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Svamitva Scheme: पीएम मोदी ने बांटे 65 लाख स्वामित्व प्रापर्टी कार्ड्स, क्या है यह स्कीम? करोड़ों ग्रामीणों को इस कार्ड से कैसे मिलेगी मदद?

Svamitva Scheme: स्वामित्व योजना पुडुचेरी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, त्रिपुरा, गोवा, उत्तराखंड और हरियाणा में पूरी तरह से लागू हो चुकी है. मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ तथा कई केंद्र शासित प्रदेशों में ड्रोन सर्वेक्षण पूरा हो चुका है.

Svamitva Scheme: स्वामित्व योजना पुडुचेरी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, त्रिपुरा, गोवा, उत्तराखंड और हरियाणा में पूरी तरह से लागू हो चुकी है. मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ तथा कई केंद्र शासित प्रदेशों में ड्रोन सर्वेक्षण पूरा हो चुका है.

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Mithilesh Kumar
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Svamitva Scheme, Svamitva Praperty Cards

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वामित्व योजना के तहत आज 65 लाख से अधिक प्रापर्टी कार्ड्स ग्रामीणों को सौंपा. Photograph: (x/@mygovindia)

Svamitva property cards: प्रधानमंत्री मोदी ने आज स्वामित्व योजना के तहत 65 लाख से अधिक प्रापर्टी कार्ड बांटे. उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 10 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों के 50,000 से अधिक गांवों में कार्ड वितरित करते हुए आज के दिन ग्रामीण भारत के लिए ऐतिहासिक बताया और योजना के सभी लाभार्थियों और लोगों को बधाई दी. प्रधानमंत्री ने कहा कि 5 साल पहले स्वामित्व योजना शुरू की गई थी ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को उनके संपत्ति कार्ड मिल सकें. उन्होंने कहा कि विभिन्न राज्यों में संपत्ति मालिकाना प्रमाणपत्रों को अलग-अलग नामों से जाना जाता है, जैसे घरौनी, अधिकार अभिलेख, संपत्ति कार्ड, मालमत्ता पत्रक, और आवासीय भूमि पट्टा.

पिछले 5 सालों में 1.5 करोड़ लोगों को स्वामित्व कार्ड जारी किए गए हैं. आज के कार्यक्रम में उन्होंने बताया कि 65 लाख से अधिक परिवारों को ये कार्ड मिले हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वामित्व योजना के तहत अब गांवों में लगभग 2.25 करोड़ लोगों को उनके घरों के लिए कानूनी दस्तावेज मिल चुके हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि संपत्ति अधिकार दुनिया भर में एक बड़ी चुनौती है, संयुक्त राष्ट्र ने अपनी एक स्टडी बताया है कि गरीबी उन्मूलन के लिए संपत्ति अधिकार जरूरी है. स्वामित्व योजना क्या है और इससे कैसे लोगों को मदद मिलने वाली है, यहां डिटेल देख सकते हैं.

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क्या है स्वामित्व योजना?

ग्रामीण इलाकों में जमीन के रिकॉर्ड को डिजिटल तरीके से तैयार किया जाता है. स्वामित्व योजना (SVAMITVA Scheme) पंचायती राज मंत्रालय की एक पहल है, जिसका योजना का उद्देश्य ड्रोन और जीआईएस तकनीक का इस्तेमाल करके ग्रामीण इलाकों में जमीन के मालिकों को रिकॉर्ड ऑफ राइट्स यानी अधिकार पत्र उपलब्ध करना है. इससे वे अपने संपत्तियों का उपयोग आर्थिक लाभ के लिए जैसे कि लोन लेने में कर सकते हैं. ग्रामीण इलाकों में जमीन से जुड़े विवादों को कम करने और ग्रामीण भारत की आर्थिक प्रगति के लिए 24 अप्रैल, 2020 को स्वामित्व योजना की शुरु की गई थी.

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स्वामित्व प्रापर्टी कार्ड से कैसे मिलेगी मदद?

पीएम मोदी ने कहा कि हमने स्वामित्व योजना शुरू की. हमने तय किया कि ड्रोन की मदद से देश के गांव-गांव में घरों की... जमीनों की मैपिंग कराई जाएगी... गांव के लोगों को उनकी आवासीय संपत्ति के कागज दिए जाएंगे. आज लाखों लोगों को स्वामित्व प्रापर्टी कार्ड भी बांटे गए. इस कार्ड से लोगों को कैसे मदद मिलेगी यहां डिटेल चेक कर सकते हैं.

  • स्वामित्व योजना लोगों को अपनी संपत्ति का मालिकाना हक दिलाने में मदद करती है.
  • इससे लोग अपनी संपत्ति पर बैंक से लोन ले सकते हैं
  • संपत्ति से जुड़े विवाद कम होंगे.
  • ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्ति का मूल्यांकन आसान होगा.
  • इस योजना से गांव के विकास की प्लानिंग बनाने और उसे धरातल पर उतारने में मदद मिलेगी.

