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Top 7 Infrastructure Funds: टॉप 7 इंफ्रा फंड्स ने 5 साल में शानदार रिटर्न दिए हैं, लेकिन इनके साथ जुड़े रिस्क फैक्टर्स को समझना भी जरूरी है. (Image : Freepik)
7 Best Infrastructure Mutual Funds With High Return : इंडिया की ग्रोथ स्टोरी में तेज रफ्तार से हो रहे इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट की बड़ी भूमिका है. इंफ्रास्ट्र्क्चर के क्षेत्र में हुए इस विकास का असर इस सेक्टर में निवेश पर फोकस करने वाले म्यूचुअल फंड्स के रिटर्न में भी नजर आ रहा है. बीते 5 साल में देश के टॉप 7 इंफ्रा फंड्स ने निवेशकों के पैसों को 4 से 5 गुना तक बढ़ा दिया है. इस दौरान इन फंड्स का लंपसम निवेश पर औसत सालाना रिटर्न 33% से 37% तक रहा है. साथ ही इन फंड्स ने SIP के जरिये किए गए इनवेस्टमेंट पर भी काफी आकर्षक रिटर्न दिए हैं. ये आंकड़े जिन 7 इंफ्रास्ट्रक्चर फंड्स के हैं, उनकी रेटिंग भी मजबूत रही है.
टॉप 7 इंफ्रास्ट्र्क्चर म्यूचुअल फंड्स का पिछला प्रदर्शन
हमने यहां जिन टॉप 7 इंफ्रास्ट्र्क्चर म्यूचुअल फंड्स के पिछले प्रदर्शन के आंकड़े दिए हैं, उनमें सिर्फ वही स्कीम शामिल हैं, जिनकी रेटिंग कम से कम 3 स्टार या उससे ज्यादा है.
1. आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल इंफ्रास्ट्रक्चर फंड - डायरेक्ट प्लान
(ICICI Prudential Infrastructure Fund - Direct Plan)
वैल्यू रिसर्च की रेटिंग : 5 स्टार
लंपसम पर 5 साल का औसत सालाना रिटर्न (CAGR): 37.40%
1 लाख रुपये के निवेश की 5 साल बाद वैल्यू : 4,89,704.01 (4.9 लाख) रुपये
SIP पर 5 साल का एन्युलाइज्ड रिटर्न : 31.23%
5,000 रुपये SIP की 5 साल में वैल्यू : 6,44,963 रुपये
एक्सपेंस रेशियो : 1.14%
2. एचडीएफसी इंफ्रास्ट्रक्चर फंड - डायरेक्ट प्लान
(HDFC Infrastructure Fund - Direct Plan)
वैल्यू रिसर्च की रेटिंग : 3 स्टार
लंपसम पर 5 साल का औसत सालाना रिटर्न (CAGR): 36.19 %
1 लाख रुपये के निवेश की 5 साल बाद वैल्यू : 4,68,517.8 (4.69 लाख) रुपये
SIP पर 5 साल का एन्युलाइज्ड रिटर्न : 29.79%
5,000 रुपये SIP की 5 साल में वैल्यू : 6,92,493.76 (6.92 लाख) रुपये
एक्सपेंस रेशियो : 1.06%
3. बंधन इंफ्रास्ट्रक्चर फंड - डायरेक्ट प्लान
(Bandhan Infrastructure Fund - Direct Plan)
वैल्यू रिसर्च की रेटिंग : 3 स्टार
लंपसम पर 5 साल का औसत सालाना रिटर्न (CAGR): 35.57 %
1 लाख रुपये के निवेश की 5 साल बाद वैल्यू : 4,57,949.91 (4.58 लाख) रुपये
SIP पर 5 साल का एन्युलाइज्ड रिटर्न : 28.48%
5,000 रुपये SIP की 5 साल में वैल्यू : 6,65,392.51 (6.65 लाख) रुपये
एक्सपेंस रेशियो : 0.84%
4. फ्रैंकलिन बिल्ड इंडिया फंड - डायरेक्ट प्लान
(Franklin Build India Fund - Direct Plan)
वैल्यू रिसर्च की रेटिंग : 5 स्टार
लंपसम पर 5 साल का औसत सालाना रिटर्न (CAGR): 34.18 %
1 लाख रुपये के निवेश की 5 साल बाद वैल्यू : 4,34,949.6 (4.35 लाख) रुपये
SIP पर 5 साल का एन्युलाइज्ड रिटर्न : 28.68%
5,000 रुपये SIP की 5 साल में वैल्यू : 6,69,448.94 (6.69 लाख) रुपये
एक्सपेंस रेशियो : 0.95%
5. डीएसपी इंडिया टाइगर फंड - डायरेक्ट प्लान
(DSP India T.I.G.E.R. Fund - Direct Plan)
वैल्यू रिसर्च की रेटिंग : 3 स्टार
लंपसम पर 5 साल का औसत सालाना रिटर्न (CAGR): 34.12%
