ने मोदी के "400 पार" अभियान के दावे को भी खारिज करते हुए कहा कि तीसरे कार्यकाल का उनका सपना पूरा नहीं होगा क्योंकि लोग "परिवर्तन" के लिए तरस रहे हैं. मोदी की एक और बार सत्ता में वापसी की संभावना के खिलाफ चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा नेता पहले से ही संविधान बदलने की बातें कर रहे हैं. खरगे ने कहा, “मोदी जी जो भी कहते हैं उस पर विश्वास करना मुश्किल है. उनसे पहले के प्रधानमंत्री झूठ नहीं बोलते थे और इस तरह बढ़ा-चढ़ाकर आंकड़े नहीं देते थे.' वे कह रहे हैं '400 पार'. यह अच्छा है कि वह '600 पार' नहीं कह रहे हैं, क्योंकि हमारी लोकसभा में सांसदों की कुल संख्या 543 है. वरना वे '600 पार' कहते.” कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया कि सत्ता में वापसी का बीजेपी का सपना पूरा नहीं होगा. हम उन्हें रोकने के लिए जरूरी संख्या जुटा रहे हैं और हम उन्हें दिखा देंगे कि विपक्ष नहीं, बल्कि इस देश के लोग बदलाव चाहते हैं. जनता दुखी है. 

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 मोदी खुद घबराए हुए हैं : खरगे 

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, मोदी पहले राज्य में एक या दो मीटिंग करते थे. अब तो गली-गली फिरना पड़ रहा है. वे अब एक पार्षद का स्वागत करने और माला पहनाने के लिए भी मौजूद रहते हैं. वे उन तमाम लोगों को अपने साथ जुटा रहे हैं, जिन्हें पहले भ्रष्ट बताते थे…तो आप भाजपा की घबराहट का अच्छी तरह से अंदाजा लगा सकते हैं. मोदी खुद घबराये हुए हैं. खरगे ने दावा किया कि इंडिया गठबंधन अच्छी संख्या जुटाने में सफल रहेगा और यह संख्या मोदी को हराने के लिए काफी होगी.

संविधान बदलने की बातें करने वालों पर कार्रवाई क्यों नहीं?

मोदी के तीसरे कार्यकाल को लेकर विपक्ष की आशंकाओं के बारे में पूछे जाने पर खरगे ने कहा, “खतरा तो है. सत्ता में आने से पहले ही वे कह रहे हैं कि 'हमें दो-तिहाई बहुमत दीजिए... ताकि हम संविधान बदल सकें.' ये मैं नहीं कह रहा. उनके सांसद अनंत कुमार हेगड़े ने कहा, आरएसएस प्रमुख ने कहा, यूपी के कई सांसदों ने कहा. उनके उम्मीदवार खुलेआम इसकी वकालत कर रहे हैं... और मोदीजी चुप हैं... वे उन पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे हैं? इन लोगों को पार्टी से क्यों नहीं निकाला जाता, टिकट क्यों नहीं काटा जाता? अगर कोई संविधान के खिलाफ बात करे तो उसे देशद्रोही कहा जाएगा. लेकिन मोदी उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहे हैं जो संविधान को बदलने की बात कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ''यह कमजोर वर्गों और महिलाओं को कुचलने की साजिश है...और हम इसे स्वीकार नहीं करेंगे.''

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