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PM Internship 2.0 : 1 अगस्त से पीएम इंटर्नशिप स्कीम का दूसरा फेज शुरू, 7 लाख युवाओं को इंटर्नशिप का मौका

PMIS Scheme: पीएम इंटर्नशिप स्कीम का दूसरा पायलट फेज पहली अगस्त से शुरू होने जा रहा है. इस बार 7 लाख युवाओं को इंटर्नशिप का मौका मिलेगा, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 6 गुना ज्यादा है.

PMIS Scheme: पीएम इंटर्नशिप स्कीम का दूसरा पायलट फेज पहली अगस्त से शुरू होने जा रहा है. इस बार 7 लाख युवाओं को इंटर्नशिप का मौका मिलेगा, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 6 गुना ज्यादा है.

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FE Hindi Desk
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PM Internship Scheme 2025: Check How to apply at pminternship.mca.gov.in

PMIS: पीएम इंटर्नशिप स्कीम का दूसरा पायलट फेज 1 अगस्त से शुरू, FY26 में 7 लाख इंटर्नशिप देने का लक्ष्य. (Meta)

PM Internship Scheme Second Pilot Phase begins from August 1: देश की नामी कंपनियों में इंटर्नशिप की तलाश कर रहे युवाओं के लिए काम की खबर है. पहली अगस्त से पीएम इंटर्नशिप स्कीम (PMIS) का दूसरा पायलट फेज शुरू होने वाला है. इस बार FY26 के लिए 7 लाख इंटर्नशिप का लक्ष्य तय किया गया है, जो कि पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 6 गुना अधिक है. यह जानकारी सरकारी सूत्रों के हवाले से सोमवार को सामने आई है. 

सूत्रों के मुताबिक यह निर्णय पहले पायलट फेज में इंटर्न्स की भर्ती में आई देरी को देखते हुए लिया गया है. पहले फेज में दो राउंड के जरिए इंटर्नशिप के अवसर उपलब्ध कराए गए थे. अब सरकार की कोशिश है कि दूसरे पायलट फेज में स्कीम को और व्यवस्थित तरीके से लागू किया जाए, ताकि ज्यादा से ज्यादा युवाओं को तैयार किया जा सके.  

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पहले फेज में क्या रही दिक्कत?

अधिकारी ने बताया कि पहले पायलट फेज में कई कंपनियां 45 दिन के भीतर इंटर्न की भर्ती नहीं कर पाईं. रजिस्ट्रेशन की आखिरी तारीख 22 अप्रैल थी, लेकिन अब भी कुछ उम्मीदवार कंपनियों में जॉइन कर रहे हैं. फाइनल आंकड़ा तभी मिलेगा जब पूरी प्रक्रिया खत्म होगी.

पहले फेज में कितना स्टाइपेंड मिला?

पहले फेज में जिन इंटर्न्स की भर्ती हुई, उन्हें औसतन 15,000 रुपये मंथली स्टाइपेंड मिला, जो कि सरकार द्वारा तय मंथली 5,000 रुपये से तीन गुना ज्यादा है. कुछ इंटर्न्स को 40,000 से 45,000 रुपये तक भी ऑफर मिला. अधिकारी ने बताया कि ये सभी टॉप कंपनियां हैं, जिनके पास पहले से ही अपने इंटर्नशिप प्रोग्राम हैं. इसलिए PMIS का स्टाइपेंड उन्हीं के हिसाब से तय किया गया है. ये भर्तियां व्हाइट कॉलर और ब्लू कॉलर, दोनों तरह की नौकरियों के लिए हो रही हैं.

कई एक्सपर्ट मानते हैं कि स्कीम में तय स्टाइपेंड कम है, इसलिए कंपनियां खुद ज्यादा रकम दे रही हैं. इसके अलावा, कई मामलों में इंटर्न्स को खाना, रहना और सरकार की तरफ से 6,000 रुपये का वन-टाइम ग्रांट भी दिया जा रहा है, जिससे रिलोकेशन में मदद मिल सके.

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दूसरे फेज में इंटर्न की संख्या बढ़ने की उम्मीद

पहले पायलट फेज में FY25 के लिए तय किए गए 1.25 लाख इंटर्नशिप लक्ष्य के मुकाबले केवल 8,000 इंटर्न्स ही कंपनियों में ज्वॉइन कर सके थे. हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि स्कीम में किए गए सुधारों और कंपनियों के साथ बेहतर समन्वय के चलते दूसरे पायलट फेज में भागीदारी बढ़ने की पूरी संभावना है. जानकारी के मुताबिक, पहले पायलट फेज में दो राउंड के जरिए इंटर्नशिप के मौके उपलब्ध कराए गए थे. पहले राउंड के लिए रजिस्ट्रेशन 12 अक्टूबर से 15 नवंबर 2024 के बीच चला था, जबकि दूसरे राउंड के लिए यह प्रक्रिया 17 मार्च से 22 अप्रैल 2025 के बीच हुई. पहले फेज के दूसरे राउंड में अब तक 300 से अधिक कंपनियों ने करीब 90,000 इंटर्नशिप ऑफर की हैं.

कंपनियों के लिए चुनौती भरा काम

अधिकारी ने कहा, “इतनी बड़ी संख्या में इंटर्न भर्ती करना कंपनियों के लिए आसान नहीं है. उन्हें इंटरव्यू, बैकग्राउंड वेरिफिकेशन, आधार लिंक्ड बैंक अकाउंट, और अन्य नियम पूरे करने होते हैं, तभी ऑफर लेटर जारी हो पाते हैं.”

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PMIS और ELI स्कीम को मिलाया जा सकता है

सरकार अब विचार कर रही है कि PMIS को नई रोजगार प्रोत्साहन योजना (ELI Scheme) के साथ जोड़ दिया जाए, जिससे दोनों योजनाओं का बेहतर उपयोग हो सके. इस पर कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्रालय (जो PMIS को संभाल रहा है) और श्रम एवं रोजगार मंत्रालय (जो ELI स्कीम चलाएगा) के बीच बैठक भी हो चुकी है.

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5 साल में 1 करोड़ इंटर्नशिप देने का लक्ष्य

पीएम इंटर्नशिप स्कीम (PMIS) का उद्देश्य है कि अगले 5 सालों में देश के 1 करोड़ युवाओं को टॉप 500 कंपनियों में इंटर्नशिप का मौका दिया जाए, ताकि वे वास्तविक कारोबारी माहौल में काम करने का अनुभव हासिल कर सकें और भविष्य के लिए खुद को तैयार कर सकें. सरकार ने बजट 2024-25 में कॉम्प्रिहेन्सिव स्कीम के तहत इस लक्ष्य की घोषणा की थी, जिसके तहत युवाओं को उद्योग से जुड़ी व्यावहारिक ट्रेनिंग देकर उन्हें नौकरी योग्य बनाया जाएगा.

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