1 लाख रुपये के निवेश की 5 साल बाद वैल्यू : 4,33,978.01 (4.34 लाख) रुपये
SIP पर 5 साल का एन्युलाइज्ड रिटर्न : 27.84%
5,000 रुपये SIP की 5 साल में वैल्यू : 6,52,603.77 (6.53 लाख) रुपये
एक्सपेंस रेशियो : 0.73%
6. कैनरा रोबेको इंफ्रास्ट्रक्चर फंड - डायरेक्ट प्लान
(Canara Robeco Infrastructure Fund - Direct Plan)
वैल्यू रिसर्च की रेटिंग : 4 स्टार
लंपसम पर 5 साल का औसत सालाना रिटर्न (CAGR): 33.28%
1 लाख रुपये के निवेश की 5 साल बाद वैल्यू : 4,20,557.05 (4.21 लाख) रुपये
SIP पर 5 साल का एन्युलाइज्ड रिटर्न : 28.34%
5,000 रुपये SIP की 5 साल में वैल्यू : 6,62,570.11 (6.63 लाख) रुपये
एक्सपेंस रेशियो : 0.98%
7. एलआईसी इंफ्रास्ट्रक्चर फंड - डायरेक्ट प्लान
(LIC MF Infrastructure Fund - Direct Plan)
वैल्यू रिसर्च की रेटिंग : 4 स्टार
लंपसम पर 5 साल का औसत सालाना रिटर्न (CAGR): 33.05%
1 लाख रुपये के निवेश की 5 साल बाद वैल्यू : 4,16,940.8 (4.17 लाख) रुपये
SIP पर 5 साल का एन्युलाइज्ड रिटर्न : 29.52%
5,000 रुपये SIP की 5 साल में वैल्यू : 6,86,804.24 (6.87 लाख) रुपये
एक्सपेंस रेशियो : 0.50%
इंफ्रास्ट्रक्चर फंड्स से जुड़े रिस्क फैक्टर
इन सभी इंफ्रास्ट्रक्चर फंड्स ने पिछले 5 साल में भले ही जोरदार रिटर्न दिए हों, लेकिन इनमें निवेश करने से पहले कुछ अहम रिस्क फैक्टर्स को समझना जरूरी है. इंफ्रास्ट्रक्चर फंड्स सेक्टोरल म्यूचुअल फंड होते हैं, जो खास तौर पर इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर पर फोकस करते हैं. लिहाजा, अगर किसी वजह से इस सेक्टर में ग्रोथ की रफ्तार धीमी पड़ जाए या राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय माहौल में हुए किसी बदलाव का निगेटिव असर इस सेक्टर पर पड़े, तो इस सेक्टर से जुड़े फंड्स के प्रदर्शन पर भी उसका असर पड़ सकता है.
इसके अलावा, एक ही सेक्टर के स्टॉक्स पर फोकस करने वाले सेक्टोरल फंड होने की वजह से इन फंड्स में वोलैटिलिटी की आशंका भी ज्यादा होती है. यानी बाजार के उतार-चढ़ाव का सीधा असर इन पर पड़ता है. इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को पूरा होने में आमतौर पर लंबा समय लगता है. कई बार उनमें देर होती या रेगुलेटरी दिक्कतें भी आ सकती हैं. इन बातों का भी फंड्स के रिटर्न पर असर पड़ सकता है. इन तमाम कारणों को ध्यान में रखते हुए ही इंफ्रास्ट्रक्चर फंड्स को रिस्कोमीर पर बहुत अधिक जोखिम (Very High Risk) की रेटिंग दी गई है.
सोच-समझकर लें फैसला
इंफ्रास्ट्रक्चर फंड्स में निवेश से जुड़ा कोई भी फैसला ऊपर दिए गए रिस्क फैक्टर्स को समझने के बाद ही करना चाहिए. अगर आप लंबी अवधि के लिए निवेश करने की तैयारी रखते हैं और बाजार की अस्थिरता को झेलने की क्षमता रखते हैं, तो इंफ्रास्ट्रक्चर फंड्स को अपने पोर्टफोलियो में शामिल करने पर विचार कर सकते हैं. बीते 5 सालों का प्रदर्शन इन फंड्स की क्षमता को दिखाता है, लेकिन सिर्फ रिटर्न देखकर निवेश करने की जगह ऊपर बताए गए फैक्टर्स, फंड के एक्सपेंस रेशियो, पोर्टफोलियो स्ट्रक्चर और अपनी रिस्क लेने की क्षमता को ध्यान में रखना जरूरी है.
(डिस्क्लेमर : इस आर्टिकल का मकसद सिर्फ जानकारी देना है. निवेश की सिफारिश करना नहीं. म्यूचुअल फंड्स का पिछला रिटर्न, आगे भी जारी रहने की गारंटी नहीं होती. निवेश से जुड़े फैसले करने से पहले अपने निवेश सलाहकार की राय जरूर लें.)