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PM Kisan : सरकार ने संसद में साफ कर दिया है कि ऐसा कोई प्रस्ताव फिलहाल विचार में नहीं है. (AI Generated)
PM Kisan 20th Installment: पिछले कुछ दिनों से ऐसी चर्चाएं हो रही थीं कि पीएम किसान योजना की 20वीं किस्त में 2000 रुपये की जगह बढ़ी हुई राशि दी जाएगी और किस्त में हो रही देरी की भरपाई सरकार अधिक पैसे देकर करेगी. लेकिन सरकार ने संसद में साफ कर दिया है कि ऐसा कोई प्रस्ताव फिलहाल विचार में नहीं है.
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) योजना को लेकर मंगलवार को संसद में झारखंड से सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी और उत्तर प्रदेश से सांसद सनातन पांडेय ने सरकार से पूछा कि क्या योजना का दायरा बढ़ाकर कृषि से जुड़े अन्य क्षेत्रों को भी इसमें शामिल करने की कोई योजना है? इसके जवाब में कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सरकार के पास इस योजना का दायरा बढ़ाने का कोई प्रस्ताव फिलहाल विचाराधीन नहीं है. यानी साफ है कि न तो किस्त की रकम बढ़ाई जा रही है और न ही योजना के दायरे में कोई बदलाव फिलहाल किया जा रहा है.
क्या है पीएम किसान योजना?
सरकार ने बताया कि PM-KISAN योजना फरवरी 2019 में शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य खेती योग्य ज़मीन रखने वाले किसानों की आर्थिक सहायता करना है. इसके तहत किसानों को 6,000 रुपये सालाना तीन बराबर किस्तों में आधार लिंक्ड बैंक खातों में सीधे DBT (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के ज़रिए भेजी जाती है.
डिजिटल और पारदर्शी प्रणाली के ज़रिए यह सुनिश्चित किया गया है कि किसानों को लाभ सीधे मिले, बिचौलियों की कोई भूमिका न हो. 16 जुलाई 2025 तक, सरकार ने 3.69 लाख करोड़ रुपये 19 किस्तों में किसानों को ट्रांसफर किए हैं.
ओडिशा में योजना का हाल: बरगढ़ और झारसुगुड़ा पर सवाल
ओडिशा के सांसद प्रदीप पुरोहित ने पूछा कि बरगढ़ और झारसुगुड़ा जिलों में योजना के लाभार्थियों की संख्या, वितरित राशि और तकनीकी कारणों से लाभ से वंचित किसानों की स्थिति क्या है?
इस पर कृषि राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने बताया -
- योजना का लाभ सिर्फ उन्हीं किसानों को मिलता है जिनके पास खेती योग्य ज़मीन हो.
- कुछ अपवाद जैसे उच्च आय वर्ग के लोग योजना के लिए अयोग्य हैं.
- जिन किसानों के आधार, लैंड रिकॉर्ड या ई-केवाईसी में गड़बड़ी है, उन्हें लाभ नहीं मिल पाता.
- लेकिन जैसे ही किसान ये प्रक्रिया पूरी करते हैं, उनका रोका गया लाभ और पिछली किस्तें भी भेज दी जाती हैं.
बरगढ़, झारसुगुड़ा समेत तमाम जिलों का पूरा डेटा दिया गया है.
असम में घोटाला: ADO अधिकारियों पर कार्रवाई
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने असम में योजना के क्रियान्वयन में घोटाले की बात उठाई. उन्होंने पूछा:
- क्या कृषि विकास अधिकारियों (ADOs) की संलिप्तता सामने आई है?
- कितने अधिकारी दोषी पाए गए और उन पर क्या कार्रवाई हुई?
- क्या कोई स्वतंत्र जांच शुरू हुई?
- और सरकार देशभर में निगरानी और शिकायत समाधान को कैसे मजबूत कर रही है?
कृषि राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने माना कि:
- असम में योजना की शुरुआत के शुरुआती दौर (2019) में कुछ गड़बड़ियाँ सामने आई थीं.
- राज्य सरकार ने 98 ADO सर्किलों के अधिकारियों पर विभागीय कार्यवाही शुरू की है.
- 1.54 करोड़ रुपये की राशि अपात्र लाभार्थियों से वसूली भी की गई है.
निगरानी और शिकायत समाधान के लिए सरकार की पहल
- सरकार ने देशभर में योजना के पारदर्शी संचालन के लिए कई कदम उठाए हैं:
- PFMS, UIDAI और आयकर विभाग से डेटा लिंक किया गया है.
- लैंड सीडिंग, आधार आधारित भुगतान और ई-केवाईसी अनिवार्य कर दिए गए हैं.
जो किसान ये जरूरी प्रक्रिया पूरी नहीं करते, उनका लाभ अस्थायी रूप से रोका जाता है, लेकिन बाद में सभी लंबित किस्तें दे दी जाती हैं.
शिकायतों के निवारण के लिए नए डिजिटल समाधान
- किसान शिकायतें अब CPGRAMS पोर्टल, PM-KISAN पोर्टल, फिजिकल एप्लिकेशन और ईमेल के ज़रिए दर्ज कर सकते हैं.
- सितंबर 2023 में सरकार ने AI-आधारित “किसान ई-मित्र चैटबॉट” लॉन्च किया, जो 11 भाषाओं में किसानों के सवालों का 24x7 जवाब देता है.
- 15 जुलाई 2025 तक इस चैटबॉट ने 53 लाख किसानों के 95 लाख सवालों का समाधान किया.