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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार ने पहलगाम हमले के बाद भारत द्वारा उठाए गए कदमों के जवाब में कई एलान किए हैं. (File Photo/IE)
Pakistan suspends trade with India, closes air space, calls Indus water treat ‘an act of war’: पहलगाम में हुए बर्बर आतंकी हमले के बाद भारत की ओर से उठाए गए कड़े कूटनीतिक कदमों के जवाब में पाकिस्तान ने भी गुरुवार को कई फैसलों का एलान किया. पाकिस्तान ने भारत के साथ सभी व्यापारिक रिश्ते तोड़ने की घोषणा करते हुए यह भी कहा कि अगर भारत ने सिंधु नदी का पानी रोका या मोड़ा, तो इसे 'युद्ध की कार्रवाई' माना जाएगा.
आतंकी हमले के बाद बढ़ा तनाव
बुधवार को पहलगाम में हुए बर्बर आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कदम उठाए हैं. इनमें सिंधु जल संधि को अस्थायी रूप से रोकना, पाकिस्तान उच्चायोग के अधिकारियों को निष्कासित करना, सभी वीजा रद्द करना, पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर भारत छोड़ने का आदेश देना और अटारी-वाघा बॉर्डर बंद करना शामिल है. इसके बाद गुरुवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ की अध्यक्षता में नेशनल सिक्योरिटी कमेटी (NSC) की बैठक हुई. इस बैठक के बाद पाकिस्तान ने कई जवाबी कदमों का ऐलान किया.
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सिंधु समझौते पर भारत के एक्शन का विरोध
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी बयान में कहा गया है, “पाकिस्तान भारत द्वारा सिंधु जल संधि को रोकने के निर्णय को पूरी तरह खारिज करता है. अगर भारत पानी के बहाव को रोकता या मोड़ता है, तो यह निचले इलाकों के अधिकारों का हनन होगा और इसे युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा.”
भारत के साथ व्यापार पर पूरी तरह रोक
पाकिस्तान ने भारत से आने-जाने वाले सभी व्यापार को तत्काल प्रभाव से रोकने का एलान भी किया है. इसमें किसी तीसरे देश के रास्ते होने वाला व्यापार भी शामिल है. इसके अलावा पाकिस्तान ने कहा है कि उसके हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल अब कोई भी भारतीय स्वामित्व वाली या भारतीय ऑपरेटेड एयरलाइन नहीं कर पाएगी.
वाघा बॉर्डर बंद, हाई कमीशन की ताकत घटाई
पाकिस्तान ने भारत से लगी वाघा बॉर्डर को भी बंद करने का फैसला किया है. साथ ही यह भी कहा है कि भारत में मौजूद पाकिस्तानी उच्चायोग के स्टाफ की संख्या घटाकर 30 कर दी जाएगी और भारत के रक्षा अधिकारियों को पाकिस्तान से निष्कासित किया जाएगा. पाकिस्तान ने यह कदम पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार द्वारा उठाए गए कूटनीतिक फैसलों के जवाब में लिए गए हैं.