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संसद की कार्यवाही में शामिल होने के लिए व्हीलचेयर पर बैठकर राज्यसभा पहुंचे पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की यह तस्वीर 18 सितंबर 2023 की है. पीएम मोदी ने गुरुवार को रिटायर हो रहे सांसदों को शुभकामनाएं देने के दौरान देश के लिए डॉ सिंह के योगदान की जमकर तारीफ की. (PTI Photo)
Opposition condemns Modi Govt White Paper: कांग्रेस से लेकर समाजवादी पार्टी, शिवसेना (UBT) और RSP तक, देश के कई विपक्षी दलों ने मोदी सरकार के लाए व्हाइट पेपर की कड़ी आलोचना की है. कांग्रेस ने इसे झूठ का पुलिंदा बताते हुए कहा कि सच्चाई ये है कि 2004 से 2014 के बीच डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था को सुधारने का काम किया था. वहीं, शिवसेना (UBT) की प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेेदी ने कहा कि अर्थव्यवस्था के मामले में बीजेपी का 10 साल का कामकाज बिलकुल विफल रहा है. समाजवादी पार्ट के सांसद डॉ. एसटी हसन ने भी व्हाइट पेपर की आलोचना करते हुए कहा कि बीजेपी अपनी नाकामियां छिपाने के लिए इतिहास में जा रही है. लेकिन जनता इनकी तमाम चालें अब समझ चुकी है. मोदी सरकार ने गुरुवार को ही एक व्हाइट पेपर पेश किया है, जिसमें दस साल पहले सत्ता में रही डॉ. मनमोहन सिंह (Dr Manmohan Singh) की सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए अपने कामकाज की जमकर तारीफ की गई है.
यह व्हाइट पेपर एक छलावा है : प्रमोद तिवारी
मोदी सरकार के व्हाइट पेपर पर तीखा हमला करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि ये व्हाइट पेपर नहीं है, बल्कि अपने ब्लैक को छिपाने के लिए लाया गया पेपर है. उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने आज ही डॉ. मनमोहन सिंह को सबसे बड़ा अर्थशास्त्री बताते हुए उनकी इतनी तारीफ की और उसके बाद सरकार उन्हीं की आलोचना कर रही है. आप ये देख लीजिए कि 2014 में डॉलर के मुकाबले रुपया कहां था? महंगाई कितने प्रतिशत पर थी? बेरोजगारी जो मोदी राज में 40 साल के सबसे ऊंचे स्तर पर चली गई, उसके तब क्या हालात थे? किसानों को उपज का कितना मिल रहा था? अगर ये सारी चीजें देखे लें तो हकीकत साफ हो जाएगी.” प्रमोद तिवारी ने कहा कि “यह रिपोर्ट एक छलावा है, इसे मैं पूरी तरह झूठ का पुलिंदा मानता हूं. सच्चाई ये है कि 2004 से 2014 के बीच मनमोहन सिंह के नेतृत्व में हमने इस देश की अर्थव्यवस्था सुधारी थी… वो सरकार झूठे नारों पर, जुमलों पर नहीं चलती थी. जमीनी हकीकत पर चलती थी.”
#WATCH | Delhi: On 'White paper' tabled today by Finance Minister Nirmala Sitaraman in Lok Sabha, Congress RS MP Pramod Tiwari says, "This isn't 'white paper' but to hide their own black they have brought this. PM Modi himself praised the former PM Manmohan Singh as 'the biggest… pic.twitter.com/n7pGtwSboG
— ANI (@ANI) February 8, 2024
कांग्रेस सांसद ने गिनाए आंकड़े
पूर्व आईएएस अधिकारी और कांग्रेस के लोकसभा सांसद अमर सिंह ने भी अर्थव्यवस्था से जुड़े तमाम आंकड़े गिनाते हुए कहा कि डॉ मनमोहन सिंह की सरकार के दौरान देश के आर्थिक हालात अब से कहीं बेहतर थे. उन्होंने मोदी सरकार पर कई जरूरी आंकड़ों का संग्रह बंद करने का आरोप भी लगाया.
VIDEO | "In 2004, the UPA inherited a 700-billion dollar economy from Atal Bihari Vajpayee. By the time they (UPA) left office, it had grown to 2.1 trillion dollars, three times of what the received initially, yet under their (NDA) leadership, it has not even doubled," says… pic.twitter.com/1D57u4Zotd
— Press Trust of India (@PTI_News) February 8, 2024
बीजेपी का 10 साल का कामकाज पूरी तरह विफल रहा : प्रियंका
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) की सांसद और प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेेदी ने कहा कि अर्थव्यवस्था के मामले में बीजेपी का 10 साल का कामकाज बिलकुल विफल रहा है. उन्होंने कहा, “ये व्हाइट पेपर दरअसल अर्थव्यवस्था के मामले में भारतीय जनता पार्टी के पिछले 10 साल के काले और कलंकित इतिहास को देश की जनता के सामने जरूर उजागर करेगा. महंगाई की बात हो, बेरोजगारी की बात हो, महिलाओं की बात हो, अर्थव्यवस्था में भागीदारी की बात हो, किसानों की बात हो, इन सारे मुद्दों पर वो विफल रहे हैं. आज देश की 80 करोड़ जनता को आपको राशन देना पड़ रहा है, क्योंकि आप उनको रोजगार नहीं दे पाए. तो इस व्हाइट पेपर में उनका 10 साल का कलंकित इतिहास ही दिखाई देगा.”
VIDEO | “This White Paper will throw light on BJP’s tarnished history of the past 10 years concerning our economy. Today, 80 per cent of the country’s population has to be given ration because you (NDA government) cannot provide them employment,” says Shiv Sena (UBT) MP Priyanka… pic.twitter.com/wnByGIYtRj
— Press Trust of India (@PTI_News) February 8, 2024
व्हाइट पेपर का मकसद सिर्फ चुनावी है : आरएसपी
समाजवादी पार्ट के सांसद डॉ. एसटी हसन ने भी व्हाइट पेपर की आलोचना करते हुए कहा कि बीजेपी तमाम मोर्चों पर अपनी नाकामियां छिपाने के लिए व्हाइट पेपर लेकर आई है. लेकिन जनता इनकी तमाम चालें अब समझ चुकी है. केरल से रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (RSP) के लोकसभा सांसद एन के प्रेमचंद्रन ने कहा कि व्हाइट पेपर लाने का मकसद होता है किसी मामले में मौजूदा स्थिति को साफ करना या कोई कनफ्यूजन हो तो उसको दूर करना. लेकिन 10 साल सरकार चलाने के बाद एक ऐसा व्हाइट पेपर लेकर आना, जिसमें पिछली सरकार पर आधारहीन आरोप लगाए गए हों, ऐसा तो पहले कभी सुना भी नहीं गया. बीजेपी सरकार अपना अंतरिम बजट भी पेश कर चुकी है, उसके बाद एक व्हाइट पेपर लेकर आने का औचित्य क्या है? इसके पीछे कुछ अलग ही मकसद छिपा है…और वो है अगले लोकसभा चुनाव को प्रभावित करना. यह सिर्फ एक चुनावी पैंतरा है, जिसके जरिए वे लोगों के बीच जाकर 10 साल पहले सत्ता में रही यूपीए सरकार पर आरोप लगाना चाहते हैं.