ड्रोन सर्वेक्षण 3.17 लाख गांवों में पूरा किया गया है, जो लक्षित गांवों का 92% कवर करता है. अब तक, 1.53 लाख गांवों के लिए लगभग 2.25 करोड़ संपत्ति कार्ड तैयार किए जा चुके हैं. यह योजना पुडुचेरी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, त्रिपुरा, गोवा, उत्तराखंड और हरियाणा में पूरी तरह से लागू हो चुकी है. मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ तथा कई केंद्र शासित प्रदेशों में ड्रोन सर्वेक्षण पूरा हो चुका है.

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पहले और स्वामित्व योजना लागू होने से क्या कुछ हुए बदलाव

एक्स पर MyGovIndia द्वारा किए एक पोस्ट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वामित्व योजना आने के बाद क्या कुछ बदला हैं यहां दिए गए डिटेल समझा जा सकता है.

SVAMITVA योजना से पहले कई ग्रामीणों को बिना किसी आधिकारिक भूमि दस्तावेज के कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था, जिससे अनिश्चितता और विवाद उत्पन्न होते थे. लेकिन अब इस योजना की सफलता के साथ, जो केवल 3.5 सालों में लगभग 92% गांवों को कवर कर चुकी है, संपत्ति का मालिकाना हक सुरक्षित हुआ है, जिससे ग्रामीण भारत के लाखों लोगों को स्थिरता और स्पष्ट अधिकार मिला है.

ग्रामीण भारत में भूमि विवाद एक सामान्य समस्या थी क्योंकि मालिकाना हक स्पष्ट नहीं था और रिकॉर्ड पुराने थे. SVAMITVA स्कीम के डिजिटल प्रॉपर्टी कार्ड ने इन विवादों को कम किया है, जिससे भूमि मालिकों को स्पष्टता और सुरक्षा मिली है.

SVAMITVA से पहले, स्थानीय सरकारों को सही रिकॉर्ड की कमी के कारण संपत्ति कर संग्रह में कठिनाई होती थी लेकिन SVAMITVA के तहत भूमि रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण के साथ, स्थानीय प्राधिकरण अब संपत्ति कर का सही आकलन कर सकते हैं, जिससे ग्राम पंचायतों के लिए राजस्व बढ़ता है और ग्रामीण विकास में तेजी आती है.

SVAMITVA से पहले, महिलाओं को पारंपरिक प्रथाओं के कारण संपत्ति अधिकारों का दावा करने में बाधाओं का सामना करना पड़ता था लेकिन SVAMITVA के तहत, अब महिलाओं को कानूनी संपत्ति मालिकाना दस्तावेज मिलते हैं, जो उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाते हैं और ग्रामीण समुदायों में लैंगिक समानता को बढ़ावा देते हैं.

SVAMITVA से पहले, गलत भूमि रिकॉर्ड ने बुनियादी ढांचे की योजना और विकास में रुकावट डाली लेकिन अब ड्रोन मैपिंग और डिजिटल भूमि रिकॉर्ड के सामूहिक प्रयास से ग्रामीण भारत में स्मार्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर योजना. SVAMITVA चुनौतियों को अवसरों में बदल रहा है ताकि संसाधनों का बेहतर उपयोग और विकास हो सके.

स्वामित्व योजना के तहत प्रॉपर्टी कार्ड का ई-वितरण कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वामित्व प्रॉपर्टी कार्ड आर्थिक सुरक्षा की बड़ी गारंटी बन चुके हैं.

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स्वामित्व योजना की क्या है खासियत

  • प्रधानमंत्री द्वारा स्वामित्व योजना को नवीनतम सर्वेक्षण ड्रोन तकनीक के माध्यम से गांवों में बसावट क्षेत्रों में घरों के मालिकों को 'अधिकार पत्र' प्रदान करके ग्रामीण भारत की आर्थिक प्रगति को बढ़ाने के विजन के साथ शुरू किया गया था.
  • यह योजना ग्रामीण भूमि के हिस्सों का सर्वेक्षण करने के लिए ड्रोन तकनीक का उपयोग करती है.
  • यह 2020 से 2025 तक भारत के 6.62 लाख गांवों में चरणबद्ध तरीके से लागू की जा रही है.
  • इसका पायलट चरण 2020-21 में छह राज्यों में हुआ, जिसमें 1 लाख गांवों को कवर किया गया.
  • इसके उद्देश्य हैं: ग्रामीणों के लिए वित्तीय स्थिरता, योजना के लिए सही भूमि रिकॉर्ड, संपत्ति कर निर्धारण, ग्राम पंचायत विकास योजनाओं में सुधार, और संपत्ति विवादों को कम करना.
  • यह सेंटीमीटर एक्युरेट मैपिंग के लिए खास रिफरेंस स्टेशन (Continuously Operating Reference Stations - CORS) नेटवर्क का उपयोग करता है.
  • इसके परिणामस्वरूप अपडेटेड राजस्व संपत्ति रजिस्टर और संपत्ति कार्ड जारी किए जाते हैं, जो DigiLocker के माध्यम से भी उपलब्ध होते हैं.
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